उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल होगा ‘स्टार्टअप’।
स्टार्टअप के लिए स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के बाद एक वर्ष का अवकाश (अंतराल वर्ष) लेने की अनुमति।
-उच्च शिक्षा निदेशालय ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों से मांगी ‘उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020’ के बिंदुओं पर अनुपालन आख्या।
प्रयागराज : प्रदेश में उद्यमिता की संभावनाओं को देखते हुए राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में ‘स्टार्टअप’ को भी शामिल किया जाएगा। ‘उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020’ के तहत इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। इस बारे में उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक डा. हिरेंद्र प्रताप सिंह की ओर से सभी राज्य विवि के कुलसचिवों एवं महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि इस संबंध में विवि और महाविद्यालय शासन एवं निदेशालय को यह अवगत कराएं कि इस पर क्या कर रहे हैं।
इस नीति के तहत विवि द्वारा प्रदेश में स्टार्टअप संस्कृति की सुदृढ़ता के लिए नोडल संस्था के परामर्श से नवचार और उद्यमिता पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएंगे। इन्हें संघटक महाविद्यालयों में भी लागू किया जाएगा। महाविद्यालय स्तर पर नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय/महाविद्यालय फैकल्टी विकास कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। जो छात्र उद्यमिता के क्षेत्र में अग्रसर होना चाहते हैं, उन्हें स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के बाद एक वर्ष का अवकाश (अंतराल वर्ष) लेने की अनुमति दी जाएगी। पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए आवश्यक अधिकतम अविधि में एक वर्ष के अंतराल की गणना नहीं की जाएगी। पाठ्यक्रम की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए ‘अंतराल वर्ष’ सुविधा को पाठ्यक्रम में पुन: शामिल होते समय दिया जा सकता है।
किसी स्टार्ट अप अवधारणा पर काम करने वाले छात्र उद्यमी को डिग्री की पूर्णता के लिए अपनी स्टार्टअप परियोजना को अपने अंतिम वर्ष की परियोजना के रूप में बदलने की अनुमति दी जाएगी। विद्यालय स्तर के छात्रों को अपना उद्यम प्रारंभ करने एवं प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विद्यालयों में ई-प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी। विभाग द्वारा संपूर्ण प्रदेश में इंक्यूबेटर्स की स्थापना किए जाने की आवश्यकता होगी, जो कुल नीतिगत लक्ष्य का कम से कम 50 फीसदी होगा।
स्टार्टअप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा हैकाथॉन, बूट कैंपस, स्टार्टअप इवेंटस का आयोजन किया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को पत्र जारी करनी ‘उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020’ के बिंदुओं की अनुपालन आख्या मांगी है।
स्टार्टअप के लिए स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के बाद एक वर्ष का अवकाश (अंतराल वर्ष) लेने की अनुमति।
-उच्च शिक्षा निदेशालय ने विश्वविद्यालयों, कॉलेजों से मांगी ‘उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020’ के बिंदुओं पर अनुपालन आख्या।
प्रयागराज : प्रदेश में उद्यमिता की संभावनाओं को देखते हुए राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के पाठ्यक्रम में ‘स्टार्टअप’ को भी शामिल किया जाएगा। ‘उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति 2020’ के तहत इसका क्रियान्वयन किया जाएगा। इस बारे में उच्च शिक्षा के संयुक्त निदेशक डा. हिरेंद्र प्रताप सिंह की ओर से सभी राज्य विवि के कुलसचिवों एवं महाविद्यालयों के प्राचार्यों को पत्र जारी कर निर्देश दिए गए हैं कि इस संबंध में विवि और महाविद्यालय शासन एवं निदेशालय को यह अवगत कराएं कि इस पर क्या कर रहे हैं।
इस नीति के तहत विवि द्वारा प्रदेश में स्टार्टअप संस्कृति की सुदृढ़ता के लिए नोडल संस्था के परामर्श से नवचार और उद्यमिता पाठ्यक्रम आरंभ किए जाएंगे। इन्हें संघटक महाविद्यालयों में भी लागू किया जाएगा। महाविद्यालय स्तर पर नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय/महाविद्यालय फैकल्टी विकास कार्यक्रमों का आयोजन करेंगे। जो छात्र उद्यमिता के क्षेत्र में अग्रसर होना चाहते हैं, उन्हें स्नातक/स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष के बाद एक वर्ष का अवकाश (अंतराल वर्ष) लेने की अनुमति दी जाएगी। पाठ्यक्रम पूरा करने के लिए आवश्यक अधिकतम अविधि में एक वर्ष के अंतराल की गणना नहीं की जाएगी। पाठ्यक्रम की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए ‘अंतराल वर्ष’ सुविधा को पाठ्यक्रम में पुन: शामिल होते समय दिया जा सकता है।
किसी स्टार्ट अप अवधारणा पर काम करने वाले छात्र उद्यमी को डिग्री की पूर्णता के लिए अपनी स्टार्टअप परियोजना को अपने अंतिम वर्ष की परियोजना के रूप में बदलने की अनुमति दी जाएगी। विद्यालय स्तर के छात्रों को अपना उद्यम प्रारंभ करने एवं प्रोत्साहित करने के लिए विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों एवं विद्यालयों में ई-प्रकोष्ठ की स्थापना की जाएगी। विभाग द्वारा संपूर्ण प्रदेश में इंक्यूबेटर्स की स्थापना किए जाने की आवश्यकता होगी, जो कुल नीतिगत लक्ष्य का कम से कम 50 फीसदी होगा।
स्टार्टअप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म भी उपलब्ध कराया जाएगा। इसके अलावा हैकाथॉन, बूट कैंपस, स्टार्टअप इवेंटस का आयोजन किया जाएगा। उच्च शिक्षा निदेशालय ने राज्य विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को पत्र जारी करनी ‘उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति-2020’ के बिंदुओं की अनुपालन आख्या मांगी है।
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