कस्तूरबा विद्यालय की शिक्षिका की बर्खास्तगी पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक।
वेतन सहित बहाल करने का आदेश, फर्जी नियुक्ति के मामले में जवाब तलब।
प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नियुक्ति पाने की आरोपी कस्तूरबा विद्यालय की नियमित शिक्षिका की बर्खास्तगी के आदेश पर रोक लगाते हुए उनको वेतन के साथ अपने पद पर बहाल करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने फर्जी नियुक्ति के मामले में प्रदेश सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग से चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय आराजी लाइंस वाराणसी में नियुक्त अध्यापिका सरिता आर्या की याचिका पर यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता ने दिया है। याची के अधिवक्ता सुदर्शन सिंह का कहना था कि याची को 17 जुलाई 2020 को सेवा से बर्खास्त करते हुए उसके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है। शिक्षिका पर फर्जी अंकपत्रों के आधार पर नियुक्ति पाने का आरोप है। याची हिंदी विषय की पूर्णकालिक अध्यापिका है।
अधिवक्ता का कहना कि कोर्ट ने इसी प्रकार के एक अन्य मामले में बर्खास्तगी पर रोक लगाते हुए वेतन सहित बहाल करने का आदेश दिया है। याची के प्रकरण में भी ऐसा ही आदेश की मांग की गई। कोर्ट ने रामचरित्र यादव व अन्य के मामले में 31 अगस्त को दिए आदेश को याची के संबंध में भी देते हुए दोनों याचिकाओं को एक साथ सुनवाई के लिए प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। इस दौरान दोनों पक्षों को अपने-अपने हलफनामे और जवाबी हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया है।
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