लापरवाही : बीएड प्रवेश परीक्षा में हिंदी का सवाल रिपीट, अभ्यर्थियों ने दर्ज कराई आपत्ति
बीएड प्रवेश परीक्षा का पेपर तैयार करने में हुई लापरवाही सामने आई है। पहली पाली में सामान्य ज्ञान और हिंदी के पेपर में हिंदी का सवाल दो बार पूछ लिया गया। अभ्यर्थियों के बीच असमंजस की स्थिति है कि अब मार्किंग किस आधार पर की जाएगी। हालांकि, अभ्यर्थियों को पेपर सामान्य और संतुलित लगा, लेकिन तर्कशास्त्र के सवालों ने अभ्यर्थियों को उलझाया।
पहली पाली में सामान्य ज्ञान के 50 सवाल और हिंदी अथवा अंग्रेजी में से किसी एक विषय के 50 सवाल यानी कुल 100 सवाल हल करने थे। दूसरी पाली की परीक्षा में तर्कशास्त्र और विषय के 50-50 सवाल थे। तीन-तीन घंटे की दो पालियों में कुल 100-100 सवाल हल करने थे। पहली पाली में हिंदी का एक सवाल रिपीट हुआ है।
बुकलेट संख्या - जे में 75वें और 88वें नंबर पर एक ही सवाल दो बार पूछा गया, ‘निम्नलिखित में रूढ़ शब्द कौन सा है?’ अभ्यर्थियों को समझ में नहीं आया कि दोनों सवालों का जवाब दें या एक ही बार उत्तर दें। कुछ ने दो तो कुछ ने एक बार ही उत्तर दिया। अभ्यर्थियों के बीच इस बात को लेकर असमंजस है कि मार्किंग किस आधार पर की जाएगी?
सामान्य ज्ञान में कोरोना से जुड़ा कोई सवाल नहीं पूछा गया। अभ्यर्थी इस आधार पर अनुमान लगा रहा है कि पेपर सेटिंग काफी पहले ही तैयार कराया जा चुका था, क्योंकि पहले यह परीक्षा अप्रैल में प्रस्तावित थी लेकिन लॉकडाउन के कारण स्थगित हो गई थी। दौलत हुसैन इंटर कॉलेज केंद्र में परीक्षा देने जौनपुर से आईं सृष्टि ने बताया कि जो पढ़ा था, उसमें से बहुत कम सवाल पूछे गए। सोनी यादव ने बताया कि पेपर संतुलित था, वहीं नीतू यादव का कहना था कि पेपर कठिन आया। अभ्यर्थी नीतू और प्रतिभा के मुकाबले पिछले साल के मुकाबले इस बार तर्कशास्त्र से जुड़े सवाल ज्यादा कठिन थे।
परीक्षा कक्ष में मानक से अधिक बैठाए गए अभ्यर्थी
परीक्षा केंद्रों के लिए अभ्यर्थियों को बैठाने के मानक तय किए गए थे। एक कक्ष में अधिकतम 24 अभ्यर्थियों को ही बैठाया जा सकता था, लेकिन डीपी गर्ल्स इंटर कॉलेज में एक-एक कमरे में 28-28 अभ्यर्थियों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। वहीं, आर्य कन्या कॉलेज के ऊपरी तल पर स्थित कमरों में भी मानक से अधिक अभ्यर्थियों को बैठाया गया था।
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