कैबिनेट का फैसला : यूपी में पीपीपी मॉडल पर चलेंगे 15 नए पॉलिटेक्निक और 40 आईटीआई।
लखनऊ : कैबिनेट ने प्रदेश में नए स्थापित किए जा रहे राजकीय पॉलीटेक्निक एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को निजी क्षेत्र की सहभागिता से चलाने का फैसला किया है। इस तरह ये संस्थान पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल पर संचालित किए जाएंगे। विभागीय सूत्रों के अनुसार पहले चरण में 15 नए राजकीय पॉलीटेक्निक और 40 आईटीआई पीपीपी मॉडल पर चलाए जा सकते हैं। वैसे प्रदेश में 51 नए राजकीय पॉलीटेक्निक बन रहे हैं।
प्रदेश सरकार नए पॉलीटेक्निक और आईटीआई का भवन निर्माण कर निजी क्षेत्रों को सौंप देगी। इसके बाद प्रशिक्षार्थियों के लिए उपकरण, मशीन और साज-सज्जा की व्यवस्था निजी क्षेत्र ही करेंगे। साथ ही पढ़ाने के लिए शिक्षकों व अनुदेशकों के अलावा तकनीकी व गैर तकनीकी स्टाफ की भर्ती भी निजी क्षेत्र का पार्टनर ही करेगा। वेतन देने की जिम्मेदारी भी उसी की होगी। सरकार का मानना है कि इससे निजी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर मिलेंगे। प्रशिक्षार्थियों की ट्रेनिंग के बाद औद्योगिक प्रतिष्ठान उन्हें अपने यहां नौकरी भी दे सकेंगे।
उधर उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा सेवा संघ ने इस फैसले का विरोध किया है। संघ के महामंत्री आरबी सिंह ने कहा कि प्रदेश में 145 राजकीय, 19 अनुदानित और 1155 निजी पॉलीटेक्निक संस्थाएं हैं। इस तरह 80 प्रतिशत संस्थाएं पहले से निजी क्षेत्र में हैं। शासन को सरकारी क्षेत्र में पॉलीटेक्निक संस्थाओं की संख्या बढ़ानी चाहिए। अभी निजी क्षेत्र की मौजूदा संस्थाओं में ही सीटें नहीं भर रही हैं। पीपीपी मॉडल पर चलाने का प्रयोग सफल नहीं होगा।
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