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Friday, August 21, 2020

साल भर तय होते रहे शिक्षक भर्ती के पद, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में 2019 जुलाई से चल रही प्रक्रिया, जिलों से रिक्त पदों का ऑनलाइन मांगा ब्योरा, टास्क फोर्स से जांच

साल भर तय होते रहे शिक्षक भर्ती के पद, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में 2019 जुलाई से चल रही प्रक्रिया, जिलों से रिक्त पदों का ऑनलाइन मांगा ब्योरा, टास्क फोर्स से जांच।

प्रयागराज : शिक्षक भर्ती करने में लेटलतीफी जारी है। एक और शासन नए उप्र शिक्षा चयन आयोग का आठ माह में गठन नहीं कर सका है तो वहीं, दूसरी ओर चयन बोर्ड एक साल में शिक्षक भर्ती का विज्ञापन नहीं जारी कर सका है। साल भर से भर्ती के पद तय करने की मशक्कत होती रही। अब संकेत हैं कि जल्द ही विज्ञापन जारी करके भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। इसकी तैयारी तेज है।




उत्तर प्रदेश अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक कॉलेजों के लिए प्रधानाचार्य, प्रवक्ता और प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक चयन उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड करता है। 2019 में चयन बोर्ड ने पहली बार जिला विद्यालय निरीक्षकों से ऑनलाइन अधियाचन (रिक्त पदों का ब्योरा) मांगा था। जुलाई से सात अगस्त तक करीब 40 हजार अधियाचन मिले। उनमें से डीआइओएस ने कितने पदों को सत्यापित किया, ये स्पष्ट नहीं है। भर्ती का विज्ञापन जारी करने से पहले माध्यमिक शिक्षा विभाग ने पदों की संख्या ज्यादा होने पर सवाल उठाया, क्योंकि कॉलेजों में छात्र-छात्राओं की संख्या से शिक्षकों के स्वीकृत पद काफी अधिक हैं। रिक्त पदों का सत्यापन कराने के लिए टास्क फोर्स का गठन हुआ। जांच में सामने आया कि कई कॉलेजों में छात्रों की संख्या कम है और वहां कार्यरत शिक्षक ज्यादा हैं। बहरहाल, जांच रिपोर्ट पर सामने नहीं आ सकी है। इसी बीच विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा की ओर से जारी पत्र वायरल हुआ, उसमें करीब बीस हजार से पद खाली बताया गया है। उम्मीद है कि इतने पदों का जल्द विज्ञापन जारी होगा।

चयन बोर्ड ने भर्ती की समयसारिणी हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में दाखिल की थी। उसमें अक्टूबर 2019 में नया विज्ञापन जारी होने और 2021 में भर्ती पूरा होने का दावा किया गया था। 2016 के बाद से अब तक चयन बोर्ड कोई भर्ती नहीं निकाल सका है, जबकि विभाग में शिक्षकों के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। संकेत हैं कि नई भर्ती का विज्ञापन अगले माह जारी होगा।


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