महिला सम्मान की दिशा में बड़ा कदम, बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा महिला सशक्तीकरण
मिशन शक्ति अभियान के तहत महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए प्रदेश सरकार कई नए कदम उठाने जा रही है। इसी क्रम में अब बेसिक और माध्यमिक शिक्षा विभाग के पाठ्यक्रम में महिला सशकक््तीकरण को विषय के रूप में शामिल किया जाएगा। मुख्य सचिव ने इसके लिए विचार करने के निर्देश दिए हैं।
महिलाओं को प्रशिक्षित कर रोजगार मुहैया कराने की जिम्मेदारी कौशल विकास विभाग को दी है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने गुरुवार को मिशन शक्ति अभियान की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान तथा स्वावलम्बन के लिए विशेष अभियान 'मिशन शक्ति” का प्रथम चरण 25 अक्तूबर को सम्पन्न हो चुका है। द्वितीय चरण का माइक्रो प्लान तैयार कर विभाग अपनी कार्ययोजना 30 अक्तूबर तक गृह विभाग को सौंपदें। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं तथा अध्यापिकाओं को आत्मरक्षा प्रशिक्षण और शारीरिक / मानसिक यौन शोषण के विषय में विधिक के प्रति भी जागरूक किया जाए।
30 लाख अभिभावकों को जागरूक किया
समग्र शिक्षा अभियान के तहत 34 लाख छात्राओं ने मिशन शक्ति में सहभागिता दर्ज कराई। डेढ़ लाख हाट्सएप ग्रुप के जरिए 30 लाख अभिभावकों को जोड़ा गया। सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के साथ 6 लाख से ज्यादा बच्चों को cal कर जागरूक किया गया। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चन्द्र इस दौरान 5.50 लाख बेसिक शिक्षकों के जरिए इस कार्यक्रम की शुरुआत की थी ! मिशन शक्ति का पहला चरण 17 से 25 अक्टूबर तक चलाया गया। इन कार्यक्रमों में रिकार्ड संख्या में छात्राओं व महिलाओं ने सहभागिता दर्ज की ।
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