बिहार सरकार का बड़ा फैसला, पहली से 8वीं तक के बच्चों को इस साल भी बिना परीक्षा किया जाएगा पास
बिहार के सरकारी प्रारंभिक स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 1.66 करोड़ बच्चे इस साल भी बिना वार्षिक परीक्षा अगली कक्षा में प्रमोट किए जाएंगे। राज्य शिक्षा विभाग ने कोरोना संकट की वजह से लम्बे समय तक स्कूल बंदी और बच्चों के कॅरियर को देखते हुए यह फैसला लिया है।
मुख्य सचिव संजय कुमार ने कहा, 'पढ़ाई में हुए नुकसान की भरपाई के लिए अपने तीन माह की कैच-अप क्लास आयोजित करने का फैसला किया है। इन कक्षाओं में स्टूडेंट्स को बेसिक व जरूरी टॉपिक्स पढाए जाएंगे ताकि अगली कक्षा के कोर्स की पढ़ाई के दौरान उन्हें कोई दिक्कत न आए। इन कक्षाओं से उन स्डूडेंट्स को खासा लाभ होगा जो टीवी, इंटरनेट, स्मार्टफोन के अभाव के चलते ऑनलाइन क्लास में हिस्सा नहीं ले सके थे। मार्च मध्य में इन कक्षाओं के शुरू होने की उम्मीद है।'
इस बीच शिक्षा विभाग ने 9वीं कक्षा में पंजीकृत 13.17 लाख बच्चों की परीक्षा 26 फरवरी से 3 मार्च के बीच कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
बिहार बोर्ड ने अधिकारियों ने कहा, 'हमने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा है कि वह 24 फरवरी तक सभी ओएमआर शीट प्राप्त कर लें। 4 मार्च से विद्यार्थियों की प्रैक्टिकल परीक्षाएं होंगी।'
राज्य में कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाओं के लिए विद्यालय साढ़े 10 माह बाद 8 फरवरी से खुले हैं। राज्यभर के प्राथमिक स्कूल (कक्षा 1 से पांच) अब भी बंद हैं।
गौरतलब हो कि कोरोना संकट की वजह से शैक्षिक सत्र 2019-20 में भी वार्षिक परीक्षा नहीं ली जा सकी थी और दसवीं, 12वीं को छोड़कर अन्य सभी कक्षाओं के बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने का निर्देश दिया था। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए राज्य सरकार ने 13 मार्च 2020 को ही राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दे दिया था। बच्चे अगली कक्षा में प्रोन्नत तो हो गए लेकिन उनकी पढ़ाई आरंभ नहीं हो सकी। कई महीने बाद किताबें पाठ्य पुस्तक निगम की साइट पर अपलोड की जा सकीं। अलबत्ता दूरदर्शन पर कक्षाएं चलाकर शिक्षा विभाग और बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने बच्चों को शिक्षण से जोड़े रखने की कोशिश जरूर की।
पिछले साल 1.94 करोड़ छात्र-छात्राएं अगली कक्षा में प्रोन्नत हुए थे
शैक्षिक सत्र 2019-20 में कोरोना संकट के चलते जारी स्कूलबंदी के कारण दसवीं छोड़ पहली से 11वीं तक के सरकारी स्कूलों में नामांकित सभी बच्चों को बिना वार्षिक परीक्षा लिए ही अगली कक्षाओं में प्रोन्नति दे दी गयी थी। इस बाबत 8 अप्रैल 2020 को विभाग ने आदेश जारी किया था। इस निर्णय से 1.94 करोड़ छात्र-छात्राएं अगली कक्षा में प्रोन्नत हो गए थे। इनमें पहली से आठवीं तक के 1.66 करोड़, 9वीं के 16 लाख और 11वीं के करीब 12 लाख विद्यार्थी शामिल थे।
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