गोरखपुर : फर्जी दिव्यांग प्रमाण पत्र के चलते शिक्षिका की विशिष्ट बीटीसी की डिग्री निरस्त, होगी कार्रवाई
गोरखपुर में कार्यरत एक शिक्षिका की विशिष्ट बीटीसी की डिग्री निरस्त कर दी गयी है। शिक्षिका ने कूटरचित दिव्यांग प्रमाण-पत्र के सहारे डायट देवरिया में विशिष्ट बीटीसी-2008 प्रशिक्षण में दाखिला लिया था। जांच के बाद डायट प्राचार्य ने यह कार्रवाई की है। इस मामले में शिक्षिका पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
गोरखपुर के गुलरिहा थाना क्षेत्र के शिवपुरी, शहबाजपुर निवासी चित्रलेखा कुमारी ने जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान रामपुर कारखाना में वर्ष 2009 में दिव्यांग कोटे के तहत विशिष्ट बीटीसी में प्रवेश लिया था। इसी आधार पर परिषदीय विद्यालय में शिक्षिका की नौकरी हासिल कर गोरखपुर जिले में कार्यरत थी। इसी बीच शासन के निर्देश पर दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर प्रशिक्षण पाए सभी शिक्षकों को लखनऊ में सीएमओ द्वारा गठित मेडिकल बोर्ड के सामने बुलाया गया। इसके तहत डायट रामपुर कारखाना से प्रशिक्षण प्राप्त शिक्षकों के प्रमाण-पत्र भी खंगाले गए।
इसमें डायट रामपुर कारखाना में भी विकलांग प्रमाण-पत्रों पर प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके शिक्षकों को बुलाकर उन्हें लखनऊ जाने के लिए सूचित किया जाने लगा। इसी दौरान डायट की जांच में शिक्षिका चित्रलेखा के विकलांग प्रमाण-पत्र पर दो तिथियां अंकित मिलीं। एक तिथि आवेदन करने की अंतिम तिथि के पूर्व की अंकित थी।
वहीं दूसरी तिथि आवेदन की अंतिम तिथि के बाद की अंकित थी। मामला संदिग्ध लगा तो डायट प्राचार्य ने शिक्षिका को चार जून को नोटिस देकर स्पष्टीकरण देने को कहा। शिक्षिका उपस्थित नहीं हुईं तो दूसरी बार 15 जून को नोटिस दिया गया। इस बार भी शिक्षिका डायट नहीं पहुंची। तीसरी बार तीन जुलाई को फिर डायट से नोटिस भेजा गया। इस बार नोटिस रीसिव नहीं हुआ और पत्र वापस आ गया।
इसके बाद डायट प्राचार्य ने विकलांग प्रमाण-पत्र को गोरखपुर सीएमओ कार्यालय को भेजकर सत्यापित कराया। इसमें प्रमाण-पत्र सही मिला, पर आवेदन की अंतिम तिथि के बाद 09.03.2009 को प्रमाण-पत्र जारी किया गया था। विज्ञापन की शर्त के अनुसार सभी प्रमाण-पत्र अंतिम तिथि के पूर्व जारी होने चाहिए थे। डायट प्राचार्य ने इस आधार पर शिक्षिका का विशिष्ट बीटीसी-2008 के प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र को निरस्त कर दिया है।
चित्रलेखा ने विशिष्ट बीटीसी के आवेदन में लगाया गए विकलांग प्रमाण-पत्र पर दो तिथि अंकित है। इसका सत्यापन सीएमओ गोरखपुर से कराया गया है। सीएमओ ने प्रमाण-पत्र जारी करने की तिथि 09.03.2009 बताई है। इससे स्पष्ट है कि आवेदन की अंतिम तिथि के बाद विकलांग प्रमाण-पत्र जारी किया गया है। गड़बड़ी पाए जाने पर चित्रलेखा का प्रमाण-पत्र निरस्त कर दिया गया है।
राजेंद्र प्रसाद यादव, प्राचार्य, डायट
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