राज्य ब्यूरो, लखनऊ : समाज कल्याण विभाग ने छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति लेने वाले निजी कॉलेजों की जांच के आदेश दिए हैं। विभाग उन कॉलेजों की जांच करा रहा है, जो छोटे भवनों में मानकों के विपरीत संचालित हो रहे हैं। यह जांच जिला समाज कल्याण अधिकारियों को सौंपी गई है।
विभाग को यह भी शिकायत मिली है कि कई शिक्षक एक से अधिक कॉलेजों में पढ़ा रहे हैं। जांच में गड़बड़ी पाए जाने पर संबंधित प्राइवेट कॉलेजों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बताया गया कि कई संस्थान केवल छात्रवृत्ति के भरोसे ही चल रहे हैं। वे अपने यहां इस शर्त पर छात्र छात्राओं को दाखिला देते हैं कि उन्हें छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति दिला देंगे। यह कॉलेज किराये के दो-तीन कमरों के छोटे मकानों में संचालित हो रहे हैं। समाज कल्याण निदेशक बाल कृष्ण त्रिपाठी की ओर से इस बाबत जारी पत्र के मुताबिक अफसरों को यह देखना है कि संस्थान मानकों के अनुसार संचालित हो रहे हैं या नहीं और निर्धारित मानकों के अनुरूप फैकल्टी की शैक्षिक अर्हता है या नहीं। निजी कॉलेजों की यह भी शिकायत मिली है कि वे शिक्षकों को निर्धारित वेतन नहीं देते हैं। इस कारण शिक्षक एक साथ कई संस्थानों में पढ़ाते हैं। कई कॉलेज निर्धारित मानकों के अनुरूप शिक्षक न रखकर केवल दिखावे के लिए शिक्षक रखते हैं। इन सभी पहलुओं की जांच कर शीघ्र रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है। जो प्राइवेट कॉलेज व संस्थान मानकों के विपरीत मिलेंगे, उनकी संबद्धता तक समाप्त करने की सिफारिश की जाएगी। ऐसे कॉलेजों के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति का लाभ नहीं दिया जाएगा।
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