फतेहपुर : प्रशासन की एडवाइजरी पर टिकी शिक्षण व्यवस्था, अनलॉक-5 में शासन से मिल चुकी है हरी झंडी।
बंधी उम्मीद : अक्तूबर में स्कूल खुलने की संभावना पर विद्यार्थियों में उत्साह, अनलॉक-5 में शासन से मिल चुकी है हरी झंडी।
फतेहपुर : कोरोना संक्रमण को देखते हुए नए शिक्षा सत्र में करीब छह माह बाद स्कूल खुलने की उम्मीद बंधी है। शासन द्वारा जारी अनलॉक-5 की गाइड लाइन के तहत मार्च के महीने से बंद चल रहे विद्यालयों को फिर से खोले जाने की कवायद चल रही है। स्कूल संचालकों में अब जिला प्रशासन की गाइड लाइनों का इंतजार है। अनुमान के मुताबिक खासकर बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए पहले चरण में कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के बच्चों के लिए इसी माह विद्यालय खोले जा सकते हैं। स्कूल संचालक भी तैयारी कर रहे हैं।
लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के चलते इस शिक्षा सत्र में विद्यालय लगातार बंद चल रहे हैं। शासन की नई गाइड लाइन के तहत इस महीने विद्यालय खोलने की कवायद शुरू होते दिख रही है। यह माना जा रहा है कि 15 अक्टूबर के बाद कक्षा 9 से कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों को खोला जा सकता है। हांलाकि तब भी एक साथ पूरे क्लास के बच्चे नहीं बुलाए जाएंगे और कक्षा में भी उनमें आपसी दूरी बनाए रखी जाएगी। इसे लेकर अंदरखाने में तैयारियां चल रहीं हैं। शासन की गाइड लाइनों के तहत निर्णय जिला प्रशासन द्वारा लिया जाना है। स्कूल संचालक जिला प्रशासन की गाइड लाइनों का इंतजार कर रहे हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई नहीं बन पाई विकल्प : विद्यालय बंद होने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई चल रही है। ऑनलाइन पढ़ाई के साथ ही ऑनलाइन परीक्षा का एक दौर भी चल चुका है लेकिन यह ऑनलाइन पढ़ाई कक्षा में पढ़ाई का विकल्प नहीं बन पाई है। यह ऑनलाइन पढ़ाई न तो अभिभावकों को रास आ रही है और न ही बच्चों को पढ़ाई उतनी समझ में आ रही है जितनी कक्षाओं में आती है। विद्यालय न खुलने के कारण यह ऑनलाइन पढ़ाई मजबूरी तो जरुर बन गई है लेकिन इसका वह लाभ बच्चों को नहीं मिल पा रहा है।
कोचिंग भी नहीं बन पा रही सहारा : बच्चों की पढ़ाई को लेकर अभिभावक भी खासे परेशान हैं। विद्यालयों द्वारा चलाई जा रही ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों के समझ में न आने और विद्यालय न खुलने के कारण पढ़ाई बुरी तरह से प्रभावित है। अभिभावकों का कहना है कि जिस तरह से संक्रमण का दौर चल रहा है ऐसे में कोचिंग संचालन भी प्रभावित है। इनका कहना रहा कि चोरी छिपे कई कोचिंग संचालित तो हो रही हैं ।
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