किताबों में सिमटकर रह गया सरकारी स्कूलों का पाठ्यक्रम
पीलीभीत: केंद्र सरकार द्वारा 31 अगस्त तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया। केंद्र सरकार की एडवाइजरी के अनुपालन में राज्य सरकारों द्वारा भी गाइडलाइन जारी की गई। 31 अगस्त तक बच्चों को छुट्टी देकर राहत दी गई तो वहीं शिक्षकों को विद्यालयों में बुलाया जाने लगा।
कोरोना संक्रमण काल में ऑनलाइन पढ़ाई की अवधारणा को बृहद स्तर पर क्रियान्वित किया गया। प्रारंभ में ऑनलाइन पढ़ाई पर अधिकारियों की निगरानी रही जिससे बच्चों को लाभ मिलता रहा लेकिन समय निकलने के साथ ही अधिकारियों ने ऑनलाइन शिक्षा की हकीकत जानने से मुंह फेर रखा है। निजी विद्यालयों में शिक्षकों को विद्यालय बुलाकर लाइव क्लासेस या वीडियो लेक्चर व कंटेंट बच्चों तक पहुंचाया जा रहा है लेकिन सरकारी स्कूलों के बच्चों का पाठ्यक्रम किताबों में सिमटता जा रहा है।
सरकारी स्कूलों में भी शिक्षकों को विद्यालय बुलाया जा रहा है व बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा देने के आदेश दिए गए हैं। अधिकारियों द्वारा आदेश का अनुपालन कराने में बरती जा रही कोताही से बच्चों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। कई शिक्षक जो ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाने में खुद को असहज महसूस करते हैं, वे घरों में कोचिंग पढ़ा रहे हैं। ऐसे शिक्षक ऑनलाइन माध्यम से लाइव क्लास लेने या वीडियो लेक्चर तैयार कर स्कूल के बच्चों को उपलब्ध कराने में रुचि नहीं लेते हैं।
31 अगस्त तक विद्यार्थियों के लिए विद्यालय बंद रहेंगे। अपर मुख्य सचिव के आदेश पर शिक्षकों को विद्यालय में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं। सभी शिक्षक विद्यालय में मौजूद रहकर ऑनलाइन माध्यम से कक्षाएं संचालित करेंगे।
- संतप्रकाश, जिला विद्यालय निरीक्षक
स्कूली शिक्षा महानिदेशक के आदेश पर विभागीय कामकाज निपटाने व योजनाओं का लाभ बच्चों तक सुनिश्चित कराने के लिए शिक्षकों को विद्यालय भेजा जा रहा है। सभी शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। समय-समय पर इसकी रिपोर्ट भी ली जाती है। - देवेंद्र स्वरूप, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी
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