पूर्व बीएसए को सूचना न देना पड़ा महंगा, 25 हजार रुपये का लगा जुर्माना
औरैया : सूचना अधिकार के तहत मांगी गई जानकारी मुहैया न कराना पूर्व बीएसए को भारी पड़ गया। राज्य सूचना आयोग के रजिस्ट्रार ने 25 हजार का जुर्माना किया है। साथ ही रजिस्ट्रार ने सहायक मंडली शिक्षा निदेशक को पत्र लिखकर बीएसए जुर्माने की धनराशि की वसूली कराने का निर्देश दिया है।
बेसिक शिक्षा विभाग के जन सूचना अधिकारी से वर्ष 2014 और वर्ष 2015 में पदोन्नति प्रक्रिया के संबंध में कुछ सूचनाएं सूचना अधिकार के तहत मांगी गई थीं। जन सूचना अधिकारी तत्कालीन बीएसए के स्तर से सूचना देने में लगातार हीला हवाली की गई। जिले स्तर पर सूचनाएं न दिए जाने पर पीड़ित धर्मेंद्र कुमार ने राज्य सूचना आयोग का दरवाजा खटखटाया।
राज्य सूचना आयोग ने मामले की सुनवाई की गई। तब भी तत्कालीन बीएसए जन सूचना अधिकारी एसपी सिंह ने मांगी गई सूचनाएं मुहैया नहीं कराई। राज्य सूचना आयोग के रजिस्ट्रार ने तत्कालीन बीएसए एसपी सिंह पर सूचनाएं देने में लापरवाही मानते हुए 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। रजिस्ट्रार ने जुर्माने की धनराशि वसूल करने के लिए सहायक शिक्षा निदेशक कानपुर मंडल को इस बाबत पत्र भी लिखा है। जिससे बीएसए के खाते से जुर्माने की धनराशि का भुगतान वसूला जा सके।
मालूम हो कि वर्ष 2014 और 2015 में कई बिदुओं पर बेसिक शिक्षा विभाग के एक शिक्षक धर्मेंद्र कुमार ने ही सूचनाएं मांगी थी। सूचना मांगने वाला शिक्षक शहर के आर्य नगर मोहल्ले का निवासी है। सूचना मिलने पर लगातार उसने मामले की तह तक पहुंचने का प्रयास किया। जिससे पदोन्नति प्रक्रिया में की गई खामियों को उजागर किया जा सके। लेकिन विभागीय स्तर पर खामियों को दबाने के लिए सूचनाएं नहीं दी गई।
इसको लेकर राज्य सूचना आयोग में सुनवाई लगातार जारी रही। फिर भी पीड़ित को सूचनाएं मुहैया कराना बीएसए ने जरूरी नहीं समझा और उनके खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई कर दी गई। सूचना अधिकार के तहत जानकारी मुहैया न कराने वाले बीएसए एसपी सिंह का जिले से तबादला भी हो चुका है।
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