फतेहपुर : स्कूलों को दिया बिजली विभाग ने अंधेरा, परिषदीय स्कूलों में करेक्शन को दिए गए 5.32 करोड़ दबा गया बिजली विभाग।
फतेहपुर : बिजली विभाग के खेल न्यारे हैं। ताजा मामला बेसिक शिक्षा विभाग से जुड़ा है। जिले के 1,550 परिषदीय विद्यालयों में बिजली कनेक्शन, वायरिंग और बिजली उपकरण की व्यवस्था की हुई पड़ताल में बड़ा खुलासा हुआ है। पता चला है कि बिजली विभाग इस मद में दी गई 5.32 करोड़ रुपये की धनराशि ही दबा गया। 1550 स्कूलों के लिए दी गई इस धनराशि से बिजली विभाग ने मात्र 227 में कनेक्शन किए और शेष 1323 स्कूलों को अपने हाल पर छोड़ दिया। यह स्थिति तब है जब बेसिक शिक्षा विभाग ने पहली किस्त 2008-09 में 851 स्कूलों में कनेक्शन के लिए 2 करोड़ 31 लाख 93 हजार 157 दे दी थी। आखिरी किस्त 2012-13 में 138 स्कूलों के लिए 38 लाख 65 हजार 254 रुपये की दी गई थी।
बेसिक शिक्षा विभाग ने 2008-09 से परिषदीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन जोड़ने की मुहिम चलाई थी। इसके तहत पहले साल 851 स्कूल, दूसरे साल 2009 10 में 424 और फिर 37 स्कूल, 2011-12 में 100 स्कूल, 2012-13 में 138 स्कूलों में विजली कनेक्शन कराने के लिए एस्टीमेट धनराशि जमा की थी। इसके लिए प्रति स्कूल 26,988 रुपये के हिसाब से धनराशि जमा की गई थी। इसमें प्रति स्कूल 2200 रुपये कनेक्शन शुल्क, 1788 रुपये स्कूल में वायरिंग और 7500 रुपये पंखा और ट्यूबलाइट आदि सामान की खरीदारी के लिए बिजली विभाग को पैसा दिया गया था।
2008-09 से 2012-13 के मध्य इन चार सालों में किस्तों में जमा की इस भारी भरकम धनराशि से 1550 परिषदीय स्कूलों में से सिर्फ 227 में कनेक्शन हुए। बाकी स्कूलों अपने हाल पर छोड़ दिए गए।
बिजली कनेक्शन में हो रही देरी पर बिजली विभाग ने तब अपनी आपत्ति भी दर्ज कराई थी लेकिन बेसिक शिक्षा अधिकारी जैसे-जैसे बदलते गए मामला ठंडे बस्ते में जाता रहा। 2012 में तत्कालीन बीएसए आरपी यादव के तबादले के बाद फिर किसी भी बीएसए ने इस धनराशि के उपयोग को लेकर पता करना मुनासिब नहीं समझा। ऐसे में अब यह धनराशि बिजली विभाग के खजाने में ही गुम हो गई।
पिछले दिनों जब बेसिक शिक्षा विभाग ने परिषदीय स्कूलों में बिजली कनेक्शन के लिए फिर से पड़ताल कराई तो सालों से दबा यह मामला खुलकर सामने आ गया। बीएसए अब बिजली विभाग से हिसाब मांगने की तैयारी कर रहे हैं। जल्द बीएसए की तरफ से अधीक्षण अभियंता को पत्र भेजा जाएगा।
12 साल बाद भी बिजली विभाग परिषदीय स्कूलों में न तो कनेक्शन कर सका और न ही वायरिंग व बिजली उपकरण ही लगा सका। 5.32 करोड़ रुपये का भारी भरकम बजट ही बिजली विभाग दबा गया। यह बेहद गंभीर मामला है। पड़ताल में सारी जानकारी सामने आई है। बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता को पत्र भेजकर इस बारे में जानकारी ली जाएगी। - शिवेंद्र प्रताप सिंह, बीएसए।
जितनी एस्टीमेट धनराशि बेसिक शिक्षा विभाग ने जमा की होगी, उतने कनेक्शन जोड़े गए होंगे। अगर सभी कनेक्शन नहीं जोड़े गए हैं, तो बेसिक शिक्षा विभाग जमा धनराशि की रसीद प्रस्तुत करके शेष स्कूलों के कनेक्शन जुड़वा सकता है। मामला काफी पुराना है, बिना किसी साक्ष्य के कुछ सही बता पाना मुश्किल है।
आनंद कुमार शुक्ला, अधीक्षण अभियंता, बिजली विभाग।
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