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Wednesday, September 30, 2020

फतेहपुर : 18 सितम्बर 2020 को समस्त डायट मेंटर्स, बीईओ, जिला समन्वयक, एवं समस्त एसआरजी की आयोजित बैठक का कार्यवृत्त जारी, देखें।

फतेहपुर : 18 सितम्बर 2020 को समस्त डायट मेंटर्स, बीईओ, जिला समन्वयक, एवं समस्त एसआरजी की आयोजित बैठक का कार्यवृत्त जारी, देखें।

प्रतापगढ़ : फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बनने वालों से होगी 6.24 करोड़ की वूसली, बगैर शिक्षामित्र बने हासिल कर ली थी सहायक अध्यापक की नौकरी

प्रतापगढ़  : फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बनने वालों से होगी 6.24 करोड़ की वूसली, बगैर शिक्षामित्र बने हासिल कर ली थी सहायक अध्यापक की नौकरी


प्रतापगढ़। बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़ा कर सहायक अध्यापक की नौकरी हथियाने के बाद 40 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन लेने वाले 17 बर्खास्त शिक्षकों से 6.24 करोड़ रुपये की बिक्री होगी। विभाग ने बर्खास्त शिक्षकों के घर बिक्री के लिए नोटिस भेजा है। अगर बर्खास्त शिक्षक अदायगी नहीं करते हैं तो राजस्व के रूप में इनसे वसूली होगी। 


बेसिक शिक्षा विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते 17 ऐसे लोगों ने सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल कर ली थी, जो पूर्व में शिक्षामित्र ही नहीं थे। सुप्रीम कोर्ट ने जो शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक की नौकरी के लिए अयोग्य करार दिया तो शिक्षामित्रों को पुनः उनके तैनाती वाले मूल स्कूलों में भेजने की प्रक्रिया शुरू हुई। विभाग ने इस दौरान 17 ऐसे लोगों को चिह्नित किया जो शिक्षामित्र नहीं थे और अध्यापक बनकर 40-40 हजार रुपये वेतन उठा रहे थे।



फर्जीवाड़ा सामने आने पर इन अध्यापकों को बर्खास्त कर स्थानीय थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया। विभाग अब इन लोगों द्वारा वेतन के रूप में ली गई धनराशि की रिकवरी में लगा है। बर्खास्त शिक्षकों के घर नोटिस भेजकर वेतन के रूप में भुगतान की गई रकम को अविलंब विभाग में जमा करने को कहा गया है। बीएसए अशोक कुमार सिंह ने बताया कि बर्खास्त शिक्षकों को नोटिस दिया गया है। अगर धनराशि नहीं जमा करते हैं तो रिकवरी के लिए राजस्व विभाग को वसूली की जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी।

69000 भर्ती में त्रुटि सुधार का मौका देने की मांग के लिए शिक्षामित्रों ने दिया धरना

69000 भर्ती में त्रुटि सुधार का मौका देने की मांग के लिए शिक्षामित्रों ने दिया धरना


69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में आवेदन पत्र में हुई त्रुटि के कारण चयन से वंचित रह रहे शिक्षा मित्रों ने सोमवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना प्रदर्शन किया।


शिक्षामित्रों ने निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह और महानिदेशक विजय किरन आनंद से मौका देने की मांग की। शिक्षामित्रों ने बताया कि 69 हजार सहायक अध्यापक भर्ती में शिक्षामित्रों ने 65 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त कर परीक्षा उत्तीर्ण की। नियमानुसार उन्हें अधिकतम 25 भारांक का लाभ मिलना चाहिए। लेकिन परीक्षा के आवेदन पत्र में त्रुटिवश विशिष्ट बीटीसी की जगह बीटीसी फीड होने से उन्हें शिक्षामित्रों को मिलने वाले भारांक से वंचित किया जा रहा है। 


प्रदर्शन में शिक्षा मित्र संघ के अध्यक्ष अभय कुमार सिंह, अनुभा वर्मा, शशि वर्मा, देवेश त्रिपाठी और रागिनी सिंह शामिल थे व्यूरो

कैबिनेट ने लिया फैसला, आंगनबाड़ी केंद्रों में महिला स्वयं सहायता समूह करेंगे पोषाहार की सप्लाई

कैबिनेट ने लिया फैसला, आंगनबाड़ी केंद्रों में महिला स्वयं सहायता समूह करेंगे पोषाहार की सप्लाई

 
लखनऊ : प्रदेश सरकार ने आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित होने वाले पोषाहार पर बड़ा फैसला लिया है। अब सभी 75 जिलों में पोषाहार का उत्पादन व वितरण स्वयं सहायता समूह की महिलाएं करेंगी। स्थानीय स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने पोषाहार उत्पादन व वितरण के लिए टेंडर न करने का फैसला लिया है।


आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए हर साल पोषाहार की करीब चार हजार करोड़ रुपये की खरीद होती है। अब यह काम उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से 23 हजार स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को दिया जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर मुहर लग गई। 


प्रदेश सरकार ने पहले केवल 18 जिलों में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को पुष्टाहार उत्पादन व वितरण का काम दिया था। बाकी जिलों के लिए टेंडर आमंत्रित किए गए थे। टेंडर में बहुत कम कंपनियों ने हिस्सा लिया। सरकार ने पोषाहार की दरों को देखते हुए अब यह काम सभी जिलों में प्रदेश की स्थानीय स्तर की महिलाओं के समूहों को सौंप दिया है। सरकार के इस फैसले से उन बड़े कारोबारियों को धक्का लगा है, जो हजारों करोड़ रुपये के पोषाहार उत्पादन व वितरण में वर्षों से लगे थे। सरकार के नए फैसले से स्थानीय स्तर पर महिलाएं उद्यमी बनेंगी।

Tuesday, September 29, 2020

हाथरस : मानव सम्पदा पोर्टल पर विभाग के शिक्षकों/शिक्षामित्रों/अनुदेशकों तथा कर्मियों के शैक्षिक अभिलेख मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड कराने के सम्बन्ध में

हाथरस : मानव सम्पदा पोर्टल पर विभाग के शिक्षकों/शिक्षामित्रों/अनुदेशकों तथा कर्मियों के शैक्षिक अभिलेख मानव सम्पदा पोर्टल पर अपलोड कराने के सम्बन्ध में



NDLI : नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ने सीबीएसई 10वीं, 12वीं के छात्रों के लिए ऑनलाइन कंटेंट बनाया

NDLI : नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ने सीबीएसई 10वीं, 12वीं के छात्रों के लिए ऑनलाइन कंटेंट बनाया

 
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं और 12वीं 2021 के बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी ऑफ इंडिया (एनडीएलआई) ने ऑनलाइन कंटेंट तैयार किया है। एनडीएलआई ने यह कंटेंट कोरोना काल में घर बैठे छात्र-छाात्राओं को ऑनलाइन पढ़ाई में मदद करने के लिए तैयार किया है। कोरोना के चलते स्कूल बंद हैं, ऐसे में घर बैठे छात्रों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी में इस कंटेंट से मदद मिलेगी।


सीबीएसई स्कूलों के प्रधानाचार्यो का कहना है कि इसमें उन सारे बिंदुओं पर फोकस किया गया है जो परीक्षा की तैयारी में शिक्षक तैयार करवाते हैं। बोर्ड परीक्षा के पैटर्न पर इसमें सवाल और उसका जवाब चैप्टरवार बनाया गया है। एनडीएलआई की ओर से तैयार पूरी शैक्षिक सामग्री को वेबसाइट ndl.iitkgp.ac.in पर रखा गया है।


एनडीएलआई की ओर से तैयार शैक्षिक सामग्री को सभी स्कूलों को भेजा गया है। स्कूल अपने तरीके से बच्चों को ऑनलाइन कंटेंट उपलब्ध करवाएंगे। ऑनलाइन एग्जाम प्रिपरेशन कंटेंट में प्रश्न और उसके उत्तर के अलावा अलग-अलग शैक्षिक संस्थानों के विशेषज्ञ शिक्षकों के वीडियो लेक्चर भी अपलोड किया गया है। इसे तैयार करने में दीक्षा पोर्टल के शिक्षकों की मदद भी ली गई है।
छात्र एनडीएलआई की ओर से तैयार ऑनलाइन कंटेंट से पढ़ाई कर रहे हैं। एग्जाम प्रिपरेशन कंटेंट से बोर्ड परीक्षार्थियों को मदद मिलेगी। छात्रों को होने वाले लाभ - ऑनलाइन कंटेंट के जरिए छात्रों की पढ़ाई नियमित होगी - विशेषज्ञों की ओर से से तैयार कंटेंट छात्रों की शंका का समाधान करेगा।


छात्रों को इससे पता चलेगा कि परीक्षा में कैसे प्रश्न पूछे जाएंगे

विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा की तैयारी छात्र स्वयं कर पाएंगे केंद्रीय विद्यालय, सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों कंटेंट तैयार करने में दी मदद - कोरोना संकट के समय घर बैठे छात्रों के लिए ऑनलाइन कंटेंट तैयार करने में एनसीईआरटी, कें द्रीय विद्यालयों, सीबीएसई स्कूलों के शिक्षकों ने तैयार किया है। इसको तैयार करने में बंगलुरू, देहरादून, गांधीग्राम, जपपुर, लखनऊ के केंद्रीय विद्यालयों के शिक्षकों ने मदद की है। कंटेंट तैयार करने में 10 वीं, 12 वीं 2019 एवं 2020 के टॉपर्स के सुझाव भी रखे गए हैं।

पॉलीटेक्निक संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित, यहां क्लिक करके देखें रिजल्ट

पॉलीटेक्निक : 8 चरणों में 15 नवम्बर तक होगी काउंसलिंग।

उत्तर प्रदेश के पॉलीटेक्निक कॉलेजों में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई)-2020 के नतीजे सोमवार को जारी कर दिए गए। इंजीनियरिंग डिप्लोमा पाठ्यक्रम (ग्रुप-ए) में वाराणसी के पंकज कुमार पटेल ने टॉप किया। वह 400 में से 390 अंक पाकर आगे रहे। इस बाबत संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के सचिव एसके वैश्य ने बताया कि अब दाखिले के लिए 30 सितम्बर से काउंसलिंग शुरू होगी। 

कई चरणों में होगी काउंसलिंग
150 राजकीय, 19 अनुदानित एवं 1213 निजी क्षेत्र ( कुल 1382 ) की संस्थाओं में कुल उपलब्ध 246344 सीटों पर प्रवेश के लिए 30 सितम्बर से काउंसलिंग होगी। काउंसलिंग पूरी तरह ऑनलाइन होगी। आठ चरणों में इसे पूरा किया जाएगा। 

अभ्यर्थी अपने जनपद से ही काउंसलिंग तथा प्रवेश की सारी प्रक्रिया पूर्ण करेंगे। अभ्यर्थी आवंटित संस्था में कक्षाएं प्रारम्भ होने पर ही उपस्थित होंगे। समस्त शुल्क भी आनलाइन जमा करना होगा। कोरोना संक्रमण को देखते हुए विशेष सावधानी बरती जा रही है। 

ऑनलाइन काउंसलिंग आठ चरणों में होगी। पहले तीन चरणों में (20 अक्तूबर तक) सिर्फ उत्तर प्रदेश के ही अभ्यर्थी शामिल होंगे। दूसरे प्रदेशों के अभ्यर्थियों की काउंसलिंग बाद में होगी। 15 नवम्बर को काउंसलिंग समाप्त होगी। खाली सीटों पर 21 अक्तूबर की काउंसलिंग  शुरू होगी। 

प्रथम चरण : 30 सितंबर से चार अक्तूबर तक काउंसलिंग होगी। ऑनलाइन पंजीकरण कराएंगे। दो से पांच अक्तूबर के बीच विकल्प भरेंगे। छह से 12 अक्तूबर तक ऑनलाइन फीस जमा करनी होगी। 

द्वितीय चरण : पंजीकरण 8 से 12 अक्तूबर तक होंगे। 13 अक्तूबर को आवंटन होगा। 13 से 16 अक्तूबर तक  ऑनलाइन फीस जमा होगी। 

तृतीय चरण : पंजीकरण 14 से 16 अक्तूबर तक होंगे। 17 को संस्थान आवंटन होगा। 17 से 20 अक्तूबर तक ऑनलाइन फीस जमा होगी।


JEECUP 2020: यूपीजेईई के परिणाम घोषित हुए jeecup.nic.in पर, यहां पाएं डायरेक्ट लिंक

JEECUP 2020: पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्सों में प्रवेश के लिए संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश (JEECUP) ने आज उत्तर प्रदेश ज्वॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेश्न (JEEUP) के परिणाम अपनी आधिकारिक वेबसाइट jeecup.nic.in पर घोषित कर दिए। जिन अभ्यर्थियों ने यूपीजेईई 2020 की परीक्षा में भाग लिया हो वे अब अपना रिजल्ट जेईईसीयूपी की वेबसाइट पर जाकर अपना रिजल्ट चेक कर सकते हैं। सफल अभ्यर्थियों के प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया 30 सितंबर से शुरू होगी जिसके लिए विस्तृत शेड्यूल जल्द जारी कर दिया जाएगा।



यहां चेक करें अपना रिजल्ट-







यूपीजेईई को यूपी पॉलिटेक्निक परीक्षा के नाम से भी जानते हैं। यह परीक्षा हर साल जेईईसीयूपी द्वारा पॉलिटेक्निक डिप्लोमा कोर्सों में प्रवेश के लिए आयोजित की जाती है। इस परीक्षा के जरिए बोर्ड ऑफ टेक्निकल एजुकेशन उत्तर प्रदेश से मान्यता प्राप्त संस्थानों में छात्रों को प्रवेश मिलता है।



पॉलिटेक्निक कोर्सों में प्रवेश के लिए जेईईयूपी परीक्षा का आयोजन 12 से 15 सितंबर के बीच दो पालियों में किया गया था। इस परीक्षा में कुल परीक्षा में कुल 3,90,892 अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था। जिनममें इंजीनियरिंग के 2,78,140, फार्मेसी के 66,310 व अन्य ग्रुप के 46,442 अभ्यर्थी थे।

69000 शिक्षक भर्ती : शिक्षक भर्ती में नियमों की अनदेखी का आरोप, अभ्यर्थियों ने किया प्रदर्शन

69000 शिक्षक भर्ती :  शिक्षक भर्ती में नियमों की अनदेखी का आरोप, प्रदर्शन

लखनऊ : 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए रविवार को भी अभ्यर्थियों ने प्रदर्शन किया। अभ्यर्थियों ने कहा कि सूची में ओबीसी, एससी के आरक्षण के नियमों का पालन नहीं किया जा रहा।


प्रदेश भर से आए सैकड़ों अभ्यर्थी इको गार्डेन के पास धरने पर बैठकर नारेबाजी व प्रदर्शन करते रहे, लेकिन शाम तक कोई सक्षम अधिकारी उनका ज्ञापन तक लेने नहीं पहुंचा। इससे उनमें भारी आक्रोश है। अभ्यर्थियों का कहना है कि वर्गवार सूची बनाई जाय। किस आधार पर भर्ती किया जा रहा है बताया जाए। 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की मूल चयन सूची शैक्षिक गुणांक सहित वर्गवार जारी किया जाए। 

एमआरसी की आड़ में ओबीसी व एससी का आरक्षण न छीना जाए। कोर्ट व पिछड़ा वर्ग आयोग को मूल चयन सूची उपलब्ध कराई जाए। अभ्यर्थियों का कहना था कि ओबीसी, एससी के अभ्यर्थी सरकार को जगाने के लिए, संकेतिक बुद्धि शुद्धि यज्ञ कर रहे हैं। यदि हमारी मुलाकात उप मुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य से नहीं कराई जाती है तो हमारा धरना प्रदर्शन लगातार जारी रहेगा। सोमवार से भूख हड़ताल की जाएगी। इस मौके पर विजय यादव, पुष्पेंद्र सिंह, भास्कर सिंह, राजपूत, सचिंद्र कुमार मौजूद रहे।

बैक पेपर वाले डीएलएड प्रशिक्षुओं ने निदेशालय पर किया प्रदर्शन, प्रमोट करने की मांग

बैक पेपर वाले डीएलएड प्रशिक्षुओं को प्रमोट करने की मांग।

प्रयागराज :  डीएलएड प्रशिक्षुओं ने एससीईआरटी निदेशक कार्यालय पर प्रदर्शन कर बैक पेपर वाले डीएलएड प्रशिक्षुओं के बारे में निर्णय लेने की मांग की। डीएलएड प्रशिक्षुओं से बातचीत के बाद निदेशक सर्वेंद्र विक्रम सिंह ने आश्वासन दिया कि उनकी मंगलवार को सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी से मिलकर अपनी बात रखेंगे। 

उन्होंने छात्रों को आश्वस्त किया कि डीएलएड प्रशिक्षुओं का बैक पेपर करवाया जाएगा। एसीईआरटी निदेशक से मिलने वालों में अनीश गुप्ता, राहलु यादव, अभिषेक तिवारी, अनुपम शामिल रहे।

Monday, September 28, 2020

फतेहपुर : DCF पर भरे गये आंकड़ों का मिलान छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड आंकड़े के अनुसार करवाने तथा अभिभावकों के सहमति पत्र भरवाने के सम्बन्ध में

फतेहपुर : DCF पर भरे गये आंकड़ों का मिलान छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड आंकड़े के अनुसार करवाने तथा अभिभावकों के सहमति पत्र भरवाने के सम्बन्ध में।


दूरदर्शन उत्तर प्रदेश (DD UP) चैनल पर यूपी बोर्ड की कक्षा- 10 व 12 हेतु शैक्षणिक प्रसारण के छठवें चरण की समय सारिणी

दूरदर्शन उत्तर प्रदेश (DD UP) चैनल पर यूपी बोर्ड की कक्षा- 10 व 12 हेतु शैक्षणिक प्रसारण के छठवें चरण की समय सारिणी।


उच्च शिक्षा : नए निदेशक पर रहेगी शिक्षक भर्ती का अधियाचन जारी कराने की चुनौती

नए निदेशक पर रहेगी शिक्षक भर्ती का अधियाचन जारी कराने की चुनौती

 प्रयागराज : उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगी। नए निदेशक के रूप में संयुक्त सचिव उच्च शिक्षा डॉ. अमित भारद्वाज का नाम सुर्खियों में है। माना जा रहा है कि वही नए निदेशक बनेंगे। वैसे, निदेशक चाहे जो बने, उसे तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। सबसे बड़ी चुनौती असिस्टेंट प्रोफेसर पद की भर्ती का अधियाचन जारी कराने का है। अगस्त में निदेशालय ने 1303 पदों का अधियाचन जारी किया था। लेकिन, क्षैतिज आरक्षण का मानक तय न होने के कारण भर्ती फंस गई है। वहीं, नई भर्ती का अधियाचन भी तैयार कराना होगा।


उच्च शिक्षा की मौजूदा निदेशक डॉ. वंदना शर्मा ने अपने एक साल के कार्यकाल में व्यवस्था दुरुस्त करने का प्रयास किया था। पटलों में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर करने में असमर्थ रहीं। पटल पर्वितन को लेकर शासन में शिकायत हुई है। शासन ने डॉ. अमित जांच अधिकारी बनाकर निदेशालय भेजा था। लेकिन, जांच रिपोर्ट गुमनामी में खो गई। अभी तक उसके अनुरूप कोई कार्रवाई नहीं हुई। नए निदेशक को पटलों की व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी। इसके साथ डिग्री कालेजों में 27 शिक्षकों की नियुक्ति में गड़बड़ी मिली है। इसमें से दो के खिलाफ कार्रवाई हुई है। बचे 25 के खिलाफ कुछ नहीं किया गया। यह मामला भी निस्तारित करना होगा।


पठन-पाठन कराना होगा दुरुस्त

कोरोना के कारण घोषित लॉकडाउन से राज्य विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों का पठन-पाठन पटरी से उतर चुका है। नए निदेशक के समक्ष पठन-पाठन व्यवस्था दुरुस्त करने की चुनौती होगी।

अब सरकारी व निजी माध्यमिक स्कूल एक-दूसरे के बनेंगे मददगार

अब सरकारी व निजी माध्यमिक स्कूल एक-दूसरे के बनेंगे मददगार

 
सरकारी और प्राइवेट माध्यमिक स्कूल एक-दूसरे के मददगार बनेंगे। दोनों आपस में संसाधनों को साझा करेंगे। निजी व सरकारी स्कूलों के शिक्षक भी एक-दूसरे स्कूल में जरूरत के अनुसार पढ़ाने जाएंगे। यही नहीं कक्षा नौ के पाठ्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, साइबर सिक्योरिटी व आपदा प्रबंधन आदि को शामिल किया जाएगा। चरणबद्ध तरीके से पाठ्यक्रम भी बदलेगा। नई शिक्षा नीति 2020 को लागू करने के लिए बनाई गई स्टीयरिंग कमेटी ने इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है। सोमवार को स्टेट टास्क फोर्स की बैठक होगी।


अब माध्यमिक स्कूलों में विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट आधारित पढ़ाई करवाई जाएगी। विभिन्न विषयों में विद्यार्थी को प्रोजेक्ट दिया जाएगा। वहीं, कक्षा 6 से 12 तक का पाठ्यक्रम चरणबद्ध तरीके से बदला जाएगा, जो वर्ष 2022 से लागू होगा। नई नीति के तहत परीक्षा में बहुविकल्पीय सवाल भी शामिल किए जाएंगे। साथ ही शिक्षकों के लिए 50 घंटे का विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाने के साथ ही प्रत्येक विषय में शिक्षकों के बीच प्रतियोगिता करवाकर आपसी प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया जाएगा।


संवाद और कौशल विकास पर जोर

सरकारी माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों की संवाद कौशल और व्यक्तित्व विकास को तराशने पर जोर दिया जाएगा। 21 वीं शताब्दी की कौशल आधारित शिक्षा के तहत विद्यार्थियों को नव प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।


ओलम्पियाड में भाग लेंगे विद्यार्थी

सरकारी माध्यमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को विभिन्न गणित, विज्ञान सहित अलग-अलग विषयों के ओलम्पियाड में शामिल किया जाएगा। उन्हें इसके लिए तैयार किया जाएगा। विद्यार्थियों की कॅरियर काउंसिलिंग होगी। हेल्थ कार्ड बनेगा और आत्मरक्षा की ट्रेनिंग भी दी जाएगी।

पॉलीटेक्निक : संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम आज दोपहर तक होगा जारी

पॉलीटेक्निक : संयुक्त प्रवेश परीक्षा का परिणाम आज दोपहर (28 सितम्बर) तक होगा जारी।

लखनऊ : राजधानी समेत प्रदेश भर के पॉलीटेक्निक संस्थानों में दाखिले के लिए आयोजित संयुक्त प्रवेश परीक्षा के नतीजे सोमवार को जारी किए जाएंगे। नतीजे दोपहर तक आने की उम्मीद जताई जा रही है। छात्र दोपहर बाद परिणाम परिषद की वेबसाइट www.jeecup.nic.in पर देख सकते हैं। प्रदेश के 150 राजकीय 19 अनुदानित और 1127 निजी पॉलिटेक्निक कॉलेजों के करीब 2.04 लाख परीक्षा आयोजित की गई थी। 


इस बार ऑनलाइन के साथ ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा भी आयोजित की गई थी। 12 सितंबर को ऑफलाइन और 15 सितंबर को ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा आयोजित हुई थी।

छात्रवृत्ति योजना में सरकारी और निजी संस्थानों का खत्म होगा भेद, समान वरीयता सूची के आधार पर होगा भुगतान, शासन को भेजा गया प्रस्ताव

छात्रवृत्ति योजना में सरकारी और निजी संस्थानों का खत्म होगा भेद, समान वरीयता सूची के आधार पर होगा भुगतान, शासन को भेजा गया प्रस्ताव।

लखनऊ :  छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना में इस सत्र से सरकारी और निजी संस्थानों के आधार पर वरीयता का भेद खत्म होगा। समान वरीयता सूची के आधार पर भुगतान होगा। सामान्य और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए यह व्यवस्था लागू की जाएगी। एससी एसटी के विद्यार्थियों के लिए पहले की ही तरह व्यवस्था लागू रहेगी। इस बाबत समाज कल्याण निदेशालय ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।


दरअसल, कुछ समय पहले प्रदेश सरकार ने सामान्य और ओबीसी विद्यार्थियों के लिए इस योजना में समान नियम बनाने के निर्देश दिए थे। इसी के तहत बदलाव की तैयारी है। सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के मामले में अभी तक लागू व्यवस्था में सरकारी संस्थानों, सहायता प्राप्त संस्थानों और निजी संस्थानों को इसी क्रम में वरीयता दी जाती है। यानी, उपलब्ध बजट में पहले सरकारी और सहायता प्राप्त सरकारी संस्थानों के विद्यार्थियों का नंबर आता है और बजट बचने पर निजी संस्थानों के विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिलता है। वहीं, ओबीसी विद्यार्थियों के मामले में संस्थानों के स्तर पर यह भेद नहीं किया जाता, बल्कि विद्यार्थियों के पिछली कक्षा में अंकों के आधार पर वरीयता सूची तय की जाती है।


समान वरीयता सूची के आधार पर होगा भुगतान, निदेशालय ने शासन को भेजा प्रस्ताव

अब यह है प्रस्ताव

तैयार प्रस्ताव के अनुसार, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की तरह ही समाज कल्याण विभाग सामान्य वर्ग के छात्रों के लिए संसाधनों के आधार पर वरीयता दिए बिना सिर्फ अंकों के आधार पर वरीयता सूची तैयार करवाएगा। इससे झ दोनों वर्गों के नवीनीकरण श्रेणी के छात्रों को पहले भुगतान होगा इसके बाद जो धन बचेगा, उसे वरीयता सूची के आधार पर नए छात्रों को भुगतान होगा। एससी-एसटी छात्रों की राशि का एक बड़ा हिस्सा केंद्र सरकार देती है। इसलिए इसमें पहली जैसी व्यवस्था ही रहेगी। बता दें, एससी एसटी के सभी पात्र छात्रों को योजना का लाभ दिया जाता है, जबकि सामान्य व ओबीसी के छात्रों के लिए यह योजना बजट आधारित है।

Sunday, September 27, 2020

छात्रवृत्ति के लिए अल्पसंख्यक संस्थानों में 50% छात्रों का अल्पसंख्यक होना अनिवार्य, नियम का पालन न करने वाले अल्पसंख्यक संस्थानों से होगी रिकवरी

छात्रवृत्ति के लिए अल्पसंख्यक संस्थानों में 50% छात्रों का अल्पसंख्यक होना अनिवार्य, नियम का पालन न करने वाले अल्पसंख्यक संस्थानों से होगी रिकवरी।

लखनऊ :  अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों में कुल प्रवेश क्षमता के सापेक्ष 50 प्रतिशत अल्पसंख्यक छात्र होने पर ही इन संस्थानों में अनुसूचित जाति, जनजाति व सामान्य वर्ग के छात्रों को छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ मिल सकेगा। अगर किसी अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थान ने इस नियम के खिलाफ जाकर छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति की राशि ली है, तो उससे वसूली की जाएगी। 


समाज कल्याण निदेशक बालकृष्ण त्रिपाठी ने सभी जिला समाज कल्याण अधिकारियों को पत्र भेजकर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति की नियमावली का शत-प्रतिशत पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राज्यस्तरीय या अखिल भारतीय स्तर की प्रवेश परीक्षा में हिस्सा लिए बिना अगर कोई विद्यार्थी दाखिला लेता है तो उस पाठ्यक्रम के सभी वर्षों में मैनेजमेंट कोटे का माना जाएगा।

समाज कल्याण निदेशक ने किसी भी शिक्षण संस्थान में विभिन्न पाठ्यक्रमों में 30 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्र होने और 1 करोड़ रुपये से अधिक की शुल्क भरपाई होने पर रिकॉर्ड का अनिवार्य रूप से सत्यापन कराने के लिए कहा है। प्रत्येक निजी शिक्षण संस्थान और वहां पढ़ रहे छात्रों के रिकॉर्ड का सत्यापन कराने के लिए भी निर्देश दिए हैं।

▪️नियम का पालन न करने वाले अल्पसंख्यक संस्थानों से होगी रिकवरी 
▪️प्रत्येक निजी कॉलेज और छात्र के रिकॉर्डिंग करना होगा सत्यापन


ये भी दिए निर्देश

▪️किसी भी संस्था में नवीनीकरण के छात्रों की संख्या 50 प्रतिशत से कम है तो संस्था को ली गई राशि वापस करनी होगी।

▪️छात्रों का आधार कार्ड हाईस्कूल के अंकपत्र के अनुसार होना अनिवार्य है।

▪️शिक्षण संस्थानों में हर साल करना होगा शिक्षकों का सत्यापन।

▪️शिक्षण संस्थानों की मान्यता का लगातार कराया जाएगा परीक्षण।

आयु निर्धारण में मेडिकल रिपोर्ट पर फैसला लेना सही : इलाहाबाद हाईकोर्ट


प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि आयु निर्धारण को लेकर विवाद की स्थिति में दस्तावेजी साक्ष्य में स्पष्टता नहीं है तो मेडिकल साक्ष्य को वरीयता दी जाएगी। पीड़िता के आयु निर्धारण को लेकर विवाद पर हाईकोर्ट ने सीजेएम गाजीपुर की ओर से मेडिकल साक्ष्य को वरीयता देने के लिए निर्णय को सही करार देते हुए निगरानी याचिका खारिज कर दी है। याचिका पर न्यायमूर्ति अरविंद कुमार मिश्र प्रथम ने सुनवाई की। पीड़िता के पिता ने निगरानी अर्जी दाखिल कर छह जनवरी 2020 के सीजेएम के आदेश को चुनौती दी थी। कहा गया कि इस मामले में हाईकोर्ट में दाखिल एक याचिका पर कोर्ट ने पीड़िता के अभिभावकों को भी सुनकर आयु निर्धारण का आदेश दिया था। सीजेएम ने उनको सुने बिना ही मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर एकतरफा आदेश दे दिया, जबकि उन्होंने पीड़िता की जन्म तारीख का प्रमाणपत्र जूनियर हाईस्कूल की मार्कशीट है, जिसमें उसकी जन्म तारीख 25 जनवरी 2004 दर्ज है, प्रस्तुत की थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट में आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया है। इस हिसाब से पीड़िता को नाबालिग मानना चाहिए।

 अधिकारी निर्णय लेकर चुनाव कराने का करें आदेश पारित : यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन के जिला शाखा वाराणसी के द्विवार्षिक चुनाव में चुनाव अधिकारी की ओर से मतदान पूर्व चुनाव कार्रवाई स्थगित किए जाने के खिलाफ याचिका दाखिल की गयी। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने याची से कहा है कि वह प्रत्यावेदन अधिकारी को दें और वह विचार कर निर्णय लें व चुनाव कराने का आदेश पारित करें।

छात्रवृत्ति लेने वाले निजी कॉलेजों पर लटकी तलवार, होगी जांच, मानकों के विपरीत छोटे भवनों में चल रहे कई कॉलेज




राज्य ब्यूरो, लखनऊ : समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति लेने वाले निजी कॉलेजों की जांच के आदेश दिए हैं। विभाग उन कॉलेजों की जांच करा रहा है, जो छोटे भवनों में मानकों के विपरीत संचालित हो रहे हैं। यह जांच जिला समाज कल्याण अधिकारियों को सौंपी गई है।
विभाग को यह भी शिकायत मिली है कि कई शिक्षक एक से अधिक कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित प्राइवेट कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बताया गया कि कई संस्थान केवल छात्रवृत्ति के भरोसे ही चल रहे हैं। वे अपने यहां इस शर्त पर छात्र छात्राओं को दाखिला देते हैं कि उन्हें छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति दिला देंगे। यह कॉलेज किराये के दो-तीन कमरों के छोटे मकानों में संचालित हो रहे हैं। समाज कल्याण निदेशक बाल कृष्ण त्रिपाठी की ओर से इस बाबत जारी पत्र के मुताबिक अफसरों को यह देखना है कि संस्थान मानकों के अनुसार संचालित हो रहे हैं या नहीं और निर्धारित मानकों के अनुरूप फैकल्टी की शैक्षिक अर्हता है या नहीं। निजी कॉलेजों की यह भी शिकायत मिली है कि वे शिक्षकों को निर्धारित वेतन नहीं देते हैं। इस कारण शिक्षक एक साथ कई संस्थानों में पढ़ाते हैं। कई कॉलेज निर्धारित मानकों के अनुरूप शिक्षक न रखकर केवल दिखावे के लिए शिक्षक रखते हैं। इन सभी पहलुओं की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जो प्राइवेट कॉलेज व संस्थान मानकों के विपरीत मिलेंगे, उनकी संबद्धता तक समाप्त करने की सिफारिश की जाएगी। ऐसे कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं दिया जाएगा।



22 अक्टूबर को ग्लोबल एजुकेशन मीटिंग का आयोजन करेगा यूनेस्को, कोरोना के बाद शिक्षा की स्थिति पर होगी विचार-विमर्श

22 अक्टूबर को ग्लोबल एजुकेशन मीटिंग का आयोजन करेगा यूनेस्को, कोरोना के बाद शिक्षा की स्थिति पर होगी विचार-विमर्श


यूनेस्को (UNESCO) अगले महीने ग्लोबल एजुकेशन मीटिंग (GEM) का एक विशेष सेशन का आयोजन करेगा। इसमें उच्चस्तरीय नेता, पॉलिसी मेकर्स और ग्लोबल एजुकेशन एक्सपर्ट वर्तमान समय और कोरोना संकट खत्म होने के बाद की दुनिया में शिक्षा की स्थिति को लेकर विचार-विमर्श करेंगे। यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल,साइंटिफिक एंड कल्चरल ऑर्गेनाइजेशन (यूनेस्को) के मुताबिक 22 अक्टूबर को होने वाले इस सत्र का मकसद ऐसे समय में शिक्षा को बचाना और प्रोत्साहित करना है जब मौजूदा हालात के चलते सरकार द्वारा शिक्षा के लिए वित्त पोषण को नजरअंदाज किए जाने की आशंका है।



पीढ़ियों को तबाही से रोकना है मकसद

यूनेस्को (UNESCO) शिक्षा सहायक निदेशक स्टेफानिया गियानिनी कहते है कि, ‘‘अगले महीने GEM का मकसद नेताओं को कोरोना महामारी से शीघ्र, समग्र एवं स्थायी तरीके से उबरने के राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के केंद्र में शिक्षा को रखने के लिए प्रतिबद्ध करना है।'' उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए वित्त पोषण अगर बढ़ाया नहीं जाएं ,तो उसे कम भी नहीं किया जाएं, ताकि ‘‘पीढ़ियों को तबाही'' से रोका जा सके।


154 करोड़ से भी ज्यादा स्टूडेंट्स कोरोना से प्रभावित

यूनेस्को के मुताबिक, कोविड-19 के बीच दुनियाभर में शैक्षणिक संस्थान बंद होने से 154 करोड़ से भी ज्यादा स्टूडेंट्स बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इस वायरस से दुनियाभर में 3.2 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 9.82 लाख लोगों की इससे मौत हो चुकी है। वहीं, भारत में यह आकंड़ा 59 लाख के ऊपर पहुंच चुका है।

फर्जीवाड़ा : फर्जी संस्कृत बोर्ड दे रहा प्रबंधन तक डिग्रियां, संस्कृत एजुकेशन के नाम पर चल रहा फर्जी शिक्षा बोर्ड

फर्जीवाड़ा : फर्जी संस्कृत बोर्ड दे रहा प्रबंधन तक डिग्रियां, संस्कृत एजुकेशन के नाम पर चल रहा फर्जी शिक्षा बोर्ड।

लखनऊ : आठवीं फेल हैं लेकिन, 12वीं पास की मार्कशीट चाहिए। सब मिल जाएगी। बस कीमत चुकानी पड़ेगी। जी हां, ऐसा ही खेल राजधानी समेत प्रदेश भर में चल रहा है। यूपी बोर्ड ऑफ सेकेंडरी संस्कृत एजुकेशन' के नाम पर यह खेल हो रहा है। चौंकिए नहीं, ये एक फर्जी शिक्षा बोर्ड है जिसका नाम प्रदेश सरकार के संस्कृत बोर्ड से मिलता जुलता है। प्रदेश सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद शाहमीना रोड, लखनऊ का गठन किया गया है। इसकी आधिकारिक वेबसाइट www.sanskriteb.gov.in है। जालसाज इसी से मिलते जुलते 'यूपी बोर्ड ऑफ सेकंडरी संस्कृत एजुकेशन के नाम पर एक फर्जी शिक्षा बोर्ड का संचालन कर रहे हैं। यह सारा खेल वेबसाइट www.upbsse.com के नाम पर किया जा रहा है।

 

2018 से चल रहा है खेल : फर्जी शिक्षा बोर्ड का यह खेल वर्ष 2018 से चल रहा है। इस फर्जी वेबसाइट की आईटी एक्सपर्ट्स से जांच कराई तो पता चला कि इस वेबसाइट www.upbsse.com का पहला पंजीकरण नवम्बर 2018 में किया गया था। इसके बाद नवम्बर 2019 में इसका रिन्यूवल कराया गया। साफ है कि लगातार जालसाज इसका संचालन कर रहे हैं। इस वेबसाइट पर दो पत्ते भी दिए गए हैं। पहला पता वास्तविक उ0प्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद, शाहमीना रोड का दिया गया है। वहीं, दूसरा पता इलाहाबाद का है। यहां आठवीं से लेकर 12वीं और डिप्लोमा से लेकर डिग्री तक सब उपलब्ध है।

फेल छात्रों और दूरदराज के छात्रों को करते हैं गुमराह : इन जालसाजों का सारा खेल वेबसाइट के माध्यम से चल रहा है। 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में फेल हो चुके छात्रों के साथ ही यह दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्र-छात्राओं और उनके अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं। वह इनको पास कराने का झांसा देकर अपने जाल में फसाते हैं।


विभागीय स्तर पर भी इस तरह के फर्जी बोर्ड के संबंध में शिकायत सामने आई है। जल्द ही, विभागीय कार्रवाई के साथ पुलिस को शामिल करके मामले की जांच की जाएगी। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। -दीप चन्द, सचिव, उप्र माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद

ओबीसी अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया, पिछड़ा वर्ग आयोग की रोक के बावजूद भर्ती की कोशिश पर उपजा आक्रोश

ओबीसी अभ्यर्थियों ने शिक्षा निदेशालय का घेराव किया, पिछड़ा वर्ग आयोग की रोक के बावजूद भर्ती की कोशिश पर आक्रोश


ओबीसी एससी अभ्यर्थियों ने बेसिक शिक्षा निदेशालय के बाहर किया जबरदस्त प्रदर्शन, पुलिस प्रशासन को छकाया


लखनऊ।   69000 शिक्षकों की भर्ती में अनिमियता का आरोप लगाते हुए ओबीसी, एससी व एसटी के अभ्यर्थियों ने शनिवार को बेसिक शिक्षा निदेशालय का घेराव किया। अभ्यर्थियों ने जोरदार नारेबाजी की तथा शिक्षा निदेशालय के पास रोड जाम करने का प्रयास किया। उनकी संख्या ज्यादा देख प्रशासन ने इन्हें ईको गार्डेन धरना स्थल खदेड़ा। 


अभ्यर्थियों ने कहा कि वह अब तभी वापस जाएंगे जब मुख्यमंत्री उन्हें न्याय का आश्वासन देंगे। उनका कहना था कि भर्ती में ओबीसी व एसी के छात्रों के साथ नाइंसाफी की गयी है। अभ्यर्थियों ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया में घोर अनियमितायें की हैं। 


भर्ती प्रक्रिया पर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने जुलाई 2020 में में ही रोक लगा दी थी। फिर किस आधार पर भर्ती की जा रही है। आयोग ने ओबीसी के साथ नाइंसाफी की जानकारी पर ही रोक लगायी थी। अभ्यर्थियों ने कहा कि जब सब कुछ पारदर्शी तरीके से हुआ है तो शिक्षक भर्ती की मूल चयन सूची, शैक्षिक गुणांक सहित वर्गवार इसकी सूची क्यों नहीं जारी की जा रही है। क्यों नहीं आयोग को इसकी पूरी सूचना दी जा रही है।


 एमआरसी की आड़ में ओबीसी व एससी का आरक्षण छीना जा रहा है। इसे अभ्यर्थी बर्दास्त नहीं करेंगे। कोर्ट व आयोग में मूल चयन सूची उपलब्ध करायी जाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक मुख्यमंत्री से उनकी मुलाकात नहीं होगी, मुख्यमंत्री से न्याय का आश्वासन नही मिलेगा तब तक वह नहीं जाएंगे। उनका धरना अनवरत जारी रहेगा। अभ्यर्थियों का कहना था कि आयोग का फैसला आने के बाद हो भर्ती की जाए। सरकार जल्दबाजी क्यों कर रही है? 


प्रदर्शनकारियों ने कहा कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। हंगामे के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेद्र विक्रम बहादुर सिंह, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव प्रताप सिंह बघेल तथा संयुक्त निदेशक गणेश कुमार अभ्यर्थियों से मिलने धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने आश्वासन दिया कि अभ्यर्थियों के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। अभ्यर्थियों ने अधिकारियों से लिखित आश्वासन मांगा। लेकिन अधिकारियों ने लिखित आश्वासन देने में असमर्थता जताई।

Saturday, September 26, 2020

हाथरस : बीएलओ ड्यूटी में उसी गांव के शिक्षामित्रों की ड्यूटी न लगाए जाने के सम्बन्ध में

हाथरस : बीएलओ ड्यूटी में उसी गांव के शिक्षामित्रों की ड्यूटी न लगाए जाने के सम्बन्ध में



हाथरस : सरप्लस समायोजित कार्यभार ग्रहण न करने वाले 34 शिक्षकों का वेतन बहाल किये जाने सम्बन्धी आदेश जारी

हाथरस : सरप्लस समायोजित कार्यभार ग्रहण न करने वाले 34 शिक्षकों का वेतन बहाल किये जाने सम्बन्धी आदेश जारी



हाथरस : अनुदेशकों की एवं अध्यापक विहीन विद्यालयों में सम्बद्धता के अतिरिक्त सभी सम्बद्धता समाप्त किये जाने के सम्बन्ध में

हाथरस : अनुदेशकों की एवं अध्यापक विहीन विद्यालयों में सम्बद्धता के अतिरिक्त सभी सम्बद्धता समाप्त किये जाने के सम्बन्ध में



हाथरस : दीक्षा एप मर्जर के पश्चात प्रेरणा प्रशिक्षण शत प्रतिशत अध्यापकों द्वारा पूर्ण करने के सम्बन्ध में

हाथरस : दीक्षा एप मर्जर के पश्चात प्रेरणा प्रशिक्षण शत प्रतिशत अध्यापकों द्वारा पूर्ण करने के सम्बन्ध में



हाथरस : बीईओ कार्यालय पर सम्बद्ध कर्मचारियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में

हाथरस : बीईओ कार्यालय पर सम्बद्ध कर्मचारियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में




हाथरस : बीएसए कार्यालय की अनुमति के बिना विकास खण्ड स्तर से बीएलओ ड्यूटी परिवर्तित न किये जाने के सम्बन्ध में

हाथरस : बीएसए कार्यालय की अनुमति के बिना विकास खण्ड स्तर से बीएलओ ड्यूटी परिवर्तित न किये जाने के सम्बन्ध में



हाथरस : सर्विलांस कार्य मे आंगनबाड़ी कर्मियों और शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में

हाथरस : सर्विलांस कार्य मे आंगनबाड़ी कर्मियों और शिक्षकों की सहभागिता सुनिश्चित करने के सम्बन्ध में



हाथरस : वर्ष 2020-21 की कंपोजिट ग्रांट की सम्पूर्ण धनराशि में से 50% धनराशि विद्यालय कायाकल्प पर खर्च किये जाने के सम्बन्ध में

हाथरस : वर्ष 2020-21 की कंपोजिट ग्रांट की सम्पूर्ण धनराशि में से 50% धनराशि विद्यालय कायाकल्प पर खर्च किये जाने के सम्बन्ध में





हाथरस : वर्ष 2019-20 में 134 विद्यालयों में स्वीकृत बृहद मरम्मत कार्यों को 14 पैरामीटर्स पर संतृप्त किये जाने के सम्बन्ध में

हाथरस : वर्ष 2019-20 में 134 विद्यालयों में स्वीकृत बृहद मरम्मत कार्यों को 14 पैरामीटर्स पर संतृप्त किये जाने के सम्बन्ध में



महराजगंज : DCF पर भरे गये आंकड़ों का मिलान छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड आंकड़े के अनुसार करवाने तथा अभिभावकों के सहमति पत्र भरवाने के सम्बन्ध में बीएसए ने जारी किया निर्देश

महराजगंज : DCF पर भरे गये आंकड़ों का मिलान छात्र-छात्राओं के आधार कार्ड आंकड़े के अनुसार करवाने तथा अभिभावकों के सहमति पत्र भरवाने के सम्बन्ध में बीएसए ने जारी किया निर्देश।


एक महीने की भी फीस न देने वाले छात्रों को स्कूल में नहीं मिलेगा प्रवेश - निजी स्कूलों ने शासन को कराया अवगत

एक महीने की भी फीस न देने वाले छात्रों को स्कूल में नहीं मिलेगा प्रवेश

12 अक्टूबर से विद्यालय खोलने की मांग, फीस जमा न करने वालों को नहीं मिलेंगी कक्षाएं।

अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला को सौंपा ज्ञापन।


अक्तूबर में अगर निजी स्कूल खुलें तो उन छात्रों को प्रवेश नहीं मिलेगा, जिन्होंने अभी तक एक भी महीने की फीस जमा नहीं कराई है।


निजी स्कूलों के संगठन अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने अपने इस निर्णय से शासन को लिखित में अवगत करा दिया है। पहले चरण में केवल कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए ही स्कूल खोलने का प्रस्ताव है।


एसो. अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि निजी स्कूलों को 30 से 40 प्रतिशत तक छात्रों की ही फीस मिली है। बार-बार कहने के बावजूद ऐसे कई अभिभावक हैं जिन्होंने अप्रैल से अभी तक एक भी महीने की फीस जमा नहीं कराई है। 12 अक्तूबर से स्कूल खोलने का प्रस्ताव शासन को सौंप दिया है।


इसमें साफ तौर पर स्कूलों के निर्णय से शासन को अवगत करा दिया है कि जिन अभिभावकों ने एक भी महीने की फीस नहीं दी है, उनके बच्चों को स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी निजी स्कूलों के प्रबंधन ने एकमत से यह निर्णय लिया है। अभिभावकों को पहले भी निर्देश दिया था कि जिन्हें फीस देने में कठिनाई है, वे साक्ष्य के साथ 20 प्रतिशत तक फीस कटौती को आवेदन कर सकते हैं।


बताया कि अभी केवल बड़े क्लास खोलने का ही प्रस्ताव दिया है। वहीं, जो छात्र नहीं आना चाहते हैं तो उनकी इच्छा है। इतना ही नहीं जो स्कूल अभी नहीं खोलना चाहते, उन पर भी कोई दबाव नहीं होगा। छात्र केवल अभिभावकों की अनुमति से ही स्कूल आएंगे।


शासन को एसओपी भी सौंपी
अध्यक्ष ने बताया कि सभी स्कूलों ने बात कर शासन के निर्देश अनुसार स्कूल खोलने को एसओपी भी तैयार कर शासन को सौंप दी है। इसके अनुसार 12 अक्तूबर से 10वीं और 12वीं की ही पढ़ाई शुरू होगी। इन्हें प्रोजेक्ट वर्क, प्रैक्टिकल और मिड टर्म परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। स्थिति को देखते हुए बाद में 9वीं और 11वीं के छात्रों को पढ़ाई के लिए बुलाया जाएगा। 


लखनऊ । अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने 12 अक्टूबर से दो शिफ्टों में विद्यालय खोले जाने की मांग की है। इस संबंध में प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला को ज्ञापन दिया है। एसोसिएशन ने यह साफ कर दिया है कि जिन बच्चों की एक भी माह की फीस लॉकडाउन से अबतक नहीं जमा की गई है वह उन्हें कक्षाएं नहीं देंगे। फीस जमा न करने वाले बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट भी नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही विद्यालय खोले जाने को लेकर कोविड-19 से विद्यार्थियों की सुरक्षा के मानक भी निर्धारित किए हैं।


एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि जिन बच्चों की फीस नहीं जमा है उनके अभिभावक धीरे-धीरे फीस जमा कर दें। क्योंकि विद्यालय प्रबंधन को स्टॉफ का वेतन देना है और इसक अलावा अन्य खर्च भी हैं। जिन अभिभावकों के पास आर्थिक समस्या है वह विद्यालय प्रबंधन से मिलकर अपनी समस्या बताएं और एक से दो माह की फीस जमा कर दें। बाकी की फीस के लिए कुछ समय प्रबंधन से मांग लें।


एसोसिएशन ने विद्यालय खोलने को यह बनाए मानक

एक कक्षा में 20 से अधिक विद्यार्थी नहीं होंगे। सीट से सीट की दूरी तीन फिट होगी। सुबह पहली शिफ्ट में आठ से 11 बजे तक 10वीं और 12वीं की कक्षाएं संचालित होंगी। दूसरी पाली में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक कक्षा नौ और 11 की कक्षाएं संचालित होंगी। प्रवेश और निकास द्वार की अलग-अलग व्यवस्था होगी। 

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे विद्यालयों में अगर कोई बच्चा संक्रमित होता है तो विद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी नहीं होगी। प्रोटोकॉल का पालन न करने वाले विद्यालय के खिलाफ शासन सख्त कार्यवाही करे। 

प्रवेश द्वार से लेकर कक्षाओं तक गोले बने होंगे। शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। अगर किसी बच्चे को बीच में बाहर जाने की जरूरत पड़ती है तो उसके लिए पास जारी किया जाएगा। एक बार में एक ही बच्चा बाहर जा सकेगा। बिना मास्क के बच्चों का विद्यालय में प्रवेश नहीं होगा। निकास और प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था होगी। 

CBSE और CISCE के साथ संबद्धता के लिए विद्यालयों को अब ऑनलाइन NOC

सीबीएसई और सीआइएससीई के साथ संबद्धता के लिए विद्यालयों को अब ऑनलाइन एनओसी

 
बढ़ते संक्रमण के कारण सीबीएसई और सीआइएससीई के साथ संबद्धता के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के आवेदन की व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने यह आदेश जारी किया है। विभाग की वेबसाइट पर इसकी जानकारी दे दी गई है। बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण यह व्यवस्था की जा रही है।


अब सीबीएसई और सीआइएससीई से संचालित विद्यालय प्रबंधन को एनओसी के लिए अधिकारियों के दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। वह एनओसी से सम्बंधित सारी अर्हताएं पूरी करके विभाग की वेबसाइट  पर लॉगइन करके आवेदन कर सकेंगे। आवेदन के बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक द्वारा विद्यालय का स्थलीय निरीक्षण करके एनओसी देने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

यूपी बोर्ड : 10वीं व 12वीं की पूरक परीक्षा के प्रवेशपत्र जारी

यूपी बोर्ड : 10वीं व 12वीं की पूरक परीक्षा के प्रवेशपत्र जारी।

प्रयागराज : यूपी बोर्ड ने इंप्रूवमेंट व कंपार्टमेंट 2020 परीक्षा के लिए प्रवेशपत्र जारी कर दिया है। परीक्षार्थी वेबसाइट से इसे डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा तीन अक्टूबर को जिला मुख्यालयों पर होगी। जिलों में 29 व 30 सितंबर को


हाईस्कूल व इंटर के उन परीक्षार्थियों की आंतरिक व प्रायोगिक परीक्षाएं होंगी, जिन्होंने परीक्षा के लिए आवेदन किया है। बोर्ड सचिव ने बताया कि संबंधित छात्र-छात्रएं अपने पंजीकृत कालेजों के प्रधानाचार्यो से संपर्क कर लें, वेबसाइट से डाउनलोड प्रधानाचार्य के हस्ताक्षर से ही जारी होगा। वहीं, हाईस्कूल इंप्रूवमेंट व कंपार्टमेंट परीक्षा का आंतरिक मूल्यांकन 29 व 30 सितंबर को होगा। यह मूल्यांकन भी प्रधानाचार्य करेंगे।

स्कूलों में अक्तूबर से लौट सकती है रौनक, केंद्र ने जारी की एसओपी

स्कूलों में अक्तूबर से लौट सकती है रौनक, केंद्र ने जारी की एसओपी

प्री प्राइमरी व प्राइमरी की कक्षाएं संचालित करने के आसार कम, निजी विद्यालयों ने स्कूल खोलने का भेजा प्रस्ताव

 
लखनऊ के स्कूलों में अक्तूबर से रौनक लौट सकती है। केंद्र सरकार ने कक्षा 9 से 12 तक के छात्रों को परामर्श देने के लिए स्कूलों को एसओपी जारी की है। इसके बाद शासन ने भी इसी तरह की एसओपी जारी की है तो स्कूल खुलने के आसार लगने लगे हैं। इस पर निजी स्कूलों के संगठन ने स्कूल खोलने का प्रस्ताव भेज दिया है। अक्तूबर के मध्य से स्कूल खुल सकते हैं। बारी-बारी से कक्षाओं को शुरू करने की योजना है।

                              
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि एक साथ सभी कक्षाएं नहीं चलेंगी। अक्तूबर के मध्य 12 के बाद से खोलने का प्रस्ताव भेजा गया है। पहले बड़ी कक्षाएं 10 और 12 को संचालित करने का प्रस्ताव है। इसके बाद कक्षा 9 और 11 की। फिर चरणबद्ध तरीके से जूनियर की कक्षाएं शुरू करने का प्रस्ताव है।


उन्होंने बताया कि प्री प्राइमरी व प्राइमरी की कक्षाएं संचालित करने के आसार फिलहाल कम ही लग रहे हैं। बोर्ड परीक्षा को ध्यान में रखते हुए कक्षा 10 और 12 के छात्रों की पढ़ाई बहुत जरूरी है। प्रस्ताव में यह भी दिया गया है कि किस तरीके से क्लास चलाए जाएंगे। कोविड रोकथाम के सभी नियम जैसे सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और सैनिटाइजर का कड़ाई से पालन किया जाएगा।


कोरोना में कक्षाएं संचालित करने के लिए अलग से विशेष टाइम टेबल बनाने का प्रस्ताव है। इसके तहत दो शिफ्टों में संचालित करने की योजना है। छात्रों को विभिन्न वर्गों में बांट कर अलग-अलग समय पर बुलाया जाएगा।  साथ ही अलग-अलग दिन पर भी बुलाने का प्रस्ताव है।


गाइनलाइन का इंतजार
उन्होंने बताया कि कक्षा 10 और 12 के छात्रों की बोर्ड परीक्षा के मद्देनजर प्रोजेक्ट वर्क व प्रैक्टिकल कार्यों के लिए उनकी कक्षाएं प्रारंभ करना अब जरूरी लग रहा है। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव में कक्षा की पढ़ाई के साथ ऑनलाइन कक्षाएं संचालित करने की योजना दी गई है। स्कूल खोलने को लेकर बाध्यता नहीं होगी। प्रस्ताव अभिभावकों की राय लेकर तैयार किया गया है और अभिभावकों के अनुमति पर ही छात्रों को बुलाया जाएगा। जो स्कूल अभी नहीं बाद में खोलना चाहते हैं उन्हें बाध्य नहीं किया जाएगा। 


एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि शासन के अधिकारी उप मुख्यमंत्री से इस संबंध में वार्ता करेंगे। स्कूल खोलने को लेकर शासन की गाइडलाइन का इंतजार है। केंद्रीय विद्यालय भी अक्तूबर से कुछ छात्रों को बुलाने की तैयारी कर रहे हैं। केंद्र सरकार की एसओपी के अनुसार उन्होंने अभिभावकों से छात्रों को बुलाने को लेकर अनुमति मांगी थी।


हालांकि, महज दो से पांच प्रतिशत अभिभावकों ने छात्रों को परामर्श के लिए भेजने की अनुमति दी है। केवी गोमती नगर के प्रधानाचार्य डॉ. सीबीपी वर्मा ने बताया कि कक्षा नौ से 12 तक में 1400 छात्रों में से 20 अभिभावकों ने ही परामर्श के लिए स्कूल भेजने की अनुमति दी है। अक्तूबर में छात्रों को बुलाया जाएगा। इनकी स्थिति को देखते हुए अभिभावक भी छात्रों को भेजने के लिए राजी हो जाएंगे।

फतेहपुर : डायट के प्रवक्ता 10-10 विद्यालयों को लेंगे गोद, शिक्षण गुणवत्ता सुधार के लिए शुरू हो रही नई व्यवस्था

फतेहपुर : डायट के प्रवक्ता 10-10 विद्यालयों को लेंगे गोद, शिक्षण गुणवत्ता सुधार के लिए शुरू हो रही नई व्यवस्था।

पहल : शिक्षण गुणवत्ता सुधार के लिए शुरू हो रही नई व्यवस्था,  गोद के लिए डी-श्रेणी के स्कूलों का करना होगा चयन।

फतेहपुर : बेसिक शिक्षा द्वारा संचालित परिषदीय स्कूलों की शिक्षण गुणवत्ता को मजबूत करने के लिए डायट प्रवक्ता भी जिम्मेदारी सम्भालेंगे। जिला शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) के प्रवक्ताओं के लिए भी वर्क परियोजना कार्य अनिवार्य कर दिया गया है। प्रवक्ताओं को माह में कम से कम 10 10 स्कूलों को गोद लेकर शिक्षण गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कार्य करना होगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के निदेशक डा. सर्वेन्द्र विक्रम बहादुर सिंह ने निर्देश जारी किया है। 


निदेशक द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि इसके लिए किसी एक विषय को चुनना होगा। चुने गए विषय पर कार्य योजना बनाने के बाद इसका मूल्यांकन होगा। जिला स्तर पर डाइट की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। डायट में ही कार्यरत शिक्षक व अध्ययनरत प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण व शिक्षण प्रदान किया जाता है। डायट प्रवक्ताओं को परिषदीय प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में शैक्षिक स्तर के सुधार के लिए भी दायित्व तय किए गए हैं। समय के साथ डायट प्रवक्ता मात्र डायट तक ही सीमित रह गए हैं। विभाग ने प्रेरणा लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी सरकारी व स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग का खाका खींचा है। अब डायट प्रवक्ता जनपद ग्रेडिंग लर्निंग में डी-श्रेणी के स्कूलों को गोद लेंगे।