प्रयागराज। यूपी बोर्ड की ओर से एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम अपनाए जाने के बाद अब उसे नई शिक्षा नीति के अनुरूप कम किए जाने की तैयारी शुरू हो गई है। नई शिक्षा नीति में गैर जरूरी कोर्स को हटाने की बात कही गई है। यूपी बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल का कहना है कि नई शिक्षा नीति में कक्षाओं का किस प्रकार से संचालन होगा, इसके अनुरूप कोर्स का निर्धारण किया जाएगा। पाठ्यक्रम में संशोधन विशेषज्ञ तय
करेंगे। यूपी बोर्ड की ओर से गठित पाठ्यक्रम समिति के सदस्य ने बताया कि बोर्ड की ओर से 50 फीसदी कोर्स को चिह्नित कर उसे हटाने की सिफारिश की गई है। विशेषज्ञों की टीम ने ऐसे कोर्स को चिह्नित करके यूपी बोर्ड को सौंप दिया है। अब इस पर उच्च स्तर पर विचार करने के बाद अंतिम रूप दिया जाएगा। विज्ञान, गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान के विशेषज्ञों ने बताया कि कोर्स को कम करने से इंजीनियरिंग, मेडिकल, बीएससी, एमएससी की पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिए कोर्स कम किए जाने से मुश्किल हो सकती है।
प्रदेश के 15 डीआईओएस बोले, प्रकाशक नहीं छाप रहे गाइड, क्वेश्चन बैंक
प्रयागराज। यूपी बोर्ड की ओर से प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को चालू शैक्षिक सत्र के लिए एनसीईआरटी की पुस्तकों की छपाई के लिए चार प्रकाशकों को अधिकृत किया गया है। बोर्ड के पास इस बात की शिकायत पहुंची की प्रकाशक किताबों के साथ अनुबंद के इतर गाइड एवं क्वैश्चन बैंक एटा, फिरोजाबाद, कासगंज, बांदा, फतेहपुर, इटावा,देवरिया, आदि का मुद्रण एवं वितरण कर रहे हैं। इस बारे में यूपी बोर्ड सचिव की ओर से जिला विद्यालय निरीक्षक गौतमबुद्ध नगर, मेरठ, बागपत, सहारनपुर, बदायूं, कानपुर देहात, भदोही एवं सोनभद्र से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि गाइड, क्वेश्चन बैंक आदि के मुद्रण के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं मिला।
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