फतेहपुर : अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के लाभ से 218 बच्चे वंचित, स्कूलों में सीटें न खाली होने से आवेदकों को मिली निराशा।
फतेहपुर : ऑनलाइन आवेदन के बाद गरीब परिवार के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलना कठिन हो रहा है। लाटरी सिस्टम से स्कूलों का आवंटन होने से 218 गरीब बच्चों को निजी स्कूलों दाखिला नहीं मिल सका। दो चरण की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के सत्यापन में 370 आवेदन फार्म रिजेक्ट भी हुए हैं। अंतिम चरण की आवेदन प्रक्रिया सोमवार की रात को समाप्त हो जाएगी।
अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में पहली कक्षा से गरीब परिवार के बच्चों का 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला लेना जरूरी होता है। इन बच्चों की पांच सौ रुपये मासिक फीस स्कूल के खाते में शासन से भेजा जाता है। इसके अलावा 5000 रुपये अभिभावक के खाते में सालाना दिए जाते हैं। पहले चरण में 525 और दूसरे चरण में 174 बच्चों को निजी स्कूलों में अनिवार्य शिक्षा अधिनियम में दाखिला मिला है। पहले चरण में 165 और दूसरे चरण में 53 गरीब परिवार के बच्चों का नाम लाटरी सिस्टम में नहीं आया। अभी तीसरे एवं अंतिम चरण की आवेदन प्रक्रिया चल रही है। सोमवार रात 12 बजे तक ही अभिभावक बच्चे के प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि आवेदन लेने के बाद फार्मों का सत्यापन किया जाता है। जो आवेदन सही पाए जाते हैं, उनमें लाटरी सिस्टम से स्कूल आवंटित होते हैं। अगर किसी की सीटें स्कूल भर गई हैं, तो उसमें प्रवेश के लिए आए आवेदन रद्द कर दिए जाते हैं। क्योंकि कोई भी स्कूल अपने तय कोटे से अधिक प्रवेश नहीं ले सकता है।
फतेहपुर : ऑनलाइन आवेदन के बाद गरीब परिवार के बच्चों को निजी स्कूलों में दाखिला मिलना कठिन हो रहा है। लाटरी सिस्टम से स्कूलों का आवंटन होने से 218 गरीब बच्चों को निजी स्कूलों दाखिला नहीं मिल सका। दो चरण की ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया के सत्यापन में 370 आवेदन फार्म रिजेक्ट भी हुए हैं। अंतिम चरण की आवेदन प्रक्रिया सोमवार की रात को समाप्त हो जाएगी।
अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में पहली कक्षा से गरीब परिवार के बच्चों का 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला लेना जरूरी होता है। इन बच्चों की पांच सौ रुपये मासिक फीस स्कूल के खाते में शासन से भेजा जाता है। इसके अलावा 5000 रुपये अभिभावक के खाते में सालाना दिए जाते हैं। पहले चरण में 525 और दूसरे चरण में 174 बच्चों को निजी स्कूलों में अनिवार्य शिक्षा अधिनियम में दाखिला मिला है। पहले चरण में 165 और दूसरे चरण में 53 गरीब परिवार के बच्चों का नाम लाटरी सिस्टम में नहीं आया। अभी तीसरे एवं अंतिम चरण की आवेदन प्रक्रिया चल रही है। सोमवार रात 12 बजे तक ही अभिभावक बच्चे के प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि आवेदन लेने के बाद फार्मों का सत्यापन किया जाता है। जो आवेदन सही पाए जाते हैं, उनमें लाटरी सिस्टम से स्कूल आवंटित होते हैं। अगर किसी की सीटें स्कूल भर गई हैं, तो उसमें प्रवेश के लिए आए आवेदन रद्द कर दिए जाते हैं। क्योंकि कोई भी स्कूल अपने तय कोटे से अधिक प्रवेश नहीं ले सकता है।
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