DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Tuesday, December 29, 2020

स्कूलों के लिए भी बन सकता है राष्ट्रीय आयोग, शिक्षाविदों के सुझाव पर सरकार भी गंभीर

स्कूलों के लिए भी बन सकता है राष्ट्रीय आयोग, शिक्षाविदों के सुझाव पर सरकार भी गंभीर


विश्वविद्यालयों और कालेजों की तरह देश भर के सभी स्कूलों की पढ़ाई का स्तर और उनकी गुणवत्ता भी एक जैसी हो, तो कैसा होगा। फिलहाल यह सवाल अभी तो दूर की कौड़ी लाने जैसा है, लेकिन नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को तेजी से लागू करने की मुहिम से जुड़े शिक्षाविदों और अब सरकार का जो रुख है, उनमें यह राह आसान होते दिखाई दे रही है। हालांकि इसके लिए नीति में अलग-अलग कई कदमों को उठाए जाने का प्रस्ताव है, लेकिन इसके अमल के दौरान एक ऐसा सुझाव भी आया है, जो नीति में नहीं है, लेकिन सभी को पसंद आ रहा है। इसमें यूजीसी तर्ज पर देश भर के स्कूलों की गुणवत्ता और स्टैंडर्ड को एक जैसा बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक आयोग बनाने का सुझाव है।


खास बात यह है कि नीति के अमल की शुरुआती चर्चा में इस सुझाव को गंभीरता से नहीं लिया गया, लेकिन जैसे-जैसे शिक्षाविद इसे लेकर एकजुट हो रहे हैं, उसमें अब सरकार के स्तर पर भी इसे लेकर विमर्श शुरू हो गया है। सूत्रों की मानें तो इसे लेकर राज्यों की भी राय ली जा रही है। साथ ही इसे लेकर जल्द कोई फैसला ले सकती है। हालांकि इस पूरी मुहिम के साथ खड़े शिक्षाविदों के मुताबिक इसके अमल में कोई दिक्कत नहीं है। वैसे भी इस आयोग के गठन का उद्देश्य राज्य के विषयों और अधिकारों में कोई हस्तक्षेप करने का भी नहीं है। यह सिर्फ स्कूलों की गुणवत्ता और उसका देश भर के समान स्टैंडर्ड बना रहे, इसे लेकर काम करेगा। स्कूलों के संचालन का पूरा अधिकार पहले की तरह राज्यों के पास ही होगा।

यह ठीक यूजीसी की तरह ही काम करेगा। इसका संचालन राज्यों की ओर से किया जाता है, लेकिन उसके स्टैंडर्ड यानी शिक्षकों की योग्यता, इंफ्रास्ट्रक्चर, प्रशासन कैसा होगा इसके नियम यूजीसी तय करता है। इसी तरह से पढ़ाई का स्तर भी वह निर्धारित करता है।

No comments:
Write comments