उच्च शिक्षा निदेशालय में सिटीजन चार्टर लागू
एक सप्ताह के अंदर निस्तारित होंगी पेंशन व जीपीएफ की फाइलें, फाइलें लंबित होने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी लिखित देंगे जवाब
प्रयागराज : उच्च शिक्षा निदेशालय पर अनियमितता के आरोप लगते रहे हैं। पटलों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर शासन भी नाराजगी व्यक्त कर चुका है। इस पर अंकुश लगाने को अब नवनियुक्त निदेशक ने निदेशालय में सिटीजन चार्टर लागू किया है। पेंशन व जीपीएफ की फाइलें एक सप्ताह के अंदर निस्तारित करने का निर्देश दिया है। कोई फाइल लंबित होने पर संबंधित अधिकारी व कर्मचारी को उसका कारण लिखित रूप से बताना होगा। इसके लिए ‘सिटीजन चार्टर कमेटी’ गठित की गई है। कमेटी हर गतिविधि पर नजर रखेगी और उसकी रिपोर्ट निदेशक को दी जाएगी। निदेशक उसे शासन को भेजेंगे।
उच्च शिक्षा निदेशालय के कुछ कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि कई अधिकारी व लिपिक एक ही पटल पर आठ-दस साल से काम कर रहे हैं। पेंशन, जीपीएफ, डिग्री जैसे पटलों पर अनियमितता की शिकायतें हुई हैं। संयुक्त सचिव रहे डॉ. अमित भारद्वाज जांच अधिकारी के रूप में शासन से भेजे गए थे। निदेशक बनने के बाद व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए उन्होंने सिटीजन चार्टर लागू किया है। इसकी कमेटी में संयुक्त निदेशक प्रथम डॉ. हीरेंद्र प्रताप सिंह, संयुक्त निदेशक द्वितीय डॉ. राजीव पांडेय, सहायक निदेशक डॉ. शैलेंद्र तिवारी व वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी संजय सिंह शामिल हैं।
प्रतिदिन आने वाली डाक का एक रजिस्टर तैयार किया जाएगा। कमेटी के सदस्य उसकी जानकारी रखेंगे। प्रतिदिन लंबित व निस्तारित होने वाली फाइलों की रिपोर्ट तैयार होगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. भारद्वाज का कहना है कि कुछ अधिकारियों व कर्मचारियों के गलत कार्य से पूरे संस्थान की छवि खराब होती है। त्वरित कार्य कराने के लिए सिटीजन चार्टर की व्यवस्था लागू की गई है।
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