शिक्षकों के मूल्यांकन में भारत छठवें पायदान पर, चीन शीर्ष पर
लंदन। शिक्षकों के मूल्यांकन के मामले में भारत दुनिया के टॉप 10 देशों में शुमार हैं। 35 देशों के वैश्विक सर्वे में भारत छठवें पायदान पर है। चीन इस सूची में शीर्ष पर है।
इसके अलावा घाना, सिंगापुर, कनाडा और मलयेशिया भारत से ऊपर हैं। ब्रिटेन की वारके फाउंडेशन के पिछले सप्ताह जारी हु सर्वे के मुताबिक भारत में शिक्षकों को लेकर लोगों में अलग सम्मान है। उनसे जब भी शिक्षकों का जिक्र होता है तो उनके लिए अच्छे विचार ही आते हैं। शिक्षकों को मूल्यांकन करते वक्त ज्यादातर लोगों को लगता है कि शिक्षक सबसे भरोसेमंद, बुद्धिमान, बच्चों का ख्याल रखने वाले और प्रेरणास्नोत होते हैं।
वारके फाउंडेशन और ग्लोबल टीचर प्राइज के संस्थापक सनी वारके के मुताबिक रिपोर्ट साबित करती है कि शिक्षकों का सम्मान करना केवल एक महत्वपूर्ण नैतिक कर्तव्य नहीं है जो देश के बेहती शैक्षिक परिणामों के लिए जारूरी है। शैक्षिक परिणामों के लिए आवश्यक है।
कोरोना महामारी के दौर में दुनिया भर के स्कूल व विश्वविद्यालयों के करीब 1.5 बिलियन विद्यार्थी प्रभावित हुए हैं। मौजूदा दौर में सबसे जरूरी है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि दुनिया भर में लोगाें को अच्छे शिक्षक मिलें। यह रिपोर्ट 2018 में 35 देशों के ग्लोबल टीचर स्टेटस इंडेक्स के आंकड़ों पर आधारित है।
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