एक महीने की भी फीस न देने वाले छात्रों को स्कूल में नहीं मिलेगा प्रवेश
12 अक्टूबर से विद्यालय खोलने की मांग, फीस जमा न करने वालों को नहीं मिलेंगी कक्षाएं।
अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला को सौंपा ज्ञापन।
अक्तूबर में अगर निजी स्कूल खुलें तो उन छात्रों को प्रवेश नहीं मिलेगा, जिन्होंने अभी तक एक भी महीने की फीस जमा नहीं कराई है।
निजी स्कूलों के संगठन अनएडेड प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन ने अपने इस निर्णय से शासन को लिखित में अवगत करा दिया है। पहले चरण में केवल कक्षा 10 और 12 के छात्रों के लिए ही स्कूल खोलने का प्रस्ताव है।
एसो. अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि निजी स्कूलों को 30 से 40 प्रतिशत तक छात्रों की ही फीस मिली है। बार-बार कहने के बावजूद ऐसे कई अभिभावक हैं जिन्होंने अप्रैल से अभी तक एक भी महीने की फीस जमा नहीं कराई है। 12 अक्तूबर से स्कूल खोलने का प्रस्ताव शासन को सौंप दिया है।
इसमें साफ तौर पर स्कूलों के निर्णय से शासन को अवगत करा दिया है कि जिन अभिभावकों ने एक भी महीने की फीस नहीं दी है, उनके बच्चों को स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। सभी निजी स्कूलों के प्रबंधन ने एकमत से यह निर्णय लिया है। अभिभावकों को पहले भी निर्देश दिया था कि जिन्हें फीस देने में कठिनाई है, वे साक्ष्य के साथ 20 प्रतिशत तक फीस कटौती को आवेदन कर सकते हैं।
बताया कि अभी केवल बड़े क्लास खोलने का ही प्रस्ताव दिया है। वहीं, जो छात्र नहीं आना चाहते हैं तो उनकी इच्छा है। इतना ही नहीं जो स्कूल अभी नहीं खोलना चाहते, उन पर भी कोई दबाव नहीं होगा। छात्र केवल अभिभावकों की अनुमति से ही स्कूल आएंगे।
शासन को एसओपी भी सौंपी
अध्यक्ष ने बताया कि सभी स्कूलों ने बात कर शासन के निर्देश अनुसार स्कूल खोलने को एसओपी भी तैयार कर शासन को सौंप दी है। इसके अनुसार 12 अक्तूबर से 10वीं और 12वीं की ही पढ़ाई शुरू होगी। इन्हें प्रोजेक्ट वर्क, प्रैक्टिकल और मिड टर्म परीक्षा के लिए बुलाया जाएगा। स्थिति को देखते हुए बाद में 9वीं और 11वीं के छात्रों को पढ़ाई के लिए बुलाया जाएगा।
लखनऊ । अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने 12 अक्टूबर से दो शिफ्टों में विद्यालय खोले जाने की मांग की है। इस संबंध में प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला को ज्ञापन दिया है। एसोसिएशन ने यह साफ कर दिया है कि जिन बच्चों की एक भी माह की फीस लॉकडाउन से अबतक नहीं जमा की गई है वह उन्हें कक्षाएं नहीं देंगे। फीस जमा न करने वाले बच्चों को अगली कक्षा में प्रमोट भी नहीं किया जाएगा। इसके साथ ही विद्यालय खोले जाने को लेकर कोविड-19 से विद्यार्थियों की सुरक्षा के मानक भी निर्धारित किए हैं।
एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने बताया कि जिन बच्चों की फीस नहीं जमा है उनके अभिभावक धीरे-धीरे फीस जमा कर दें। क्योंकि विद्यालय प्रबंधन को स्टॉफ का वेतन देना है और इसक अलावा अन्य खर्च भी हैं। जिन अभिभावकों के पास आर्थिक समस्या है वह विद्यालय प्रबंधन से मिलकर अपनी समस्या बताएं और एक से दो माह की फीस जमा कर दें। बाकी की फीस के लिए कुछ समय प्रबंधन से मांग लें।
एसोसिएशन ने विद्यालय खोलने को यह बनाए मानक
एक कक्षा में 20 से अधिक विद्यार्थी नहीं होंगे। सीट से सीट की दूरी तीन फिट होगी। सुबह पहली शिफ्ट में आठ से 11 बजे तक 10वीं और 12वीं की कक्षाएं संचालित होंगी। दूसरी पाली में दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक कक्षा नौ और 11 की कक्षाएं संचालित होंगी। प्रवेश और निकास द्वार की अलग-अलग व्यवस्था होगी।
कोरोना प्रोटोकॉल का पालन कर रहे विद्यालयों में अगर कोई बच्चा संक्रमित होता है तो विद्यालय प्रबंधन की जिम्मेदारी नहीं होगी। प्रोटोकॉल का पालन न करने वाले विद्यालय के खिलाफ शासन सख्त कार्यवाही करे।
प्रवेश द्वार से लेकर कक्षाओं तक गोले बने होंगे। शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखा जाएगा। अगर किसी बच्चे को बीच में बाहर जाने की जरूरत पड़ती है तो उसके लिए पास जारी किया जाएगा। एक बार में एक ही बच्चा बाहर जा सकेगा। बिना मास्क के बच्चों का विद्यालय में प्रवेश नहीं होगा। निकास और प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजेशन की व्यवस्था होगी।
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