उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्ष 2022 तक गुणवत्ता के मानकों पर उतरना होगा खरा।
नई दिल्ली: उच्च शिक्षण संस्थानों को विश्वस्तरीय बनाने की छिड़ी मुहिम में अब सभी का जोर शैक्षणिक गुणवत्ता को मजबूती देने पर है। फिलहाल इसके लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने निर्धारित मानकों के साथ अब समय की भी एक रेखा खींच दी है।
वर्ष 2022 तक सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों को अब नैक के मानकों पर खरा उतरना होगा। इसके तहत उन्हें नैक के कुल स्कोर में से आधे से ज्यादा स्कोर हासिल करना होगा। यूजीसी ने यह पहल ऐसे समय की है, जब उच्च शिक्षण संस्थानों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अमल की मुहिम तेजी से चल रही है।
वैसे भी नीति के अमल के अगुवा उच्च शिक्षण संस्थान ही बने हुए है। ऐसे में यूजीसी का पूरा फोकस नीति के अमल के साथ गुणवत्ता के मोर्चे पर भी संस्थानों की मजबूती देने को लेकर है। यही वजह है कि यूजीसी ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों से शैक्षणिक गुणवत्ता को समय रहते दुरुस्त करने को कहा है। साथ ही नैक रैकिंग के मानकों के आधार पर अपने परखने को कहा है।
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