राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 35 से ज्यादा शिक्षक सरकार को हर साल करीब 3 करोड़ का चूना लगा रहे हैं। इनकी नियुक्तियों को 2013 में ही अनियमित घोषित कर दिया गया था। माध्यमिक शिक्षा विभाग के आदेश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
खुलासे के बाद जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह की ओर से जांच शुरू कर दी गई है। यह प्रकरण करीब 11 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में कार्यरत 35 से ज्यादा शिक्षकों से जुड़ा हुआ है। इनमें से कई नियुक्तियां 15 से 20 साल पुरानी है। इसमें, 27 से ज्यादा एलटी ग्रेड के शिक्षक हैं। करीब 6 से 7 मामले प्रवक्ता पद पर कार्य कर रहे शिक्षकों से जुड़े हैं| और कुछ शिक्षकों की नियुक्ति प्राइमरी सेक्शन में की गई।
No comments:
Write comments