इटावा : फर्जी प्रमाणपत्र पर नौकरी कर रहे 25 शिक्षक बर्खास्त, धन वसूली के साथ दर्ज होगी एफआईआर।
इटावा : बेसिक शिक्षा परिषदीय के विद्यालयों में फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी पाने वाले 25 शिक्षकों को सोमवार को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया। ये शिक्षक वर्ष 2011 में टीईटी उत्तीर्ण करने का फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहे थे। शासन के आदेश पर अपर जिला अधिकारी की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने जांच में प्रमाण पत्रों को फर्जी पाया था। वहीं प्रमाण पत्र संदिग्ध मिलने पर 12 शिक्षकों का वेतन रोका गया है।
शासन ने पूरे प्रदेश में अपर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति गठित करके वर्ष 2010 के बाद नियुक्त पाने वाले शिक्षकों के शैक्षिक अभिलेखों की जांच के आदेश दिए थे। करीब साल भर से इन शिक्षकों की जांच चल रही थी। जांच के दौरान वर्ष 2013 और वर्ष 2016 में नियुक्ति पाने वाले 25 शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्र फर्जी मिले। इसके अलावा 12 शिक्षकों के संदिग्ध मिले। जिनके प्रमाण पत्र संदिग्ध मिले हैं, उनका वेतन बीएसए ने फिलहाल रोक दिया है। वहीं जांच रिपोर्ट के आधार पर 25 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। बीएसए कल्पना सिंह ने बताया कि बर्खास्त शिक्षकों से सरकारी धन की वसूली के साथ एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
इटावा : अब सरकारी धन की वसूली के साथ दर्ज होगी एफआईआर
एक ही ब्लॉक क्षेत्र के हैं 16 शिक्षक : ऊसराहार : ताखा ब्लॉक के 16 शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की गई हैं। इन सभी तो पूर्व में नोटिस जारी किए जा चुके थे। इन शिक्षकों ने टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण की मार्कशीट में अनुत्तीर्ण होने के बाद भी उसे बदलकर नौकरी हथिया ली थी। जांच में इनके रोल नंबर पर किसी अन्य अभ्यर्थी का नाम पाया गया।
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