आगरा : तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते एआरपी रंगेहाथ गिरफ्तार, मुकदमा दर्ज
आगरा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के दल ने शनिवार दोपहर को बरौली अहीर के नगला बिहारी स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को तीन हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। वह प्राथमिक विद्यालय झारपुरा की प्रधानाध्यापिका से अनुपस्थिति लगने पर निलंबन से बचाने के लिए रुपये मांग रहा था। प्रधानाध्यापिका की शिकायत पर टीम ने जाल बिछाकर आरोपी को पकड़ लिया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है।
आगरा। बेसिक शिक्षा विभाग में गत सात वर्षों में 12 अधिकारी, शिक्षक व लिपिक घूस लेते विजिलेंस और एंटी करप्शन टीम की ओर से रंगे हाथ पकड़े गए। वर्ष 2014 से कोई वर्ष ऐसा नहीं गया, जिसमें शिक्षा विभाग से कोई पकड़ा न गया हो। इस सूची में शिक्षक भी हैं, जिनको विभाग की ओर से एवीआरसी और एआरपी (एकेडमिक रिसोर्स पर्सन) की जिम्मेदारी मिली थी।
पहले पांच, फिर 3 हजार रुपये पर हुआ राजी
एंटी करप्शन टीम के मुताबिक, जितेंद्र कुमार बरौली अहीर ब्लाक के नगला बिहारी स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक और खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) भी हैं। नीरजा शर्मा ने जितेंद्र से संपर्क किया। आरोप है कि जितेंद्र कुमार ने निलंबन से बचाने के एवज में पांच हजार रुपये रिश्वत मांगी। बाद में वह तीन हजार रुपये लेकर रिपोर्ट उनके पक्ष में देने को तैयार हो गया।
शिक्षिका ने यूटा से संपर्क किया था
आगरा। यूटा के जिला संयोजक दिनेश चाहर ने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान व प्रदेश संयोजक विक्रांत पटेरिया के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान चलाया जा रहा है। जितेंद्र शर्मा के पकड़े जाने के पीछे भी संगठन ने भूमिका निभाई। शिक्षिका ने जिलाध्यक्ष राज सोलंकी से संपर्क किया था, यूटा की टीम ने एंटी करप्शन से शिकायत करने का सुझाव दिया। कई और अधिकारी व कर्मचारी रडार पर हैं। संगठन के पदाधिकारी शनिवार को ताजगंज थाने भी पहुंचे।
ये रही पकड़े गए अधिकारियों व कर्मचारियों की सूची
थाना ताजगंज के कृपा धाम अपार्टमेंट निवासी नीरजा शर्मा बरौली अहीर स्थित गांव झारपुरा के प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापिका हैं। उन्होंने शुक्रवार को एंटी करप्शन में शिकायत की कि आठ जनवरी को तबीयत खराब होने के कारण वह 30 मिनट पहले प्राथमिक विद्यालय से चली आईं थीं। तभी खंड शिक्षा अधिकारी पहुंच गए। विद्यालय से अनुपस्थित पाकर स्पष्टीकरण मांगा। खंड शिक्षा अधिकारी ने प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार को स्पष्टीकरण देने के लिए कहा।
एंटी करप्शन टीम के मुताबिक, जितेंद्र कुमार बरौली अहीर ब्लाक के नगला बिहारी स्थित प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक है। वह खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) भी हैं। नीरजा शर्मा ने जितेंद्र से संपर्क किया।
उसने 18 जनवरी को उनके वाट्सएप नंबर पर स्पष्टीकरण मांगने से संबंधित रिपोर्ट भेजी। उनसे कहा कि वह निलंबित कर दी जाएगी। आरोप है कि जितेंद्र कुमार ने निलंबन से बचने के एवज में पांच हजार रुपये रिश्वत मांगी। उसने कई बार उन्हें फोन करके रकम देने के लिए कहा। वह तीन हजार रुपये लेकर रिपोर्ट उनके पक्ष में देने को तैयार हो गया।
टीम के पकड़ने पर खिड़की से कूदकर भागने लगा
एंटी करप्शन के निरीक्षक जसपाल पवार के मुताबिक, नीरजा शर्मा की शिकायत पर टीम बनाई गई। नीरजा शर्मा ने जितेंद्र कुमार को शनिवार को अपने फ्लैट पर बुलाया। उसके आने से एक घंटे पहले टीम पहुंच गई। उनके फ्लैट के दूसरे कमरे में बैठ गई। जितेंद्र कुमार फ्लैट पर दोपहर तीन बजे पहुंचा। बातचीत के बाद वह रकम लेकर जाने लगा। तभी एंटी करप्शन के निरीक्षक सूरज सिंह बाहर आ गए।
उन्होंने आरोपी को पकड़ लिया। उसे जैसे ही पता चला कि एंटी करप्शन की टीम है, वह भागने लगा। फ्लैट की खिड़की से भी कूदने का प्रयास किया। उसे किसी तरक काबू किया गया। फ्लैट से गाड़ी में लाने के दौरान भी हंगामा किया। इस पर लोगों की भीड़ भी लग गई। आरोपी से रिश्वत की रकम बरामद कर ली। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। रविवार को उसे मेरठ की एंटी करप्शन कोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा।
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