New Education Policy 2020 : यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को दिया निर्देश, नई शिक्षा नीति के बारे में शिक्षकों और छात्रों को करेंगे जागरूक।
New Education Policy 2020: यूजीसी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश भर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को निर्देशित किया है कि वह नई शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy, NEP) के बारे में छात्र, शिक्षकों सहित संबंधित अधिकारियों को जागरूक करें। इसके अलावा यूजीसी ने इस संबंध में होने वाली एक्टिविटी को पोर्टल पर दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं, जिससे आयोग के पास इसकी जानकारी हो सके कि कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने जागरुकता के लिए क्या-क्या प्रयास किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा है कि नई शिक्षा नीति के बारे में शिक्षकों, छात्रों और अधिकारियों समेत अन्य लोगों के भीतर जागरुकता पैदा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आपसे नीति के विभिन्न पहलुओं और इसके प्रभावों पर यूनिवर्सिटी और तमाम कॉलेज वेबिनार आयोजित कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य ऑनलाइन गतिविधियों का सहारा लेकर संबंधित लोगों को बताएं, जिससे स्टूडेंट्स, टीचर्स या फिर किसी भी संबंधित अधिकारी को इस बारे में कोई आशंका न हो।
बता दें कि हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। 34 सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। अब फाइनली जाकर इसमें बदलाव हुआ है। वहीं इस नीति की कुछ अहम बातों पर गौर करें तो इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है। नई शिक्षा नीति में इसके अलावा मल्टीपल एंट्री और एग्ज़िट सिस्टम में पहले साल के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल बाद डिग्री दी जाएगी। बता दें कि नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
New Education Policy 2020: यूजीसी, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने देश भर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को निर्देशित किया है कि वह नई शिक्षा नीति 2020 (National Education Policy, NEP) के बारे में छात्र, शिक्षकों सहित संबंधित अधिकारियों को जागरूक करें। इसके अलावा यूजीसी ने इस संबंध में होने वाली एक्टिविटी को पोर्टल पर दर्ज करने के भी निर्देश दिए हैं, जिससे आयोग के पास इसकी जानकारी हो सके कि कॉलेज और विश्वविद्यालयों ने जागरुकता के लिए क्या-क्या प्रयास किए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यूजीसी सचिव रजनीश जैन ने कुलपतियों को लिखे पत्र में कहा है कि नई शिक्षा नीति के बारे में शिक्षकों, छात्रों और अधिकारियों समेत अन्य लोगों के भीतर जागरुकता पैदा करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में आपसे नीति के विभिन्न पहलुओं और इसके प्रभावों पर यूनिवर्सिटी और तमाम कॉलेज वेबिनार आयोजित कर सकते हैं। इसके अलावा अन्य ऑनलाइन गतिविधियों का सहारा लेकर संबंधित लोगों को बताएं, जिससे स्टूडेंट्स, टीचर्स या फिर किसी भी संबंधित अधिकारी को इस बारे में कोई आशंका न हो।
बता दें कि हाल ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। 34 सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। अब फाइनली जाकर इसमें बदलाव हुआ है। वहीं इस नीति की कुछ अहम बातों पर गौर करें तो इस नीति की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के साथ कृषि शिक्षा, कानूनी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और तकनीकी शिक्षा जैसी व्यावसायिक शिक्षाओं को इसके दायरे में लाया गया है। नई शिक्षा नीति में इसके अलावा मल्टीपल एंट्री और एग्ज़िट सिस्टम में पहले साल के बाद सर्टिफिकेट, दूसरे साल के बाद डिप्लोमा और तीन-चार साल बाद डिग्री दी जाएगी। बता दें कि नई शिक्षा नीति में स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक कई बड़े बदलाव किए गए हैं।
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