पीलीभीत : ऑनलाइन ट्रेनिंग पर शिक्षक और जिला समन्वयक आमने-सामने, शिक्षकों ने सूचना न देने का लगाया आरोप, 34 शिक्षकों का वेतन रोकने पर मचा बवाल।
पीलीभीत :: ऑनलाइन ट्रेनिंग में शामिल न होने पर शिक्षक और जिला समन्वयक आमने-सामने आ गए हैं। दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें लिंग की सूचना नहीं दी गई जबकि जिला समन्वयक ने सूचना देने के बाद भी ट्रेनिंग में शामिल न होने की बात कही। समन्वयक और खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर बीएसए ने 34 शिक्षकों का वेतन ट्रेनिंग में शामिल न होने पर रोक लगा दी है। इसे लेकर शिक्षकों में रोष है। शिक्षकों ने बीएसए से भी इस मामले की शिकायत की है।
कोरोना काल में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग कराई जा रही है। इसका मकसद ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देना है। शिक्षकों को ट्रेनिंग की सूचना के लिए कई ग्रुप भी बनाए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि फोन से भी शिक्षकों को सूचना दी जाती है। ऑनलाइन ट्रेनिंग कराने की जिम्मेदारी जिला समन्वयक दीपक जायसवाल को सौंपी गई है। बरखेड़ा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्रों की 20 से 24 जुलाई तक ऑनलाइन ट्रेनिंग कराई जानी थी।
जिला समन्वयक के मुताबिक शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों ने ऑनलाइन क्लास ज्वाइन नहीं की। बरखेड़ा खंड शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक ने ऐसे 34 शिक्षकों की सूची बनाकर बीएसए देवेंद्र स्वरूप को सौंप दी। बीएसए ने इनके वेतन पर रोक लगा दी। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें जिला समन्वयक द्वारा ट्रेनिंग की सूचना नहीं दी गई। न ही ग्रुप में जोड़ा गया है। गलत तरीके से रिपोर्ट देकर उनके वेतन पर रोक लगाई गई है।
इधर, जिला समन्वयक का कहना है कि सभी को ऑनलाइन ट्रेनिंग की सूचना दी गई थी। इसके बाद भी शिक्षकों ने बिना कारण बताए ही ट्रेनिंग को ज्वाइन नहीं किया था। बीएसए ने बताया कि ऑनलाइन ट्रेनिंग ग्रुप में जोड़े होने की जानकारी उन्हें नहीं है। इस मामले में जिला समन्वयक से जानकारी की जाएगी।
शिक्षकों ने सूचना न देने का लगाया आरोप, तो जिला समन्वयक ने सूचना देने की कही बात
बरखेड़ा ब्लॉक के विद्यालयों में 34 शिक्षकों का वेतन रोकने पर मचा बवाल
पीलीभीत :: ऑनलाइन ट्रेनिंग में शामिल न होने पर शिक्षक और जिला समन्वयक आमने-सामने आ गए हैं। दोनों एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें लिंग की सूचना नहीं दी गई जबकि जिला समन्वयक ने सूचना देने के बाद भी ट्रेनिंग में शामिल न होने की बात कही। समन्वयक और खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर बीएसए ने 34 शिक्षकों का वेतन ट्रेनिंग में शामिल न होने पर रोक लगा दी है। इसे लेकर शिक्षकों में रोष है। शिक्षकों ने बीएसए से भी इस मामले की शिकायत की है।
कोरोना काल में बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग कराई जा रही है। इसका मकसद ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देना है। शिक्षकों को ट्रेनिंग की सूचना के लिए कई ग्रुप भी बनाए गए हैं। बेसिक शिक्षा विभाग का दावा है कि फोन से भी शिक्षकों को सूचना दी जाती है। ऑनलाइन ट्रेनिंग कराने की जिम्मेदारी जिला समन्वयक दीपक जायसवाल को सौंपी गई है। बरखेड़ा ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक, अनुदेशक और शिक्षामित्रों की 20 से 24 जुलाई तक ऑनलाइन ट्रेनिंग कराई जानी थी।
जिला समन्वयक के मुताबिक शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशकों ने ऑनलाइन क्लास ज्वाइन नहीं की। बरखेड़ा खंड शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयक ने ऐसे 34 शिक्षकों की सूची बनाकर बीएसए देवेंद्र स्वरूप को सौंप दी। बीएसए ने इनके वेतन पर रोक लगा दी। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें जिला समन्वयक द्वारा ट्रेनिंग की सूचना नहीं दी गई। न ही ग्रुप में जोड़ा गया है। गलत तरीके से रिपोर्ट देकर उनके वेतन पर रोक लगाई गई है।
इधर, जिला समन्वयक का कहना है कि सभी को ऑनलाइन ट्रेनिंग की सूचना दी गई थी। इसके बाद भी शिक्षकों ने बिना कारण बताए ही ट्रेनिंग को ज्वाइन नहीं किया था। बीएसए ने बताया कि ऑनलाइन ट्रेनिंग ग्रुप में जोड़े होने की जानकारी उन्हें नहीं है। इस मामले में जिला समन्वयक से जानकारी की जाएगी।
शिक्षकों ने सूचना न देने का लगाया आरोप, तो जिला समन्वयक ने सूचना देने की कही बात
बरखेड़ा ब्लॉक के विद्यालयों में 34 शिक्षकों का वेतन रोकने पर मचा बवाल
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