प्रदेश के सभी मदरसे होंगे ऑनलाइन, बच्चों को शिक्षा के अलावा अन्य सुविधाएं भी कराई जाएंगी मुहैया।
लखनऊ : समानता के आधार पर बच्चों को शिक्षा व अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रदेश के सभी मदरसों को ऑनलाइन किया जाएगा। इसके लिए प्रदेश के सभी मदरसों व उनके एकत्र छात्रावासों में रह रहे बच्चों किया जा रहा है। इसका मकसद है कि जैसे अन्य छात्रावासों के बच्चों को छात्रवृत्ति या अन्य सुविधाएं मिलती हैं, वैसे ही मदरसों के बच्चों को भी मिलें। इन बच्चों के अधिकारों का भी संरक्षण हो। राज्य सरकार ने इसके लिए अभियान चलाकर प्रदेश के सभी मदरसों को ऑनलाइन व्यवस्था से जोड़ने को कहा है। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. विशेष गुप्ता के अनुसार सभी जिलों के अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को इस काम में लगाया गया है।
जेजे एक्ट के दायरे में आएंगे मदरसे : प्रदेश के लगभग सभी जिलों में कई मदरसे हैं। कई बार इन मदरसों के बच्चे किसी वजह से भागकर जब शिकायत करते हैं और संबंधित विभाग मदरसों के जिम्मेदारों से संपर्क करता है तो जवाब मिलता है कि वह अल्पसंख्यक कल्याण या किसी अन्य विभाग से संबद्ध नहीं हैं। इसे देखते हुए सरकार ने सभी मदरसों को ऑनलाइन कर उन्हें जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के दायरे में लाने का फैसला किया है।
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