यूपी बोर्ड : मान्यता पर निर्णय नहीं होने से हजारों छात्रों का दांव पर लगा भविष्य।
यूपी बोर्ड की ओर स्कूलों की मान्यता पर निर्णय नहीं होने से इन स्कूलों में पढ़ रहे हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है। बोर्ड की मंजूरी के बाद स्कूलों की मान्यता की फाइल शासन के पास लंबित होने से परेशानी बढ़ी है। शासन की मंजूरी नहीं मिलने से मान्यता का इंतजार कर रहे 767 स्कूलों में नौवीं-ग्यारहवीं के छात्र-छात्राएं अग्रिम पंजीकरण का आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
प्रदेश भर के 767 विद्यालयों में प्रति छात्र 100 विद्यार्थी भी मानें तो लगभग 76 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को बोर्ड की अनुमति का इंतजार है। शासन की मंजूरी के लिए यूपी बोर्ड की ओर से मान्यता की फाइल जनवरी में ही भेज दी गई थी। नए स्कूलों की मान्यता पर फैसला मार्च के अंत या अप्रैल तक लिया जाता रहा है।
यूपी बोर्ड ने 31 अगस्त तक बढ़ाई है प्रवेश की तिथि।
यूपी बोर्ड ने नौवीं एवं ग्यारहवीं में पंजीकरण करवाने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल में फीस जमा करने के साथ प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 31 अगस्त तय की है। इससे पहले बोर्ड ने पांच अगस्त प्रवेश की तिथि तय की थी। प्रवेश की गति धीमी होने और कोरोना की बात कहकर शासन की अनुमति पर बोर्ड ने प्रवेश की तिथि तो बढ़ा दी परंतु 31 अगस्त तक मान्यता पर फैसला नहीं हुआ तो वहां पढ़ रहे छात्रों का क्या होगा। मान्यता को लेकर शासन में फाइल लंबित होने के चलते बोर्ड में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
1864 स्कूलों ने मान्यता के लिए किया था आवेदन।
यूपी बोर्ड ने शासन को मान्यता के कुल 984 प्रकरण शासन को भेजे हैं। हाईस्कूल नवीन मान्यता के 354, इंटर नवीन मान्यता के 292, हाईस्कूल एवं इंटर नवीन मान्यता के 121 कुल मिलाकर 767 और इसके साथ इंटर अतिरिक्त वर्ग के 203 और इंटर अतिरिक्त विषय के 14 केस हैं। मान्यता के लिए प्रदेशभर के 1864 स्कूलों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। स्क्रीनिंग के बाद बोर्ड ने 984 प्रकरणों की संस्तुति शासन को भेजी है।
यूपी बोर्ड की ओर स्कूलों की मान्यता पर निर्णय नहीं होने से इन स्कूलों में पढ़ रहे हजारों छात्रों का भविष्य दांव पर लगा है। बोर्ड की मंजूरी के बाद स्कूलों की मान्यता की फाइल शासन के पास लंबित होने से परेशानी बढ़ी है। शासन की मंजूरी नहीं मिलने से मान्यता का इंतजार कर रहे 767 स्कूलों में नौवीं-ग्यारहवीं के छात्र-छात्राएं अग्रिम पंजीकरण का आवेदन नहीं कर पा रहे हैं।
प्रदेश भर के 767 विद्यालयों में प्रति छात्र 100 विद्यार्थी भी मानें तो लगभग 76 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं को बोर्ड की अनुमति का इंतजार है। शासन की मंजूरी के लिए यूपी बोर्ड की ओर से मान्यता की फाइल जनवरी में ही भेज दी गई थी। नए स्कूलों की मान्यता पर फैसला मार्च के अंत या अप्रैल तक लिया जाता रहा है।
यूपी बोर्ड ने 31 अगस्त तक बढ़ाई है प्रवेश की तिथि।
यूपी बोर्ड ने नौवीं एवं ग्यारहवीं में पंजीकरण करवाने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल में फीस जमा करने के साथ प्रवेश लेने की अंतिम तिथि 31 अगस्त तय की है। इससे पहले बोर्ड ने पांच अगस्त प्रवेश की तिथि तय की थी। प्रवेश की गति धीमी होने और कोरोना की बात कहकर शासन की अनुमति पर बोर्ड ने प्रवेश की तिथि तो बढ़ा दी परंतु 31 अगस्त तक मान्यता पर फैसला नहीं हुआ तो वहां पढ़ रहे छात्रों का क्या होगा। मान्यता को लेकर शासन में फाइल लंबित होने के चलते बोर्ड में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
1864 स्कूलों ने मान्यता के लिए किया था आवेदन।
यूपी बोर्ड ने शासन को मान्यता के कुल 984 प्रकरण शासन को भेजे हैं। हाईस्कूल नवीन मान्यता के 354, इंटर नवीन मान्यता के 292, हाईस्कूल एवं इंटर नवीन मान्यता के 121 कुल मिलाकर 767 और इसके साथ इंटर अतिरिक्त वर्ग के 203 और इंटर अतिरिक्त विषय के 14 केस हैं। मान्यता के लिए प्रदेशभर के 1864 स्कूलों ने ऑनलाइन आवेदन किया था। स्क्रीनिंग के बाद बोर्ड ने 984 प्रकरणों की संस्तुति शासन को भेजी है।
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