DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, September 1, 2020

गोरखपुर : नौकरी हथियाने के लिए एससी-एसटी बने गुप्ता जी, बर्खास्त

नौकरी हथियाने के लिए एससी-एसटी बने गुप्ता जी, बर्खास्त

बीएसए गोरखपुर ने सोमवार को जिले के तीन शिक्षकों को फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने पर बर्खास्त कर दिया। इन शिक्षकों में से दो ने नौकरी हथियाने के लिए अपनी जाति ही बदल ली। दद्दन यादव नाम का व्यक्ति सिंह बन गया और संतोष गुप्ता संतोष कुमार बन गया। बर्खास्त किए गए सभी तीनों शिक्षकों से अब वेतन की रिकवरी होगी।

1996 में शिवबचन सिंह पुत्र भृगुनाथ सिंह की कैम्पियरगंज के प्राइमरी स्कूल में हेड शिक्षक के रूप में ज्वाइनिंग 15 जुलाई 1996 को हुई। ज्वाइनिंग लेटर में शिवबचन का पता व निवास प्रमाण पत्र रतसड़ बलिया है। महानिदेशक स्कूल शिक्षा के पास मई 2020 में शिक्षक के वेतन की जानकारी आई जिसमें 192 मामले ऐसे थे जिनमे एक ही पैन कार्ड पर अलग-अलग एंट्री कई जिले की फाइलों में मिली। इसके आधार पर शिवबचन को निलंबित कर दिया गया। बलिया के असली टीचर ने इसकी शिकायत की।

शिकायतकर्ता के अनुसार कैम्पियरगंज में 1996 से नौकरी करने वाले शिक्षक का असली नाम ददन यादव बताया गया। शिकायतकर्ता के आधार पर जांच हुई जिसमे सारी बातें सही मिलीं। मामला सही मिलने पर शिक्षक को बर्खास्त कर दिया गया।

गोरखपुर के ब्रह्मपुर स्थित प्राइमरी स्कूल में 6 फरवरी 2010 में संतोष कुमार पुत्र छठ्ठू प्रसाद ने बतौर शिक्षक ज्वाइन किया था। 2019 में इनके प्रमाण पत्रों की जांच कराई गई। जांच में पता चला कि संतोष की जाति गुप्ता है जबकि इनकी तैनाती अनुसूचित जाति के कोटे से हुई है। इसके बाद संतोष को निलंबित कर जांच शुरू कर दी गई। मामला सही पाए जाने पर संतोष को बर्खास्त कर दिया गया।

एसटीएफ की जांच में पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

वंदना पाण्डेय पुत्री नरेन्द्र पाण्डेय और पत्नी रमेश मिश्रा की तैनाती 2011 में सिद्धार्थनगर प्राइमरी स्कूल में हुई थी। अंतरजनपदीय तबादले में 2016 को जगंल कौड़िया के प्राइमरी स्कूल में वंदना की तैनाती हुई। एसटीएफ फील्ड यूनिट गोरखपुर के दिशा-निर्देश पर वंदना की प्रमाणपत्र की जांच शुरू हुई। जांच में पाया गया कि वंदना ने दूसरे के नाम की मार्कशीट बना पता छिपाते हुए नौकरी हासिल की है। मामले की पुष्टि होने पर वंदना को भी बर्खास्त कर दिया गया है।

अब तक की कार्रवाई

बर्खास्त हो चुके शिक्षक 61

निलंबित शिक्षक 34

बोले बीएसए

तीनों शिक्षक के प्रमाणपत्र फर्जी पाए जाने पर तीनों को बर्खास्त किया गया है। अब इनके खिलाफ एफआईआर कराकर वेतन की रिकवरी कराई जाएगी।

No comments:
Write comments