ऑनलाइन क्लास के लिए गाइडलाइन जारी, बच्चों को यौन शोषण से बचाने के लिए एनसीईआरटी ने की पहल, कई उपयोगी सुझाव दिए।
ऑनलाइन कक्षा के चलते बच्चों के साथ न हो जाए यौन शोषण, NCERT ने बचने के लिए जारी की गाइडलाइन
चाइल्ड पोर्न... सेक्सी चाइल्ड... टीन सेक्स वीडियो.... इन कीवर्ड की सर्च लॉकडाउन में 95 फीसदी बढ़ गई। लॉकडाउन के शुरुआती 11 दिनों में चाइल्ड इंडिया हेल्पलाइन पर 92 हजार से ज्यादा शिकायतें आईं। ऑनलाइन कक्षाओं और कम्पनियों के डबल डाटा ने बाल यौन शोषण को बढ़ा दिया है। इण्डिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फण्ड की रिपोर्ट के बाद एनसीईआरटी ने ऑनलाइन कक्षाओं के लिए गाइडलाइन जारी की है।
इसमें मजबूत पासवर्ड रखना, पासवर्ड बदलना, फोटो या वीडियो पूरी सुरक्षा के साथ सोशल मीडिया पर डालना, नेटवर्क सिक्योरिटी अच्छी करना और किसी भी तरह के खतरे के समय नेटवर्किंग साइट की सपोर्ट टीम को रिपेार्ट किया जा सकने सुझाव शामिल हैं। ओपन सोर्स या लाइसेंस सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने का सुझाव भी दिया गया है। कम्प्यूटर में एंटीवायरस डालने और ऑटो अपडेट का विकल्प भी रखें।
अपनी या किसी भी दोस्त की व्यक्तिगत जानकारी जैसे स्कूल, उम्र, फोन नंबर साझा न करने, पर्सनल डिवाइस जैसे पेन ड्राइव, हार्ड ड्राइव आदि पब्लिक कम्प्यूटर पर इस्तेमाल न करने, कुछ एक्सटेंशन वाली (.bat, .cmd, .exe, .pif ) वाली फाइलें न खोलते हुए उन्हें ब्लॉक कर दें। अपने एकाउंट से लॉगआउट करके ही उठें।
साइबर बुलिंग से ऐसे बचें
यदि कोई साइबर बुलिंग कर रहा है तो उसे अनदेखा करें। किसी भी तरह का जवाब देने से बचे।
यदि कोई आपको अश्लील फोटो या ऐसा कुछ भेज रहा है तो उसे ब्लॉक करें और सोशल नेटवर्किंग साइट में इसे रिपोर्ट करें। यदि आपको लगता है कि साइबर बुलिंग हो रही है तो स्क्रीन शॉट लें। इसका रिकार्ड रखें। अपने अभिभावकों व शिक्षकों को बताएं, उनकी मदद लें। सोशल मीडिया एकाउंट की प्राइवेसी सेटिंग कड़ी करें। ऐसे किसी से भी बात न करें जिसे आप असल जिंदगी में न जानते हों। यदि कोई आपको परेशान करे तो 112 पर फोन करें
लखनऊ में भी बाल यौन शोषण वाले कंटेंट की है मांग
आईसीपीएफ का सर्वे 3 से 14 दिसम्बर 2019 में किया गया था लेकिन लॉकडाउन में अन्य स्रोतों व एआई के टूल्स के जरिए प्राप्त जानकारी को शामिल करते हुए बच्चों के प्रति यौन हिंसा के प्रति सावधान रहने की हिदायत दी है। पोर्नहब वेबसाइट के मुताबिक 24 से 26 मार्च के बीच भारत से इस वेबसाइट पर आने वालों में 95 फीसदी का उछाल आया।
वहीं आईसीपीएफ का सर्वे देश भर के 100 शहरों में 14,28,531 लोगों पर किया गया। आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के टूल्स के जरिए ऐसे लोगों को ट्रैक किया गया। फेसबुक, गूगल व इंस्टा से ऐसे लोगों को चिह्नित किया गया। सर्वे के मुताबिक यूपी के लखनऊ व आगरा में भी सीएसएएम कंटेंट (चाइल्ड सेक्स एब्यूसिंग मैटिरियल ) की मांग बहुत ज्यादा है। सर्वे में सामने आया कि इस्तेमाल करने वालों में 90 फीसदी पुरुष हैं। चूंकि भारत सरकार ऐसे मामलों को लेकर गतिरोध पैदा करती है लिहाजा ज्यादातर लोग वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क इस्तेमाल कर रहे हैं।
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