DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Wednesday, February 17, 2021

अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती अटकी

अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालयों और माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती अटकी



प्रयागराज। प्रदेश में अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालयों और अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक भर्ती अटकी हुई है। शासन ने भर्ती पर रोक लगा रखी है। हालांकि कुछ कॉलेजों ने शासन से विशेष अनुमति लेकर अपने यहां भर्तियां की हैं, लेकिन ज्यादातर कॉलेजों में भर्तियां नहीं हुईं हैं। अब नए शिक्षा सेवा आयोग के गठन के बाद अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालयों एवं विद्यालयों में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो सकती है।


दरअसल, अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालयों और अल्पसंख्यक अशासकीय विद्यालयों में भर्ती की प्रक्रिया प्रबंधन के जिम्मे होती थी। भर्ती में मनमानी और गड़बड़ी के अक्सर आरोप लगते रहते थे। ऐसे में शासन को भर्ती पर रोक लगानी पड़ी। तैयारी थी कि भर्ती संस्थाओं के माध्यम से ऐसे महाविद्यालयों एवं विद्यालयों में भर्ती कराई जाएगी। फिलहाल, उत्तर प्रदेश उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग अशासकीय महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती के 2003 पदों पर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए नोटिफिकेशन भी जारी किया जा चुका है, लेकिन इसमें अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालय शामिल नहीं हैं। वहीं, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड भी अशासकीय विद्यालयों में टीजीटी-पीजीटी भर्ती शुरू करने वाला हैं, लेकिन इसमें भी अल्पसंख्यक अशासकीय विद्यालय शामिल नहीं हैं।


प्रदेश में अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालयों की संख्या 21 है। इनमें से कुछ महाविद्यालयों की ओर से शासन में प्रार्थनापत्र देकर भर्ती की अनुमति मांगी गई थी। इन महाविद्यालयों में भर्ती भी हुई, लेकिन ज्यादातर अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालयों में अब भी असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती पर रोक लगी हुई है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश में नए शिक्षा सेवा आयोग का गठन होने वाला है। आयोग के गठन के बाद अल्पसंख्यक अशासकीय महाविद्यालयों और अल्पसंख्यक माध्यमिक विद्यालयों में भर्ती शुरू होने के पूरे आसार हैं।

No comments:
Write comments