परिषदीय स्कूलों के बच्चे भी दीक्षा एप के जरिये चलचित्र के माध्यम से करेंगे पढ़ाई,
निजी विद्यालयों की तरह ही अब परिषदीय विद्यालयों के बच्चे भी स्मार्ट क्लास में अत्याधुनिक विधा से पढ़ाई करेंगे। कोरोनाकाल के बाद विद्यालय खुलते ही बच्चे चलचित्र के माध्यम से पढ़ाई करेंगे। शिक्षक अपने मोबाइल, लैपटॉप और विद्यालयों में मुहैया कराए जा रहे प्रोजेक्टर पर वीडियो और काटरून के माध्यम से पढ़ाएंगे। इसके लिए सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग भी पूरी हो गई है।
अब शिक्षकों के मोबाइल पर दीक्षा एप डाउनलोड कराया जा रहा है। दीक्षा एप पर बच्चों के पाठ्य के काटरून वीडियो दिए गए हैं। पहले फेज में जिन बच्चों के परिवारीजनों के पास एंड्रॉयड मोबाइल हैं, उन्हें वाट्सएप ग्रुप पर जोड़कर शिक्षक वीडियो पोस्ट करने लगे हैं। बीकेटी ब्लाक के एआरपी (एकेडमिक) रिसोर्स पर्सन अनुराग सिंह राठौर ने यह कार्य अपने क्षेत्र के विद्यालयों में यह कार्य शुरू कर दिया है। इसके लिए सभी ब्लाकों में शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक की ट्रेनिंग भी पूरी हो गई है। अब शिक्षकों के मोबाइल पर दीक्षा एप डाउनलोड कराने और उसे मानव संपदा से जोड़ने का कार्य शनिवार से शुरू होगा।
शिक्षक नहीं दे पाएंगे गलत जानकारी : दीक्षा एप को अब मानव संपदा पोर्टल से जोड़ा जा रहा है। इसके माध्यम से शिक्षक जितनी देर दीक्षा एप के माध्यम से बच्चों को पढ़ाएंगे, उसकी टाइमिंग उनकी आइडी पर सेव हो जाएगी। इससे यह पता चलेगा कि किस शिक्षक ने कितनी देर बच्चों कोवीडियो और काटरून विधा से पढ़ाई कराई।
परिषदीय विद्यालय खुलते ही लागू होगी यह व्यवस्था, बच्चों के पाठ्य को प्रोजेक्टर पर कार्टून वीडियो से दिखाएंगे शिक्षक
ऐसा होगा पाठ्यक्रम
जैसे बच्चों को समुद्र के बारे में जानकारी दी जानी है तो दीक्षा एप पर समुद्र का वीडियो होगा, जिसे बच्चे देखेंगे कैसे आवाज करती हुई लहरें समुद्र में उठती हैं या फिर किसी चिड़िया की आवाज बच्चों को बतानी है तो वीडियो के माध्यम से उस चिड़िया का वीडियो दिखाकर बच्चों को आवाज सुनाई जाएगी। इसी तरह गणित के जोड़-घटाने से सम्बंधित भी काटरून वीडियो के माध्यम से ही बच्चों को पढ़ाया जाएगा।
दीक्षा एप से बच्चों को वीडियो के माध्यम से कैसे पढ़ाया जाए, बच्चों को अक्षरों की पहचान समेत अन्य जानकारियां वीडियो के माध्यम से दी जाएंगी। इसके लिए सभी शिक्षकों की ट्रेनिंग भी कराई गई है। विद्यालय खुलने के बाद यह व्यवस्था शुरू की जाएगी। - दिनेश कुमार, बीएसए
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