ढाई लाख शैक्षिक संस्थानों की केवाईसी अपडेट नहीं, छात्रों की स्कॉलरशिप लटकी।
लखनऊ : भारत सरकार द्वारा संचालित केंद्रीय अल्पसंख्यक विभाग की ओर से अल्पसंख्यक छात्रों (मुस्लिम, सिख, ईसाई, जैन, बौद्ध एवं पारसी) को छात्रवृत्ति दी जाती है। छात्रवृत्ति पाने के लिए शैक्षिक संस्थानों को नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर केवाईसी अपडेट करनी होती है, लेकिन इस बार लखनऊ शहर के 4659 शैक्षिक संस्थानों में 4316 ने अभी तक केवाईसी अपडेट नहीं की है। इसका सीधा खामियाजा शहर के हजारों अल्पसंख्यक बच्चों को को भुगतना पड़ेगा। अगर जल्द ही शैक्षिक संस्थानों ने प्रक्रिया पूरी नहीं की, तो बच्चे छात्रवृत्ति पाने से वंचित होना रह जाएंगे।
नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर राजधानी सहित प्रदेश कई जिलों के शैक्षिक संस्थानों के पंजीकरण व केवाईसी सत्यापन की स्पीड बहुत धीमी है। अधिकांश संस्थाओं ने पंजीकरण व केवाईसी के सत्यापन के लिए आवेदन ही नहीं जमा किए हैं। केवाईसी सत्यापन न होने से इन संस्थाओ में ऑनलाइन आवेदन करने वाले छात्र-छात्राओं के आवेदन की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस योजना के तहत गरीब अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं को राज्य सरकारों द्वारा दी जाने वाली छात्रवृत्ति का दो गुना रकम मिलती है।
वर्ष 2020-21 के सत्र के लिए भारत सरकार ने सभी शैक्षिक संस्थानों को अल्पसंख्यक विभाग से केवाईसी अपडेट कराने के निर्देश दिए थे। जिले के परिषदीय, राजकीय सहायता व मान्यता प्राप्त और मदरसों को मिलाकर प्रदेशभर में 2,70,723 शैक्षिक संस्थान हैं, जिसमें करीब 2,52,485 ने अभी तक केवाईसी अपडेट नहीं की है। पोर्टल पर शैक्षिक संस्थाओं के पंजीकरण व उनके केवाईसी सत्यापन चल रहा है। अल्पसंख्यक कल्याण निदेशालय के निदेशक सी इंदुमती ने कहा कि जिन शैक्षिक संस्थानों ने केवाईसी अपडेट नहीं की है, उनके नाम की सूची जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को उपलब्ध करा दी गई है। जल्द ही केवाईसी अपडेट न होने पर उन शैक्षिक संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
जिन शैक्षिक संस्थानों ने नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर अभी तक केवाईसी अपडेट नहीं की है, उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शिक्षा विभाग को पत्र लिखा जा चुका है। समय रहते सभी औपचारिक्ताएं पूरी करा ली जाएंगी, ताकि बच्चों को छात्रवृत्ति मिल सके। - बालेंदु कुमार द्विवेदी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी
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