शिक्षकों बिन स्कूल में कैसे हो पढ़ाई? राजधानी के नगर क्षेत्र के 22 परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक नहीं, 69 में सिर्फ एक शिक्षक
सरकार ने 15 अक्टूबर से माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों को बुलाकर पढ़ाई कराने की तैयारी शुरू की है। इन विद्यालयों में संसाधन भी हैं और शिक्षक भी, लेकिन ऐसी सूरत परिषदीय विद्यालयों की नहीं। लखनऊ के नगर क्षेत्र के विद्यालयों में शिक्षकों का टोटा है। आलम यह है कि कुल 254 में से 22 में तो कोई शिक्षक ही नहीं हैं। 69 में सिर्फ एक गुरुजी के भरोसे पूरा विद्यालय है। परिषदीय विद्यालयों में सीनियर कक्षा के बच्चों को बुलाकर पढ़ाई कराने का निर्णय हुआ है।
अपना स्कूल खाली, दूसरे विद्यालय में करेंगे पढ़ाई
नगर क्षेत्र के जोन एक-दो, तीन और चार में करीब 254 विद्यालय हैं। इनमें कई ऐसे विद्यालय हैं जहां शिक्षक नहीं हैं। वहां दूसरे विद्यालय के शिक्षामित्र भेजे जाते हैं। शिक्षकों की कमी के कारण प्राथमिक विद्यालय पिपराघाट के बच्चे कैबिनेटगंज प्राथमिक विद्यालय भेजे जाने की व्यवस्था की गई है। दुबग्गा समेत कई इलाकों में ऐसे विद्यालय हैं जिनके बच्चे दूसरे विद्यालय जाएंगे।
विद्यालयों में बुलाए गए बच्चे तो कैसे चलेंगी कक्षाएं
इन विद्यालयों में नहीं शिक्षक
जोन एक : अमीनाबाद, आजादनगर, बाजार झाऊलाल, बेहसा-एक, बेहसा-दो, मुक्ति खेड़ा।
जोन दो : चक्कर पुरवा, धनेहर खेड़ा, गौरी खेड़ा-एक, गौरी दो, गोदौंदा, हैवतमऊ मवैया, हसनपुरिया।
जोन तीन : कुंडरी रकाबगंज, मार्टिन पुरवा, लोकमान गंज, मारवाड़ी गली, मटियारी, नया गदौरा, रानीगंज।
जोन चार : शंकर पुरवा, उदयगंज।
एकल शिक्षक व्यवस्था
’ जोन एक के 20 विद्यालयों में।
’ जोन दो के 19 विद्यालयों में।
’ जोन तीन के 20 विद्यालयों में।
’ जोन चार के 10 विद्यालयों में।
नगर क्षेत्र में शिक्षकों की कमी है। यहां सीधे पो¨स्टग का कोई प्रावधान नहीं है। यह शासन की व्यवस्था है। जहां, शिक्षक नहीं हैं वहां पर अन्य विद्यालयों को शिक्षकों को भेजकर विद्यालय खोले जा रहे हैं। - दिनेश कुमार, बीएसए
45 फीसद विद्यालय ऐसे हैं जहां या तो शिक्षक नहीं हैं या एकल शिक्षक की व्यवस्था है। शासन को नगर क्षेत्र की सेवा नियमावली में संशोधन करते हुए बिना ज्येष्ठता खोए ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों को नगर क्षेत्र में समायोजित करना चाहिए। - विनय कुमार सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक, प्रशिक्षित स्नातक एसो.
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