CBSE 12th Practical Exam 2021 : सीबीएसई ने जारी की 12वीं प्रैक्टिकल परीक्षा की डेट, जानें क्या होंगे नियम।
CBSE 12th Exam 2021 : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने शनिवार को 12वीं कक्षा की प्रैक्टिकल परीक्षा की तिथि जारी कर दी। सीबीएसई 12वीं के प्रैक्टिकल एग्जाम 1 जनवरी से 8 फरवरी तक होंगे। सीबीएसई ने कहा है कि यह तिथि संभावित है। सही तिथि की सूचना बाद में अलग से दी जाएगी। बोर्ड ने परीक्षा के आयोजन को लेकर एक एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) भी जारी की है। बोर्ड ने कहा है कि प्रैक्टिकल एग्जाम के लिए स्कूलों को अलग-अलग तिथि भेजी जाएगी। बोर्ड की तरफ से एक ओब्जर्वर नियुक्त किया जाएगा जो प्रैक्टिकल एग्जाम और प्रोजेक्ट मूल्यांकन की निगरानी करेगी।
पिछले सालों की तरह ही प्रैक्टिकल परीक्षा में इंटर्नल और एक्सटर्नल दोनों एग्जामिनर होगे। स्कूलों की यह जिम्मेदारी होगी कि सीबीएसई बोर्ड द्वारा नियुक्त एक्सटर्नल एग्जामिनर द्वारा ही प्रैक्टिकल परीक्षा कराई जाए।
मूल्यांकन खत्म होने के बाद स्कूलों को बोर्ड द्वारा उपलब्ध कराए गए लिंक पर मार्क्स अपलोड करने होंगे। प्रैक्टिकल एग्जाम और प्रोजेक्ट मूल्यांकन का काम संबंधित स्कूलों में ही चलेगा।
स्कूलों को ऐप पर डालनी होगी प्रैक्टिकल एग्जाम की फोटो
सभी स्कूलों को एक ऐप लिंक उपलब्ध करवाया जाएगा जिस पर उन्हें प्रैक्टिकल एग्जाम के दौरान की स्टूडेंट्स के हर बैच की ग्रुप फोटो अपलोड करनी होगी। ग्रुप फोटो में प्रैक्टिकल देने वाले बैच के सभी स्टूडेंट्स, एक्सटर्नल एग्जामिनर, इंटर्नल एग्जामिनर और ओब्जर्वर होंगे। फोटो में सभी के चेहरे स्पष्ट दिखने चाहिए।
जल्द जारी होगी डेटशीट
सीबीएसई के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने शुक्रवार को कहा था कि कक्षा 10 और कक्षा 12 के लिये होने वाली बोर्ड परीक्षाएं जरूर होंगी और इनके लिये शेड्यूल जल्द घोषित किये जाने की उम्मीद है। सीबीएसई इसके लिये योजना बना रहा है और जल्द ही इस बात का खुलासा किया जाएगा कि परीक्षा का मूल्यांकन कैसे किया जाएगा। विभिन्न संगठनों द्वारा कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने या स्थगित किये जाने की मांग के बीच त्रिपाठी का यह बयान आया है।
उन्होंने हालांकि इस पर टिप्पणी नहीं की कि क्या परीक्षा समान प्रारूप में और तय कार्यक्रम के अनुसार फरवरी-मार्च में आयोजित की जाएगी अथवा इसे स्थगित किया जाएगा।
त्रिपाठी ने कहा, “मार्च-अप्रैल के दौरान हम घबराये हुए थे कि आगे कैसे बढ़ेंगे, लेकिन इस मौके पर हमारे विद्यालयों और शिक्षकों ने शानदार काम किया और शिक्षण कार्य के लिये नई प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के उद्देश्य से खुद में बदलाव किया और खुद को प्रशिक्षित किया। कुछ ही महीनों में विभिन्न ऐप का इस्तेमाल कर ऑनलाइन कक्षाएं लेना समान्य बात हो गई।”
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