सीतापुर की शिक्षिका की हत्या का मामला, स्कूल में असलहा-भरोसे का कत्ल, सबक लेने का वक्त, फिर उभरा शिक्षकों का दर्द
सीतापुर:क्लास रूम में असलहा.. इसका अहसास ही रूह को कंपा देता है। जिस क्लास रूम में भविष्य संवरता है, उसमें इंतकाम की आग सुलगी। हैरान करने वाली बात यह भी है कि अंदेशा होने के बावजूद हीलाहवाली हुई और शिक्षिका आराधना राय की क्लास रूम में गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने हर किसी को झकझोर कर रख दिया। बात इतनी ही नहीं है कि एक शिक्षक ने दूसरे शिक्षक को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। सवाल तो यह भी है कि एक शिक्षक कैसे क्लास रूम में असलहा लेकर पहुंच गया।
इस घटना के बाद अब दोनों के बीच के विवाद की बातें भी सामने आ रहीं हैं। स्कूल में सबकुछ ठीकठाक तो नहीं ही था। शायद यही वजह है कि प्रधानाचार्य किरन मौर्य ने जुलाई में उच्चाधिकारियों को पत्र तक लिख दिया। इस मामले में जांच के निर्देश भी बीएसए ने दे दिए गए लेकिन, चार महीने बाद भी जांच अन्जाम तक नहीं पहुंच सकी। सच तो यह है कि दोनों के बीच की जिस 'टशन' को प्रधानाचार्य ने समय रहते पहचान लिया, खंड शिक्षा अधिकारी उसे भाप न सके। उन्होंने प्रधानाध्यापक के पत्र को हल्के में लेने की चूक कर दी। इसकी परिणिति आज सबके सामने है।
शिक्षा के मंदिर में खौफनाक वारदात हुई। राहत तो इस बात की है कि बच्चे विद्यालय नहीं आ रहे। इसके बावजूद यह घटना हर किसी के लिए सबक है। स्कूल में बच्चों की शिक्षा के साथ ही सुरक्षा के भी इंतजाम होने चाहिए।
फिर सामने आया दर्द
बच्चों के बगैर शिक्षकों को स्कूल बुलाने पर भी सवाल उठ रहे हैं। कुछ शिक्षक दबे मुंह इस बात की भी चर्चा कर रहे हैं। उनका कहना है? कि अगर बच्चे नहीं आ रहे तो शिक्षकों को स्कूल बुलाने का आखिर औचित्य ही क्या है?
बीईओ नहीं उठा रहे फोन
प्रधानाचार्य के पत्र पर चल रही जांच के बारे में खंड शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार पटेल से मोबाइल पर संपर्क साधने की कोशिश की गई तो उन्होंने काल रिसीव नहीं की। इसके कुछ देर बाद उनका मोबाइल स्विच ऑफ हो गया।
हेडमास्टर के पत्र के बाद जांच कहां तक पहुंची, यह ऑफिस पहुंचकर ही बता पाऊंगा। अगर कोई पत्र आया होगा तो मैंने उसे आगे जांच के लिए अवश्य भेजा होगा।
- अजीत कुमार, बीएसए सीतापुर
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