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Thursday, October 15, 2020

निजी बीएड और बीटीसी कालेजों की होगी जांच, छात्रवृत्ति में घपले की आशंका

निजी बीएड और बीटीसी कालेजों की होगी जांच, छात्रवृत्ति में घपले की आशंका।

लखनऊ : प्रदेश सरकार ने छात्रवृत्ति में घपले की आशंका को देखते हुए निजी बीएड व बीटीसी कालेजों की जांच कराने के आदेश दिए हैं। पहले चरण में प्रत्येक मंडल के एक जिले के सभी निजी बीएड व बीटीसी कालेजों की जांच की जाएगी। आशंका है कि बहुत सारे निजी कालेज केवल छात्रवृत्ति के लिए ही चल रहे हैं। यह कालेज मानक तक पूरे नहीं करते हैं। एक ही कैंपस में बीएड, बीटीसी, ट्रेडिशनल कोर्स और फार्मेसी के कालेज चलाए जा रहे हैं। 


प्रमुख सचिव समाज कल्याण व अल्पसंख्यक कल्याण बीएल मीणा ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। पहले चरण में 18 जिलों में कालेजों की जांच के लिए निदेशक अल्पसंख्यक कल्याण सी इन्दुमती की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। इसमें समाज कल्याण के सहायक निदेशक सिद्धार्थ मिश्र व पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के उप निदेशक अजीत प्रताप सिंह सदस्य हैं। जांच टीम सत्र 2019-20 एवं 2020-21 में बीएड-बीटीसी पाठ्यक्रम में दाखिला के लिए हुई प्रवेश परीक्षा की नीति देखेगी। साथ ही निर्धारित शुल्क का परीक्षण भी जांच समिति करेगी।










जोड़-तोड़ से मान्यता प्राप्त कर छात्रवृत्ति लेने वाले संस्थानों पर कार्रवाई की तैयारी, वित्त विभाग के निर्देश पर समाज कल्याण विभाग तैयार कर रहा जांच के बिन्दु।

लखनऊ :  मानकों को पूरा किए बिना छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ लेने वाले संस्थानों पर शीघ्र ही कार्रवाई होगी। इसके लिए वित्त विभाग ने जांच के निर्देश दिए हैं। इन निर्देशों के तहत ही समाज कल्याण विभाग जांच के बिंदु तैयार कर रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि संबंधित संस्थान योजना का लाभ लेने के लिए जरूरी मानक पूरे करते हैं या नहीं। दरअसल, शासन की जानकारी में आया है कि तमाम बीटीसी और बीएड संस्थान ऐसे हैं, जो मान्यता के लिए निर्धारित मानकों का पालन नहीं करते। 


फिर भी इस योजना के तहत लाभ ले रहे हैं। जबकि, योजना का लाभ लेने के लिए मानकों का पूरा करना आवश्यक है। इस तरह की संस्थाओं की जांच के लिए निदेशक, अल्पसंख्यक कल्याण सी इंदुमती के नेतृत्व में एक जांच कमेटी का गठन किया गया है। इसमें समाज कल्याण और पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अधिकारी भी शामिल हैं। छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का नोडल समाज कल्याण विभाग है। इसलिए जांच के बिंदु तैयार करने की जिम्मेदारी समाज कल्याण विभाग को ही दी गई है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इस बाबत प्रश्नावली तैयार की जा रही है। इसके तहत यह देखा जाएगा कि शिक्षण संस्थान में जितने शिक्षक दिखाए जा रहे हैं, उतनी संख्या में वास्तव में शिक्षक हैं भी या नहीं। पर्याप्त संख्या में क्लासरूम और प्रैक्टिकल रूम हैं या फिर इन्हें कागजों पर ही दिखाया गया है


पहले बीएड और बीटीसी संस्थानों की होगी जांच

समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी बीएड और बीटीसी संस्थानों की जांच कराई जा रही है। मथुरा और सहारनपुर में आईटीआई संस्थानों की जांच पहले से ही जारी है ये जांचें पूरी होने के बाद अन्य पाठ्यक्रम चलाने वाले शिक्षण संस्थानों का भी निरीक्षण किया जाएगा। जो भी संस्थान मानक पूरा करते हुए नहीं पाए जाएंगे, उन्हें तत्काल योजना का लाभ देना बंद कर दिया जाएगा। साथ ही आगे की कार्यवाही के लिए संबंधित प्रशासनिक विभाग को पत्र लिखा जाएगा। इसमें बिना मानक पूरा किए मान्यता देने वाले अधिकारियों पर भी कार्रवाई का जिक्र होगा।

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