UGC ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी को चेताया, कोर्स ज्वाइन न वाले पहले साल के स्टूडेंट्स की पूरी फीस रिफंड करें
प्रवेश रद्द कराने वाले छात्रों को लौटानी होगी फीस, UGC का फरमान
नई दिल्ली : प्रवेश रद कराने वाले छात्रों की पूरी फीस वापस न करना उच्च शिक्षण संस्थानों को भारी पड़ सकता है। यूजीसी ने ऐसे संस्थानों को एक बार फिर सख्त चेतावनी दी है कि यदि छात्रों की फीस में किसी तरह की कटौती और उसे वापस करने में देरी की गई, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यूजीसी की ओर से सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को पहले ही निर्देश दिए गए थे जिसमें कहा गया था कि चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान यदि स्नातक और परास्नातक के पहले वर्ष में प्रवेश ले चुका कोई छात्र अपना प्रवेश निरस्त कराता है तो उसकी फीस वापस कर दी जाए। साथ ही कहा था कि यदि छात्र ने 30 नवंबर 2020 तक अपना प्रवेश निरस्त कराया है तो उसकी पूरी फीस वापस की जाए। लेकिन यदि इसके बाद निरस्त कराता है, तो एक हजार रुपए प्रोसेसिंग फीस काट कर पूरी फीस लौटाई जाए। यूजीसी का मानना था कि कोरोना के चलते छात्रों के परिजन आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। ऐसे में यदि कोई छात्र किसी कारण अपना प्रवेश रद कराता है तो उसकी फीस लौटा दी जाए।
उच्च शिक्षा सेक्टर नियंत्रक यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को चेतावनी दी है। यूजीसी ने यूनिवर्सिटी और कॉलेजों से कहा है कि ऐसे कॉलेज और यूनिलर्सिटीज के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, जो पहले साल के ऐसे स्टूडेंटस की फीस वापस नहीं कर रहे जो आर्थिक समस्या और किसी और कारण से कोर्स ज्वाइन नहीं कर पाए हैं। सभी यूनिवर्सिटीज के वाइस चांसलर को यूजीसी के चैयरमैन रजनीश जैन ने एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा गया है कि यूजीसी को सैकड़ों शिकायतें मिली हैं, शिकायतों में बताया गया है कि यूनिवर्सिटी और कॉलेज स्टूडेंट्स की फीस रिफंड नहीं कर रहे हैं।
आपको बता दें कि यूजीसी ने अपनी एकेडमिक गाइडलाइंस में साफ लिखा था कि अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स सेशन 2020-21 में कोविड-19 महामारी के कारण स्टूडेंट्स आर्थिक समस्या से गुजर रहे हैं, जिसके चलते इस बात को सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि 31 दिसंबर तक एडमिशन में जीरो कैंसलेशन चार्जेस हों।
पत्र में लिखा गया है कि अंडर ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट स्टूडेंट्स सेशन 2020-21 में 31 दिसंबर तक किए रद्द किए गए, एडमिशन वापस लिए गए की पूरी फीस जो स्टूडेंट से ली गई है वापस की जाएगी। इसमें 1000 रुपए से ज्यादा की प्रोसिंग फीस की कटौती ही की जाएगी। वहीं यूजीसी के वरिष्ठ अधिकारी ने चिंता जाहिर की है कि अभी तक कई कॉलेज और यूनिवर्सिटी के खिलाफ कई शिकायतें जो इन निर्देशों को नहीं मान रही हैं।
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