यूपी के बेसिक शिक्षा विभाग के कई बड़े अधिकारियों पर हो सकती है कार्रवाई, यह है पूरा मामला
मृतक आश्रितों की नियुक्तियों में मनमानी में फंसेंगे कई जिम्मेदार
भ्रष्टाचार की शिकायत पर विजिलेंस कर रही है नियुक्तियों की जांच, जिम्मेदारों से की जा रही पूछताछ
पहले मरने वाले आश्रितों को बाद में दी नौकरी, जो कि उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुरूप नहीं थी
आगरा : बेसिक शिक्षा विभाग में मृतक आश्रितों की नियुक्ति में अधिकारी और कर्मचारियों पर शिकंजा कस सकता है। नियुक्तियों में मनमानी की शिकायत शासन में की गई थी। मामले की जांच विजिलेंस कर रही है। दो साल से चल रही जांच ने अब तेजी पकड़ ली है। विजिलेंस द्वारा जिम्मेदार लोगों से पूछताछ की जा रही है।
शिक्षा विभाग में छह साल के दौरान दो दर्जन से ज्यादा नियुक्तियां हुई थीं। नियमानुसार ड्यूटी के दौरान विभाग के जिन कर्मचारियों या शिक्षकों की मृत्यु पहले हुई थी, उनके आश्रितों को पहले नौकरी मिलनी चाहिए थी। विभाग के जिम्मेदार लोगों ने ये नियुक्तियां वरीयता क्रम के अनुसार न देकर अपने हिसाब से दीं। जिन लोगों की मृत्यु बाद में हुई थी। उन्हें पहले नियुक्ति दे दी गई। वहीं जिन लोगों की पहले मृत्यु हुई थी। उनके आश्रितों को बाद में नियुक्ति दी, जो कि उनकी शैक्षिक योग्यता के अनुरूप नहीं थी। मृतक आश्रितों ने विभाग की इस मनमानी और अनियमितता की शिकायत शासन से की थी। शासन ने दो साल पहले विजिलेंस को मामले की जांच सौंपी ।
विजिलेंस ने जांच शुरू करते हुए नियुक्ति से संबंधित रिकार्ड तलब किया। उसे कई महीने तक यह रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया गया। विजिलेंस से कहा गया कि फाइल नहीं मिल रही है। इसके बाद विजिलेंस ने शिक्षा विभाग के जिन कर्मचारियों के पास यह रिकार्ड था, उसे भी अपनी जांच में शामिल कर लिया। बताया जाता है कि विभाग के लोगों से पूछताछ के लिए विजिलेंस ने सवालों की पूरी सूची तैयार की है। इसी के आधार पर पूछताछ होगी।
बेसिक शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों पर कार्रवाई अब हो सकती है, जल्द ही इसमें शासन की ओर आदेश निर्देश जारी हो सकते हैं। दरअसल पूरा मामला मृतक आश्रित कोटे में नियुक्ति को लेकर है। इस मामले में दो साल पहले शासन को शिकायत मिली थी, जिसके बाद बिजलेंस जांच चल रही थी। बताया जा रहा है मृतक आश्रित के तहत नौकरी दिए जाने पर बड़े स्तर पर खेल हुआ, इसकी लिखित शिकायत शासन में की गयी थी। अब शासन ने नियुक्ति से जुड़ी सभी फाइलों को तलब किया है।
नियुक्ति में शमिल लोगों की भूमिका की जांच
मृतक आश्रित कोटे के तहत हुई नियुक्तियों की भूमिका भी जांच की जा रही है। जिम्मेदार अधिकारियों से पूछता भी चल रही है। जांच में जो भी दोषी पाया जायेगा उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। विभाग के उच्च अधिकारियाों की माने तो कार्रवाई का दायरा बड़ा हो सकता है।
अभी तक करीब 28 नियुक्तियां की गयी, जिसमें इस तरह हुआ खेल
बताया जा रहा है कि पिछले समय से लेकर अभी तक विभाग ने 28 सीटों पर मृतक आश्रित कोटे से नियुक्ति की गयी है। इसमें नियम था कि जो आॅन ड्यूटी के दौरान कर्मचारी या शिक्षक मरा है तो उसके आश्रित को पहले नौकरी दी जानी चाहिए। लेकिन ऐसा न करके अधिकारियों ने खेल कर दिया और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर नियुक्ति दे दी है। इस संबंध में आश्रितों के परिजनों ने लिखित शिकायत शासन में की थी। जिसके बाद अब सरकार एक्शन मे हैं।
शैक्षिक योग्यता का भी नहीं रखा ध्यान
मृतक आश्रित कोटे के तहत दी गयी नियुक्तियों में अधिकारियों ने शैक्षिक योग्यता का भी ध्यान नहीं रखा। शिकायत के बाद शासन ने दो साल पहले ही बिजलेंस को जांच सौपी थी अब एक फिर कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो चुका है।
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