वाराणसी : परिषदीय विद्यालयों को तीन साल में भेजी गई कंपोजिट ग्रांटों की होगी जांच, मची खलबली
वाराणसी : बेसिक शिक्षा विभाग ऑपरेशन कायाकल्प के तहत परिषदीय विद्यालयों का परिवेश बदलने में जुटा हुआ है। इसके अलावा कायाकल्प करने के लिए छात्रसंख्या के आधार पर विद्यालयों को कंपोजिट ग्रांट भी दिया गया है। वहीं कुछ विद्यालयों में कंपोजिट ग्रांट का दुरूपयोग किया जा रहा है। इसे देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) मधुसुदन हुल्गी ने पिछले तीन सालों के कंपोजिट ग्रांटों से कराए गए कार्यों की जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए उन्होंने बीएसए को निर्देश भी दिया है। इसे लेकर विद्यालयों में खलबली मची हुई है।
छात्र संख्या के आधार पर ग्रांट दिया जाता है
समग्र शिक्षा अभियान के तहत सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों को रंगाई-पुताई, पेंटिंग अग्निशमन यंत्र, स्टेशनरी, टाट-पट्टी, रोडियो प्रोग्राम, विद्युत उपकरणों, सांस्कृतिक कार्यक्रमों, बागवानी, शिक्षण अधिगम सामग्री सहित विभिन्न मदों में खर्च करने के लिए छात्र संख्या के आधार पर कंपोजिट ग्रांट दिया जाता है।
11 अध्यापकों का वेतन रोकने का निर्देश
सभी विद्यालयों को शान के मानक के अनुरूप कार्य कराने का निर्देश है। वहीं निरीक्षण के दौरान सीडीओ ने कंपोजिट ग्रांट के उपयोग में व्यापक पैमाने पर अनियमितता मिली। इसे देखते हुए सेवापुरी विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय (अमिनी) के हेडमास्टर सहित सभी 11 अध्यापकों का अग्रिम आदेश तक के लिए वेतन रोकने का निर्देश दिया है। बेसिक शिक्षा अधिकारी राकेश सिंह ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारी डीपी सिंह की संस्तुति पर विद्यालय के सभी स्टाफो को विशेष प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है।
हेडमास्टर सहित 11 अध्यापकों का अग्रिम आदेश तक के लिए रोका वेतन
■ छात्र संख्या के आधार पर कंपोजिट ग्रांट इस प्रकार है-
● 01 से 15 छात्रसंख्या पर तक 12500
● 16 से 100 छात्रसंख्या पर तक 25000
● 101 से 250 छात्रसंख्या पर तक 50000
● 251 से 1000 छात्रसंख्या पर तक 75000
● 1000 से अधिक छात्र होने पर 100000
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