15 अक्तूबर से स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं हैं ज्यादातर अभिभावक
शहर के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल प्रबंधनों की आपत्ति के बाद अब अभिभावकों की ओर से भी स्कूल न शुरू किए जाने की आवाज उठने लगी है। अभिभावकों के एक संगठन लखनऊ अभिवावक विचार परिषद ने आपत्ति जताई है।
संगठन का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रही है। इसकी वैक्सीन अभी तक नहीं आई है। इन हालातों में बच्चों को स्कूल भेजना सुरक्षित नहीं होगा। संगठन के राकेश कुमार सिंह ने कहा कि प्रदेश का शिक्षा विभाग , निजी स्कूल संचालक और प्रदेश के मुख्यमंत्री कोरोना महामारी से बच्चे के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेने के लिये तैयार नहीं है तो वह अपने बच्चे के जीवन को संकट में नहीं डालेंगे।
संगठन ने मांग उठाई है कि कोरोना संक्रमण में इलाज के लिए कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं होने के कारण बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए 15 अक्तूबर से स्कूल खोलने का निर्णय वापस लिया जाए। साथ ही, शिक्षा सत्र 2020-21 को शून्य घोषित किया जाए।
एडेड स्कूलों की ओर से भी आपत्ति : राजधानी के सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल प्रबंधनों की ओर से भी आपत्तियां जताई गई हैं। स्कूल प्रबंधनों का कहना है कि सैनिटाइजेशन, मास्क जैसी व्यवस्थाओं के लिए स्कूलों में कोई बजट उपलब्ध नहीं है। ऐसे में प्रबंधन अपने सीमित संस्थानों से यहां सुविधाएं उपलब्ध कराने में सक्षम नहीं है। उन्होंने सैनिटाइजेशन समेत अन्य व्यवस्थाएं किए जाने के बाद ही स्कूल शुरू करने की मांग उठाई गई है।
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