डिजी--शिक्षकों के पद बढ़ाने को ज्यादा छात्र संख्या दिखा रहे मदरसा प्रबंधन।
प्रयागराज : उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड के अन्तर्गत प्रदेश भर में संचालित मदरसा परिषद की परीक्षाओं में बीते तीन साल से निरंतर परीक्षार्थियों की संख्या कम हो रही है। वर्ष 2016-17, वर्ष 2017-18 एवं वर्ष 2018-19 में हुई बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षार्थियों की संख्या में गिरावट देखने को मिली है। वहीं प्रदेश में संचालित 558 अनुदानित मदरसों की ओर से बोर्ड को अतिरिक्त पद सृजन के लिए प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं। प्रस्ताव में जो छात्र संख्या दिखाई जा रही हैं, वह बेहद ज्यादा है। इसके आधार पर ही मदरसों में पद सृजन की मांग मदरसा प्रबंधन की ओर से की जा रही है। एक तरफ परीक्षा में परीक्षार्थियों की संख्या कम होना और वहीं उसी वर्ष में भेजे गए अतिरिक्त पद सृजन प्रस्ताव में छात्र संख्या ज्यादा होना मदरसा बोर्ड को अखर गया है। मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार ने सभी जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को सख्त पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। परीक्षार्थी कम होने और अतिरिक्त पद सृजन की मांग करने से आशंका जतायी जा रही है कि मदरसों में पद सृजन के लिए प्रस्ताव में छात्र संख्या बढ़ा कर दिखायी जा रही है।
रजिस्ट्रार ने कहा, मामला चिंताजनक
मदरसा बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने पद सृजन के प्रस्ताव में झूठी छात्र संख्या बताने के मामले को बेहद चिंताजनक बताया है। कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रस्ताव भेजते समय कई बिन्दुओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है या जाबूझकर इसकी उपेक्षा की जा रही है। उन्होंने कहा कि यदि भविष्य मे ऐसा फिर करने पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
एक सप्ताह करें परीक्षण
रजिस्ट्रार ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों को एक सप्ताह का समय देते हुए पदों का पुन: परीक्षण कर दोबारा रिपोर्ट भेजने को कहा है। अधिकारियों को मदरसों के प्रस्ताव व बोर्ड परीक्षा में शामिल छात्र संख्या का मिलान करने के साथ ही सभी बिन्दुओं का अवलोकन कर रिपोर्ट भेजनी होगी।
मदरसा परीक्षाओं में छात्र संख्या कम होने के कई कारण हैं लेकिन अतिरिक्त पद सृजन के लिए छात्र संख्या बढ़ाकर दिखाना गलत है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि सभी स्तरों पर प्रस्ताव का अवलोकन करें।
नंद गोपाल गुप्ता नंदी, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री
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