यूपी बोर्ड : जिला समितियों ने तय किए 8,514 परीक्षा केंद्र
पिछली सूची में से सिर्फ 17 केंद्र बढ़े, कल तक कर सकेंगे शिकायत
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 2021 परीक्षा लिए जिला समितियों ने केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 5.514 कर दिया है। बोर्ड की ओर से जारी सूची से ये 17 अधिक हैं।
ज्ञात हो कि बोर्ड ने 8,497 केंद्र तय करके जिलों को भेजा था। अन छात्र, अभिभावक, प्रबंधक या फिर प्रधानाचार्य इन केंद्रों पर फिर से गुरुवार तक आपत्तियां भेज सकते हैं। इसका निस्तारण बोर्ड सचिव व सभापति करेंगे और केंद्रों की अंतिम सूची 22 फरवरी को जारी होगी। यूपी बोर्ड ने जिलों से मिली सूचना के अनुसार प्रदेश भर में 8,497 केंद्र तय करके जिलों को भेजा था वहां इस सूची को सार्वजनिक करके आपत्तियां ली गईं। इसके बाद बड़े पैमाने पर केंद्रों में बदलाव हुआ है। मसलन, कुछ ऐसे विद्यालयों को अधिक परीक्षार्थियों का केंद्र बनाया गया था, जहां धारण क्षमता व संसाधन कम थे। उन कॉलेजों में बदलाव किया गया। इसी तरह से दूरी के मानकों को सुलझाया गया है। इसके अलावा 21 जनवरी को जारी शासनादेश के अनुसार केंद्रों में बदलाव किया गया है। सभी जिलों ने सोमवार देर शाम तक अपने यहां की सूची माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने बताया कि केंद्रों की सूची में कई बदलाव हुए हैं इसमें केंद्रों की संख्या बढ़कर 8,514 हो गई है, जो पिछली सूची से 17 अधिक हैं। अब इस सूची पर आपत्तियां ली जा रही हैं। फाइनल सूची अगले सप्ताह जारी की जाएगी।
यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले बीमार हुए तो मुख्य चिकित्साधिकारी करेंगे जांच
बोर्ड सचिव का निर्देश, चिकित्सीय अवकाश के आवेदन पर कराएं जंच, सीएमओ की ओर से दिए गए प्रमाणपत्र पर ही अवकाश होगा मान्य
शिक्षक व प्रधानाचार्य चिकित्सीय अवकाश लेकर यूपी बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी से बचना चाहते हैं तो सावधान हो जाएं ।इस बार उनका चिकित्सीय परीक्षण जिलों में मुख्य चिकित्साधिकारी की ओर से कराया जाएगा। जांच में अस्वस्थ मिलने पर ही ड्यूटी से मुक्त हो सकेंगे, वरना झ्यूटी तो करनी ही होगी, गलत आवेदन करने पर कार्रवाई भी हो सकती है। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 2021 की परीक्षाएं 24 अप्रैल से 12 मई तक चलेंगी। बोर्ड सचिव दिव्यकांत शुक्ल ने प्रदेश के जिला विद्यालय निरीक्षकों, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों व बेसिक शिक्षा अधिकारियों के साथ ही बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालयों के अपर सचिवों को पत्र भेजा है। प्रधानाचार्य व अध्यापक, केंद्र व्यवस्थापक व कक्ष निरीक्षक का कार्य नहीं करना चाहते हैं। वे अस्वस्थता प्रमाणपत्र देकर चिकित्सीय अवकाश प्राप्त कर लेते हैं। सचिव ने आदेश दिया है कि परीक्षा के सफल संचालन के लिए यह निर्णय लिया गया है कि परीक्षा शुरू होने से पहले जो प्रधानाचार्य, अध्यापक चिकित्सीय अवकाश के लिए आवेदन करें, उनका जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी के पास अस्वस्थता की पुष्टि कराने व चिकित्सा आवेदन पत्र को प्रति हस्ताक्षरित कराने के लिए भेजा जाए।
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