बिना पूर्व सूचना के परिषदीय स्कूलों में ARP के भ्रमण को लेकर विरोध, सपोर्टिव सुपरविजन की मांग
प्रयागराज : स्कूलों में पठन पाठन को बेहतर बनाने के लिए एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) को तमाम दिशा निर्देश दिए गए हैं। इनमें एक यह भी है कि वह स्कूलों का सपोर्टिव सुपरविजन करेंगे। एआरपी को हिदायत दी गई है कि वह बिना सूचना स्कूल न जाएं। जब भी जाएं तो विद्यालय में पहुंचकर अध्यापकों को सुझाव व सहयोग दें। पठन पाठन के तौर तरीकों पर चर्चा करें।
प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक (पीएसपीएसए) के प्रांतीय उपाध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि कुछ जगहों से शिकायत मिल रही है कि एआरपी स्कूलों में बिना सूचना के पहुंच रहे हैं। सहयोग की जगह वे प्रशासनिक गतिविधि का हिस्सा बन रहे हैं जो कि गलत है। उनका काम प्रतिदिन दो स्कूल में जाकर शिक्षा के स्तर को ऊपर उठाने के लिए प्रयास करना है।
बच्चों व शिक्षकों से बात करने जिससे यदि अध्यापन में तकनीकी दोष हो तो उसे दूर किया जा सके। प्रत्येक एआरपी यदि सूचना देकर आएंगे तो विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों को भी बुलाया जा सकेगा। स्कूल में अभिभावक रहेंगे तो ही उनके अध्यापन संबंधी फीडबैक मिलेगा। बिना सूचना दिए आने पर अभिभावकों से कोई बात नहीं हो पाती है।
उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया है कि बिना सूचना दिए आने वाले एआरपी को स्कूल में स्थान न दें। ऐसे लोगों की शिकायत भी विभाग के उच्चाधिकारियों से की जाएगी। समन्वयक डॉ. विनोद मिश्र ने बताया कि एआरपी के नियुक्ति का उद्देश्य है कि परिषदीय स्कूलों में शिक्षा का स्तर सुधरे। अध्यापक भी जिम्मेदारी से बच्चों को पढ़ाएं।
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