फतेहपुर : वर्ष 2020-21 में इन्स्पायर अवार्ड योजनांतर्गत छात्र-छात्राओं के ऑनलाइन नामांकन के सम्बन्ध में।
फतेहपुर : इन्स्पायर अवार्ड योजना में निखरेगी प्रतिभा, 30 सितम्बर तक रजिस्ट्रेशन, नए स्वरूप में होंगे प्रोजेक्ट।
फतेहपुर : विज्ञान के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं की प्रतिभा निखारी जाएगी। इसके लिए इंस्पायर अवार्ड योजना चलाई जा रही है। इसमें छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन पर जोर दिया जा रहा है। इसमें बच्चे अपना वैज्ञानिक प्रोजेक्ट भी तैयार करेंगे।
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इंस्पायर अवार्ड मानक योजना को प्रारंभ किया है। जिसका उद्देश्य कक्षा 6 से लेकर 10 तक के विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर विज्ञान की तरफ आकर्षित करना है। स्कूली बच्चों में नवाचार औररचनात्मक सोच की संस्कृति को बढावा देने के साथ साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक पहल है। इस कार्यक्रम में देश भर के सभी निजी और सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के मौलिक विचारों विज्ञान आधारित सामाजिक जरूरतों को पूरा करने वाले विचारों को 30 सितंबर तक भेजना है। विज्ञान में गहन रुचि तथा नवाचार पर कार्य करने वाले विद्यार्थियों को जिला स्तरीय प्रदर्शनी के लिए चयनित होने पर केंद्र सरकार दस हजार रुपये का पुरस्कार देती है।
बेसिक शिक्षा विभाग के डीसी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि इस योजना में परंपरागत पाठ्यक्रम थर्माकोल तथा कार्ड बोर्ड से बने अचालित माडल नहीं चलेंगे। पंजीकरण के समय विद्यार्थी संभावित प्रोजेक्ट का सारांश 300 शब्दों में समस्या निदान तथा सामाजिक उपयोगिता का उल्लेख करते हुए स्कूल की सहायता से अपलोड कर सकते हैं। बदलते भारत की तस्वीर में नन्हें वैज्ञानिक भी अपने नवाचारों से रंग भरने का प्रयास कर रहे हैं।
फतेहपुर : इन्स्पायर अवार्ड योजना में निखरेगी प्रतिभा, 30 सितम्बर तक रजिस्ट्रेशन, नए स्वरूप में होंगे प्रोजेक्ट।
फतेहपुर : विज्ञान के क्षेत्र में छात्र-छात्राओं की प्रतिभा निखारी जाएगी। इसके लिए इंस्पायर अवार्ड योजना चलाई जा रही है। इसमें छात्र-छात्राओं के रजिस्ट्रेशन पर जोर दिया जा रहा है। इसमें बच्चे अपना वैज्ञानिक प्रोजेक्ट भी तैयार करेंगे।
भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने इंस्पायर अवार्ड मानक योजना को प्रारंभ किया है। जिसका उद्देश्य कक्षा 6 से लेकर 10 तक के विद्यार्थियों को प्रोत्साहित कर विज्ञान की तरफ आकर्षित करना है। स्कूली बच्चों में नवाचार औररचनात्मक सोच की संस्कृति को बढावा देने के साथ साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से सामाजिक जरूरतों को पूरा करने की दिशा में एक पहल है। इस कार्यक्रम में देश भर के सभी निजी और सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के मौलिक विचारों विज्ञान आधारित सामाजिक जरूरतों को पूरा करने वाले विचारों को 30 सितंबर तक भेजना है। विज्ञान में गहन रुचि तथा नवाचार पर कार्य करने वाले विद्यार्थियों को जिला स्तरीय प्रदर्शनी के लिए चयनित होने पर केंद्र सरकार दस हजार रुपये का पुरस्कार देती है।
बेसिक शिक्षा विभाग के डीसी जितेन्द्र सिंह ने बताया कि इस योजना में परंपरागत पाठ्यक्रम थर्माकोल तथा कार्ड बोर्ड से बने अचालित माडल नहीं चलेंगे। पंजीकरण के समय विद्यार्थी संभावित प्रोजेक्ट का सारांश 300 शब्दों में समस्या निदान तथा सामाजिक उपयोगिता का उल्लेख करते हुए स्कूल की सहायता से अपलोड कर सकते हैं। बदलते भारत की तस्वीर में नन्हें वैज्ञानिक भी अपने नवाचारों से रंग भरने का प्रयास कर रहे हैं।
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