फर्जीवाड़े में रुकी आरोपित 25 शिक्षकों के खिलाफ जांच।
प्रयागराज : राज्य विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में फर्जी अंकपत्र व जाति प्रमाणपत्र लगाकर नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ तेजी से जांच शुरू हुई। प्रदेश भर में 27 शिक्षक फर्जीवाड़ा करने में आरोपित हुए। उच्च शिक्षा निदेशालय ने दो शिक्षकों को निलंबित किया। 25 शिक्षकों के खिलाफ चल जांच ठंडे बस्ते में डाल दी गई है। अधिकारी जांच में रुचि नहीं ले रहे हैं।
प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालय व डिग्री कालेजों में असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की गड़बड़ी दूर करने के लिए शासन ने समस्त दस्तावेजों की जांच करके उसे ऑनलाइन करने का निर्देश दिया है। इसके तहत 30 जुलाई तक 11,412 शिक्षकों के दस्तावेजों की जांच हुई। इसमें 27 असिस्टेंट प्रोफेसरों के दस्तावेज संदिग्ध मिले थे। इसमें राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय गाजीपुर में शिक्षाशास्त्र विषय की असिस्टेंट प्रोफेसर पूजा सिंह व गौतमबुद्ध नगर स्थित मायावती राजकीय महाविद्यालय बादलपुर में कार्यरत एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. आभा सिंह को निलंबित किया जा चुका है।
दोनों के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र लगाने का आरोप है। इनके अलावा अन्य शिक्षकों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी थी। उक्त मामले में कार्यवाहक उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज के नंबर पर कई बार कॉल किया लेकिन रिसीव नहीं की। डॉ. वंदना शर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद काम रोक दिया गया है।
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