यूपी बोर्ड : हाईस्कूल और इंटर के नाम में नहीं होगा अंतर, इस साल अब 10वीं के रोलनम्बर से 11वीं में करा रहे पंजीकरण।
प्रयागराज : यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में नाम या माता-पिता के नाम में भी अंतर नहीं होगा। लाखों परीक्षार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने इस साल से 11वीं का रजिस्ट्रेशन 10वीं के रोल नंबर से करने का अनूठा प्रयोग शुरू किया है।
इस साल हाईस्कूल की परीक्षा पास करने वाले छात्र छात्राओं के 11वीं में अग्रिम पंजीकरण के लिए सिर्फ 10वीं का रोल नंबर ऑनलाइन फॉर्म में भरना होगा। ऐसा करने पर बच्चे का पूरा विवरण जैसे नाम, माता-पिता का नाम (हिन्दी व अंग्रेजी) आदि अपनेआप आ जाएगा। उसके बाद प्रधानाचार्यों को बच्चे द्वारा सिर्फ 11वीं में लिए गए विषय और फीस आज का ब्योरा अलग से भरना होगा।
इसका फायदा यह होगा कि जो सूचनाएं हाईस्कूल के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में है वही सूचनाएं 11वीं के अग्रिम पंजीकरण में अपनेआप आ जाएगी और उन्हीं के आधार पर आगे इंटर का फॉर्म भरा जाएगा। इस प्रयोग से बच्चों को 10वीं और 12वीं के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में अपने या माता-पिता के नाम में गड़बड़ी के संशोधन के लिए भटकना नहीं होगा। वर्तमान में यूपी बोर्ड के 10वीं के 28 हजार और 12वीं तक के 17 हजार स्कूल हैं।
बड़ी संख्या में 10वीं पास करने वाले छात्र 11वीं में दूसरे स्कूलों में प्रवेश लेते हैं। नये सिरे से फॉर्म भरने के कारण टाइपिंग में बड़ी गलतियां होती है। वैसे प्रधानाचार्य स्कूल स्तर पर अभी पुराने तरीके से ही बच्चों का फॉर्म भरवा रहे हैं। उनका कहना है कि स्कूल के अपने रिकॉर्ड और 11वीं में विषय के चुनाव के लिए फॉर्म भरवाया जा रहा है। लेकिन इन्हीं बच्चों का यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर फॉर्म 10वीं के रोल नंबर के आधार पर ही भरा जाएगा। हालांकि दूसरे बोर्ड सीबीएसईया सीआईएससीई से आकर यूपी बोर्ड के स्कूलों में 11वीं में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं का फॉर्म प्रधानाचार्यों को नये सिरे से भरना होगा। क्योंकि उनका डाटा बैंक बोर्ड के पास नहीं है।
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र में छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता के नाम में त्रुटि की बड़ी शिकायत मिलती थी। इसे दूर करने के लिए पिछले साल अभिभावकों की अंडरटेकिंग लेना शुरू किया गया था। इस साल से 11वीं का अग्रिम पंजीकरण 10वीं के रोल नंबर से करवा रहे हैं ताकि इस गड़बड़ी को दूर किया जा सके। -दिव्यकांत शुक्ल, सचिव यूपी बोर्ड
प्रयागराज : यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में नाम या माता-पिता के नाम में भी अंतर नहीं होगा। लाखों परीक्षार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने इस साल से 11वीं का रजिस्ट्रेशन 10वीं के रोल नंबर से करने का अनूठा प्रयोग शुरू किया है।
इस साल हाईस्कूल की परीक्षा पास करने वाले छात्र छात्राओं के 11वीं में अग्रिम पंजीकरण के लिए सिर्फ 10वीं का रोल नंबर ऑनलाइन फॉर्म में भरना होगा। ऐसा करने पर बच्चे का पूरा विवरण जैसे नाम, माता-पिता का नाम (हिन्दी व अंग्रेजी) आदि अपनेआप आ जाएगा। उसके बाद प्रधानाचार्यों को बच्चे द्वारा सिर्फ 11वीं में लिए गए विषय और फीस आज का ब्योरा अलग से भरना होगा।
इसका फायदा यह होगा कि जो सूचनाएं हाईस्कूल के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में है वही सूचनाएं 11वीं के अग्रिम पंजीकरण में अपनेआप आ जाएगी और उन्हीं के आधार पर आगे इंटर का फॉर्म भरा जाएगा। इस प्रयोग से बच्चों को 10वीं और 12वीं के अंकपत्र सह प्रमाणपत्र में अपने या माता-पिता के नाम में गड़बड़ी के संशोधन के लिए भटकना नहीं होगा। वर्तमान में यूपी बोर्ड के 10वीं के 28 हजार और 12वीं तक के 17 हजार स्कूल हैं।
बड़ी संख्या में 10वीं पास करने वाले छात्र 11वीं में दूसरे स्कूलों में प्रवेश लेते हैं। नये सिरे से फॉर्म भरने के कारण टाइपिंग में बड़ी गलतियां होती है। वैसे प्रधानाचार्य स्कूल स्तर पर अभी पुराने तरीके से ही बच्चों का फॉर्म भरवा रहे हैं। उनका कहना है कि स्कूल के अपने रिकॉर्ड और 11वीं में विषय के चुनाव के लिए फॉर्म भरवाया जा रहा है। लेकिन इन्हीं बच्चों का यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर फॉर्म 10वीं के रोल नंबर के आधार पर ही भरा जाएगा। हालांकि दूसरे बोर्ड सीबीएसईया सीआईएससीई से आकर यूपी बोर्ड के स्कूलों में 11वीं में प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं का फॉर्म प्रधानाचार्यों को नये सिरे से भरना होगा। क्योंकि उनका डाटा बैंक बोर्ड के पास नहीं है।
हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंकपत्र में छात्र-छात्राओं और उनके माता-पिता के नाम में त्रुटि की बड़ी शिकायत मिलती थी। इसे दूर करने के लिए पिछले साल अभिभावकों की अंडरटेकिंग लेना शुरू किया गया था। इस साल से 11वीं का अग्रिम पंजीकरण 10वीं के रोल नंबर से करवा रहे हैं ताकि इस गड़बड़ी को दूर किया जा सके। -दिव्यकांत शुक्ल, सचिव यूपी बोर्ड
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