विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षा पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
UGC ने छात्रों को मामला सुप्रीम कोर्ट में रहने के चलते मुगालते में न रहने की दी सलाह, परीक्षा के लिए रहें तैयार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में 30 सितंबर से पहले अंतिम वर्ष की परीक्षा कराने के विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से इस मुद॒दे पर 10 अगस्त की सुनवाई से पहले पक्ष स्पष्ट करने को कहा है। उधर, यूजीसी ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि विद्यार्थी इस मुगालते में न रहें कि मामला सुप्रीम कोर्ट में है तो परीक्षा नहीं होगी, वे अपनी पढ़ाई जारी रखें।
जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने शुक्रवार को परीक्कीषा रद्द करने की मांग वाली याचिका पर अंतरिम आदेश देने से इनकार कर दिया। साथ हो, महाराष्ट्र सरकार के बकील को राज्य आपदा प्रबंधन समिति द्वारा पारित 19 जुन के आदेश को रिकॉर्ड पर लाने को कहा। महाराष्ट्र सरकार परीक्षा नहीं कराना चाहती है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा, असम और बिहार में भयंकर बाढ़ है। ऐसे में परीक्षा आयोजित करने के फैसले को रदूद करना चाहिए।
यूजीसी ने बृहस्पतिवार को कोर्ट में अंतिम वर्ष को परीक्षा कराने के निर्णय को वाजिब बताते हुए कहा था कि तमाम पहलुओं पर गौर करने व उनके बीच संतुलन बनाते डर परीक्षा कराने का निर्णय लिया गया है। इसलिए अंतिम वर्ष की परीक्षा के संबंध में छह जुलाई के दिशा-निर्देशों में बदलाव नहीं किया जाएगा।
कोरोना के बीच सितंबर में होने वाली अंतिम वर्ष/सेमेस्टर की परीक्षाओं पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट ने इन्कार कर दिया है। परीक्षाएं रद करने की मांग वाली याचिकाओं पर कोर्ट ने शुक्रवार को अंतरिम आदेश देने से इन्कार करते हुए केंद्र से इस मुद्दे पर गृह मंत्रलय का रुख स्पष्ट करने को कहा है।
सुनवाई के दौरान यूजीसी ने शीर्ष अदालत से कहा कि किसी को यह नहीं मान लेना चाहिए कि चूंकि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर विचार कर रहा है, इसलिए अंतिम वर्ष/सेमेस्टर परीक्षा पर रोक रहेगी। जस्टिस अशोक भूषण की पीठ ने एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई में कहा कि वह इस मुद्दे पर कोई आदेश नहीं दे रही है। अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी। इस पीठ में जस्टिस आर सुभाष रेड्डी और एम.आर. शाह भी शामिल थे। केंद्र और यूजीसी की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वे गृह मंत्रलय के रुख के बारे में कोर्ट को अवगत कराएंगे।
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