परिषदीय स्कूलों में हर महीने करानी होंगी सांस्कृतिक गतिविधियां, सृजनात्मकता जगाने की कवायद
प्रयागराज : परिषदीय स्कूलों में छात्र छात्रओं को स्तरीय शिक्षा देने के साथ ही उनकी सृजनात्मकता जगाने की भी कवायद चल रही है। इसके लिए अब नियमित रूप से प्रत्येक माह साहित्यिक व सांस्कृतिक गतिविधियों का भी आयोजन किया जाएगा। विद्यालय में अनिवार्य रूप से वाद विवाद प्रतियोगिता, कविता पाठ, भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, कहानी लेखन, अंत्याक्षरी, समूह गान, देशगान, मूक अभिनय, सम सामयिक विषयों पर चर्चा भी करानी होगी।
जिला बेसिक शिक्षाधिकारी की तरफ से खंड शिक्षाधिकारियों को भेजे गए निर्देश में कहा गया है कि बच्चों के लिए स्कूलों में पोस्टर प्रतियोगिता, चार्ट बनाने की प्रतियोगिता, मॉडल बनाने, रंगोली तैयार करने, ग्रीटिंग कार्ड बनाने, मिट्टी के खिलौने, वाल हैं¨गग, कागज के लिफाफे बनाने आदि का भी अभ्यास कराया जाए। इससे विद्यार्थियों में रचनात्मकता विकसित होगी। उन्हें प्रेरित करें कि स्कूल से बचे समय में वे स्वयं ऐसी गतिविधियों में शामिल होकर कौशल विकास करें। हालांकि इन दिनों कक्षाएं ऑनलाइन चल रही हैं इसलिए सृजनात्मक क्षमता बढ़ाने की गतिविधियों को भी ऑनलाइन माध्यम में शामिल करने को कहा गया है। इन सब के साथ ही प्रत्येक विद्यालय में पुस्तकालय विकसित करने के भी दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
कहा गया है कि बच्चों को पढ़ने के लिए भी प्रेरित किया जाए। शिक्षक पुस्तकालय में चार्ट आदि भी लगाएं जिसमें बताया जाए कि वहां रखी किताबों का प्रयोग किस तरह करना है। इसी क्रम में बच्चों द्वारा सृजित साहित्य जैसे कहानी, कविताओं आदि को अनिवार्य रूप से पुस्तकालय में रखने की व्यवस्था की जाए।
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