शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच में सत्यापन शुल्क का रोड़ा
प्रयागराज : फर्जी शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच में मामूली शुल्क रोड़ा बना है। अनामिका प्रकरण के बाद माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया शुरू की गई। जिला स्तर पर सभी शिक्षकों के प्रपत्रों की जांच कर संबंधित विश्वविद्यालयों को भी सत्यापन के लिए भेजा लेकिन अब तक किसी भी विश्वविद्यालय ने सत्यापन कर प्रपत्र नहीं लौटाए। इसकी वजह यह कि विवि शुल्क लेते हैं।
डीआइओएस कार्यालय के पास सत्यापन शुल्क के नाम पर कोई भी बजट नहीं है। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने बताया कि जनपद में 378 राजकीय विद्यालय के शिक्षक हैं, इनमें 250 महिला व 128 पुरुष हैं। वित्तपोषित कालेजों के कुल 3286 अध्यापक हैं, इनमें 809 महिला व 2477 शिक्षक हैं। इसी क्रम में 68 संस्कृत विद्यालयों के भी शिक्षकों के शैक्षिक प्रमाणपत्रों का सत्यापन करने के लिए विश्वविद्यालयों के पास भेजा गया है। अब तक कहीं से रिपोर्ट नहीं आई है। जिले के परिषदीय विद्यालयों में 1996 शिक्षामित्र और 642 अनुदेशक हैं, इनके भी शैक्षणिक प्रमाणपत्र जांचे जा रहे हैं।
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